सूरजपुर 25 मार्च 2022 (घटती-घटना)। पण्डोनगर राष्ट्रपति भवन पहुंची राज्यपाल अनुसुईया उईके ने अति पिछड़े पण्डो समाज एवं अति पिछड़े आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं से रूबरू हुई। यहां आला प्रशासनिक अधिकारियों एवं अति पिछड़े आदिवासी समाज के लोगों ने उनका आत्मीय स्वागत भी किया। विशेष पिछड़ी जनजाति सम्मेलन में मुख्य अतिथि अनुसुईया उईके राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन ने कहा कि बड़े गर्व की बात है कि पण्डो और कोरवा जैसे अत्यंत पिछड़ी जनजाति को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दत्तक पुत्र के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सात जनजातियों के लोग निवास करते हैं। यही कारण है कि उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनाने से लेकर नौकरी प्राप्त करने में काफी अड़चनें आ रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासी वर्ग के उत्थान के लिए विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है, लेकिन अशिक्षा के कारण समाज के लोग अभी भी शोषण के शिकार हो रहे हैं। शोषण का प्रमुख कारण आदिवासी समाज का ईमानदार और स्वाभिमानी होना भी है। ऐसे में हमें जागरूक और एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैंने गरीबी को निकट से देखा है। शासन, प्रशासन आपके समुचित विकास की तमाम कोशिश कर रही है, किंतु आपकी अज्ञानता आपके शोषण का कारण बन रही है। झाड़-फूंक और अंधविश्वास की परंपरा से ऊपर उठकर बीमार होने पर गंभीर बीमारी का ईलाज चिकित्सालय जाकर कराएँ। गर्भवती महिलाओं के लिए शासन बेहतर कार्य कर रही है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पौष्टिक आहार वितरण किए जा रहे हैं। जिससे बच्चे समुचित स्वस्थ रहेंगे। इसके लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को सामने आना होगा। उन्होंने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान कार्ड योजना का इलाज में लाभ लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। वे तत्काल अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें। सरगुजा संभाग पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आता है। जहां शासन की अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित है। जिनकी जानकारी लेकर आप सभी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेकर अपना उत्थान करें।
उन्होंने अति पिछड़ा जनजाति को शोषण से बचाने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने स्थानीय स्तर पर प्रयास करने की बात कही। कला एवं संस्कृति को संजोकर रखने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। सामाजिक उत्थान के लिए प्रभावी क्रियान्वयन तथा बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होगा। हमें पांचवी अनुसूची का प्रयोग करना होगा। अनुसूचित क्षेत्र में ग्रामसभा के माध्यम से निर्णय लिया जाएगा तथा आप लोगों में से ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुना जाना चाहिए। उन्होंने अवैध तरीके से कब्जा करने वालों की जांच कराकर शासकीय भूमि को मुक्त करने की बात कही।
उन्होंने महिलाओं से सशक्त मजबूत होने का आव्हान किया। महिलाओं के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हमें काम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने समाज की परंपरा को बनाए रखने के लिए कोदो, कुटकी आदि का उत्पादन करने एवं महुआ, चिरौंजी एवं रागी जैसे फसलों का उत्पादन निरंतर करने की बात कही। जिससे समाज आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होंने महिलाओं से जागरूक होने की बात कही। राज्यपाल ने समाज के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों पर चिंता जाहिर करते हुए जिला प्रशासन को इसका निराकरण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने वर्षों से काबिज अति पिछड़े ग्रामीणों को पट्टा देने की कार्रवाई तेजी से करने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने समाज के लोगों को प्रभावित करने वाले अतिक्रमण को तत्काल हटाने की बात कही।
राष्ट्रपति भवन का
किया अवलोकन
प्रवास के दौरान उन्होंने सर्वप्रथम पण्डोनगर पहुंचकर राष्ट्रपति भवन का अवलोकन किया। जहां सरगुजा कमिश्नर जीआर चुरेंद्र समेत सुरजपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, एसपी राजेश अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ राहुल देव, डीएफओ मनीष कश्यप, प्रशिक्षु आईपीएस संदीप पटेल एवं समाज के लोगों ने राज्यपाल का आत्मीय स्वागत किया।
राष्ट्रपति भवन के अवलोकन के दौरान उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति भवन में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इस दौरान उन्होंने गांव के पण्डो जनजाति के तीन विद्यार्थियों को जो पीएटी में चयनित हुए है को भी सम्मानित किया। वहीं उन्होंने मंच से पण्डो जनजाति के वरिष्ठ सदस्यों एवं पदाधिकारियों को भी सम्मानित कर उनकी हौसला अफजाई की।
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