० जनपद सदस्य बिहारीलाल का पटना 84 में राजनीतिक रूप से बड़ा कद, बड़ी पहचान।
० विपक्ष पर हमला करने से नहीं हटते पीछे और अपनी पार्टी का बचाव करने में महारत हासिल।
० कई बार जनपद सदस्य रह चुके बिहारीलाल लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव।
० पहले सरपंच व पंच पद पर निर्वाचित रह चुके बिहारीलाल लड़ चुके हैं जिला पंचायत का भी चुनाव।
० लगातार क्षेत्र की जनता से जुड़ाव और सतत जनसंपर्क से रहते हैं सुर्खियों में।
० क्षेत्र की जनता की सेवा है प्रण, जीवन रहते क्षेत्र की जनता की खुशहाली ही है लक्ष्य।
० शुरू से कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे बिहारीलाल राजवाड़े जनता जोगी कांग्रेस में रह चुके हैं शामिल।
० वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी कोरिया के हैं महामंत्री, निभा रहे बेहतर दायित्व।
० जनपद पंचायत सदस्य व सभापति बिहारीलाल राजवाड़े से घटती घटना की खास बातचीत।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 28 मार्च 2022 (घटती-घटना)। कोरिया कांग्रेस के कद्दावर नेता वर्तमान में बैकुंठपुर विकासखण्ड के कटोरा, बरदिया, सावारावा से जनपद सदस्य व जनपद पंचायत बैकुंठपुर के सभापति बिहारीलाल राजवाड़े से घटती घटना ने खास बातचीत की जिसमें उनके राजनीतिक जीवन सहित उनकी भविष्य को लेकर सोच और वर्तमान राजनीतिक गतिविधियों को लेकर चर्चा की गई। बिहारीलाल राजवाड़े वैसे तो जनपद पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित होकर निर्वाचित जनप्रतिधि का दायित्व निर्वहन कर रहें हैं लेकिन उन्हें जिला कांग्रेस कमेटी कोरिया में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली हुई है और वह जिला महामंत्री के पद पर बेहतर संगठनात्मक दायित्व का भी निर्वहन कर रहें हैं और कांग्रेस संगठन को मजबूती प्रदान कर रहें हैं।
घटती घटना से खास बातचीत के दौरान बिहारीलाल राजवाड़े ने यह भी बताया कि उनका राजनीतिक जीवन ग्राम पंचायत के सरपंच के रूप में निर्वाचित होते हुए वर्ष 1994 में आरंभ हुआ और वह वर्ष 2000 तक ग्राम पंचायत बरदिया के सरपंच रहे। बेहद सामान्य कृषक परिवार से आने वाले बिहारीलाल राजवाड़े ने यह भी बताया कि उनका परिवार मुख्य रूप से कृषि पर ही आधारित रहा शुरू से लेकिन उनके पिता जो कि शिक्षा विभाग में ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में पदस्थ रहकर शासकीय सेवा में रत थे जिसकी वजह से उनकी जिम्मेदारियां परिवार खेती सहित सामाजिक रूप से ज्यादा बढ़ी हुई होती चली गई क्योंकि उनके पिता को नौकरी की वजह से ज्यादा समय इन कामों के लिए मिलना मुश्किल हो जाता था। बिहारीलाल राजवाड़े ने यह भी बातचीत के दौरान बताया कि उनका शैक्षणिक जीवन भी बेहतर रहा क्योंकि उन्होंने गांव में रहते हुए ही वाणिज्य विषय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और उसके पश्चात ही उन्होंने राजनीतिक जीवन मे सरपंच बतौर निर्वाचित होकर प्रवेश किया।
क्षेत्र सहित गांव के विकास की मंशा से राजनीति प्रवेश
बातचीत के दौरान बिहारीलाल राजवाड़े ने बताया कि जिस समय उन्होंने स्नातकोत्तर उपाधि ग्रहण की उस समय नौकरियां मिलनी बहोत ज्यादा कठिन नहीं था,लेकिन गांव सहित क्षेत्र विकास की ललक की वजह से राजनीतिक प्रवेश की इक्षा हुई और उन्होंने सरपंच बनकर ग्राम विकास की जिम्मेदारी निभानी शुरू की।
पंच पद पर भी हुए निर्वाचित
जिले में पांचवी अनुसूची लागू होने उपरांत वर्ष 2000 में बिहारीलाल राजवाड़े ने पंच का भी चुनाव ग्राम वार्ड से लड़कर जीता और ग्राम विकास की अपनी लालसा कायम रखी यह बताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में प्रवेश और जनसेवा का जज्बा ही था जो सरपंच के बाद पंच रहकर भी कार्य करने में संकोच उत्पन्न मन मे नहीं कर सका।
वर्ष 2006 में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी बैकुंठपुर की जिम्मेदारी बखूबी निभाई
वर्ष 2006 में बिहारीलाल राजवाड़े ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चुने गए और उन्होंने कांग्रेस संगठन को बैकुंठपुर विकासखण्ड में मजबूत करने का प्रयास बेहतर तरीके से किया। उन्होंने बताया कि उस समय भाजपा की सरकार थी और विपक्ष की भूमिका में बड़ी कठिनाई भी हुआ करती थी संख्याबल के साथ किसी प्रदर्शन या पार्टी कार्यक्रम की सफलता के लिए लेकिन सभी कुछ बेहतर हो सके मन मे यह सदैव लक्ष्य लेकर चलने से लगातार सफलता मिलती रही और पार्टी को भी शिकायत का मौका कभी नहीं मिला।
जनपद पंचायत चुनाव में सपत्नीक शामिल होने का लिया निर्णय
बिहारीलाल राजवाड़े ने बातचीत के दौरान बताया कि राजनीतिक जीवन मे प्रवेश के पश्चात फिर अन्य किसी कार्यक्षेत्र की तरफ मुड़कर देखने का ज्यादा मन मे विचार नहीं आया, रोजी रोटी के लिए छोटे मोटे निर्माण से जुड़े व्यवसाय जरूर किये लेकिन क्षेत्र सहित क्षेत्र की जनता की सेवा करना प्रबल इक्षा बन चुकी थी, जनता की समस्याओं के निराकरण की जिद ठन चुकी थी मन मे इसलिए उन्होंने वर्ष 2009-2010 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में बतौर जनपद सदस्य निर्वाचित होने का फैसला किया और सपत्नीक दो अलग अलग जनपद पंचायत क्षेत्रों से स्वयं सहित अपनी पत्नी वीणा देवी राजवाड़े के साथ जीत दर्ज किया। बिहारीलाल राजवाड़े ने बातों ही बातों में बताया कि क्षेत्र की जनता का स्नेह और प्रेम साथ ही उनके ऊपर उनके पुराने राजनीतिक कार्यकाल को देखकर ही हुआ विश्वास था जिसकी वजह से वह स्वयं व उनकी पत्नी दोनों जनपद सदस्य के रूप में निर्वाचित हो सके। जनता का प्रेम और जनता का विश्वास उनके प्रति बना रहा इसको लेकर वह जनता को धन्यवाद देते भी नहीं थकते।
लगातार जनपद सदस्य पद पर निर्वाचित होते चले आ रहें हैं बिहारीलाल राजवाड़े
वर्ष 2009-2010 से लगातार बिहारीलाल राजवाड़े जनपद सदस्य पद पर निर्वाचित होते चले आ रहें हैं। 2015 में बैकुंठपुर जनपद पंचायत के बरदिया, करहियाखांड, मुरमा, चम्पाझर से जनपद सदस्य चुने गए बिहारीलाल राजवाड़े वहीं 2020 में पुन: उन्हें बरदिया, कटोरा, सावारावा से जनपद सदस्य के चुनाव में जीत मिली और वह निर्वाचित होकर जनपद पंचायत बैकुंठपुर के सदस्य बनकर बैकुंठपुर जनपद पहुंचे जहां अभी वर्तमान में वह जनपद पंचायत बैकुंठपुर में सभापति का भी दायित्व निर्वहन कर रहें हैं।
विधानसभा का चुनाव भी लड़ड़ चुके हैं बिहारीलाल राजवाड़ड़े
क्षेत्र विकास व जनसेवा व जन समस्या निवारण के लक्ष्य को आगे रखकर बिहारीलाल राजवाड़े ने राजनीतिक जीवन मे अपने बढ़ते कदम को थमने नहीं दिया ।बिहारीलाल राजवाड़े ने बताया कि कभी पीछे मुड़कर देखा नहीं क्या पाया और क्या खोया मैंने, हां क्षेत्र की जनता का प्यार अपनत्व व स्नेह मिलता रहा उनकी सेवा और समस्याओं का निराकरण करते हुए मैंने अपना कर्तव्य भी निभाने में कोई कोताही नहीं बरती वहीं वह छत्तीसगढ़ जनता जोगी कांग्रेस से विधानसभा बैकुंठपुर के लिए वर्ष 2018 के चुनाव में प्रत्यासी बनाये गए और उसमें उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा जिसको लेकर भी उनका कहना है कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती भी है और लोकतांत्रिक अधिकार जनता का जनता जिसे ज्यादा पसंद करती है उसे चुनती है और शायद मुझे जनता ने विधानसभा में कम पसंद किया इसबार जिसे लेकर जनता के प्रति मेरा आदरभाव कम भी नहीं हुआ है।
कांग्रेस छोड़कर जाने के निर्णय को लेकर दिया जवाब
बिहारीलाल राजवाड़े ने विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 के पूर्व कांग्रेस का दामन छोड़कर स्व अजीत जोगी जी की पार्टी से पार्टी की ही टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और पराजित भी हुए। अपने कांग्रेस छोड़कर जाने के निर्णय को लेकर बिहारीलाल राजवाड़े कहते हैं कि वक्त और समय अनुसार राजनीति में निर्णय लेने की जरूरत हर किसी को होती है मैंने भी निर्णय लिया जनता भी अपना निर्णय बदलती रहती है और वह भी दोषी नहीं होती है। मैंने कांग्रेस पार्टी के ही पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस से बाहर जाकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था और स्व अजीत जोगी के नहीं रहने की दशा में उनके द्वारा गठित दल का भी औचित्य समाप्त हो चुका था और लगभग सभी कांग्रेस के ही विचारधारा से जुड़े लोग उस वक्त उस पार्टी में शामिल भी हुए तो मेरा भी निर्णय उधर की तरफ गया। अब पुन: मैंने अपने पुराने परिवार कांग्रेस पार्टी में वापसी कर ली है और मैं पूर्ण आस्था और समर्पण के साथ पार्टी के साथ पार्टी को मजबूती प्रदान करने का कार्य कर रहा हूं और करता भी रहूंगा।