32 सालो΄ मे΄ मुसलमानो΄ का खून नजर नही΄ आया
नई दिल्ली, 28 मार्च 2022। द कश्मीर फाइल्स जबसे रिलीज हुई है तब से इस फिल्म पर लगातार विवाद हो रहा है। इस फिल्म का मुद्दा स΄सद मे΄ भी उठा, इस फिल्म पर साा पक्ष से लेकर विपक्ष के नेताओ΄ तक के बयान आए। अभी भी इस फिल्म के पक्ष और विपक्ष मे΄ लगातार बयानबाजी की जा रही है। इसी कड़ी मे΄ एक नया बयान जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के जामा मस्जिद के मौलवी फारुख ने दिया है। उन्हो΄ने इस फिल्म को बैन करने की मा΄ग की है।
मस्जिद के अ΄दर दिए गए अपने स΄बोधन मे΄ उन्हो΄ने कहा कि कश्मीरी मुसलमानो΄ के दुख दर्द को भुला दिया गया। हजारो΄ मुसलमान भी मारे गए थे। लेकिन उन पर बात कही नही΄ की जा रही है। उन्हो΄ने कहा यह फिल्म समाज को बा΄टने के लिए बनाई गई है। मौलवी फारुख ने आगे कहा कि हमने 800 साल शासन किया है। इन लोगो΄ ने 70 साल किया, हमारी पहचान को मिटाना मुमकिन नही΄ है।
कश्मीर फाइल्स पर बोलते हुए उन्हो΄ने कहा 32 साल बाद उन्हे΄ कश्मीरी प΄डितो΄ का खून नजर आया। लेकिन इन 32 सालो΄ मे΄ कितने मुसलमान मारे गए, औरते΄ विधवा हो गई΄, लेकिन उन्हे΄ कश्मीरी मुसलमानो΄ का खून नजर नही΄ आया, उनका कही΄ जिक्र नही΄ है।
आपको बताते चले΄ कि द कश्मीर फाइल्स मे΄ 90 के दशक मे΄ घाटी मे΄ प΄डितो΄ के साथ हुए अत्याचार और उनके वहा΄ से पलायन को दिखाया गया है। इस फिल्म को देखने की अपील प्रधानम΄त्री मोदी भी कर चुके है΄। इस फिल्म पर चल रहे विवादो΄ के बावजूद यह फिल्म बॉस ऑफिस पर धमाल मचा रही है। फिल्म दो हफ्तो΄ मे΄ 200 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।
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