रायपुर@गर्मी बढ़ते ही आगजनी का बढ़ा खतरा

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रायपुर, 24 मार्च 2022। गर्मी के दिनो΄ मे΄ अन्य मौसम की अपेक्षा ज्यादा आगजनी की घटना होती है, यो΄कि वातावरण मे΄ नमी कम होता है और एक छोटी सी चि΄गारी दहक उठती है. वही΄ चि΄ता का विषय है कि प्रदेश मे΄ फायर सेफ्टी को लेकर कोई ठोस कदम नही΄ उठाया जा रहा है. इसीलिए सवाल उठाया जा रहा है कि इस बार की गर्मी मे΄ भी हर साल की तरह छाीसगढ़ आग की लपटो΄ मे΄ झुलस न जाए.
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने पहले चरण मे΄ हॉस्पिटल मे΄ फायर सेफ्टी सिस्टम और व्यवस्था को लेकर पड़ताल किया, जिसमे΄ 50 प्रतिशत से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटलो΄ मे΄ फायर सेफ्टी की व्यवस्था नियमानुसार नही΄ है. कई बार हॉस्पिटल मे΄ आगजनी की घटना हो चुकी है. कई लोगो΄ की आग की लपेट मे΄ आने से मरीजो΄ की मौत हो चुकी है, लेकिन अब तक व्यवस्था दुरुस्त नही΄ किया गया है. इससे स्पष्ट है कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किस तरह से कर रहे है΄ ?
पड़ताल मे΄ ये तथ्य सामने आया है कि राजधानी रायपुर मे΄ लगभग हॉस्पिटल, लैब, लीनिक, पैथोलॉजी, मिलाकर 1100 से ज्यादा है, लेकिन इनमे΄ से 700 से ज्यादा स΄स्थानो΄ के पास ही स΄स्थान चलाने के लिए लाइसे΄स नही΄ है, यो΄कि इनके पास पर्यावरण फायर सेफ्टी, निगम का सर्टिफिकेट, बिल्डि΄ग कोट की अनुमति नही΄ है΄. इस मुद्दे को लेकर सीएमएचओ डॉटर मीरा बघेल ने कहा कि टीम बनाकर निरीक्षण किया जा रहा है और जिनके यहा΄ खामिया΄ है, जिसकी वजह से उनको लाइसे΄स नही΄ दी जा रही है. उनको प्रॉसेस से अवगत कराया जा रहा है और लाइसे΄स नही΄ लेने पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी जा रही है. प्रक्रिया से अवगत कराने के बाद धीरे-धीरे हॉस्पिटल स΄चालन करने के लिए मान्यता ली जा रही है. ज्तयादातर मामलो΄ मे΄ फायर सेफ्टी का पेच फ΄स रहा है.
वही΄ इस मामले को लेकर हॉस्पिटल बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष डॉटर राकेश गुप्ता ने कहा कि ये सही बात है कि कुछ बड़े स΄स्थानो΄ मे΄ ही फायर सेफ्टी की व्यवस्था और लाइसे΄स है. बाकी गलत व जटील बाहरी नियमो΄ के कारण लाइसे΄स लेना बहुत जटिल है इसके सरलीकरण के लिए सरकार से बातचीत का दौर जारी है. बहुत ही जल्द नियम मे΄ बदलाव किए जाए΄गे.
वही΄ जिम्मेदार अधिकारियो΄ द्वारा लगातार भ्रष्टाचार करने की शिकायत सामने आ रही है. लाइसे΄स देने के नाम पर उगाही की जा रही है. इसको लेकर उच्चाधिकारियो΄ और सीएम से शिकायत की गई है.
नियम कानून जटिल होने के कारण छोटे लायक लीनिक हॉस्पिटल मे΄ फायर सेफ्टी व्यवस्था करना बहुत जटिल है. इसलिए लाइसे΄स प्रक्रिया लटक गई है. चि΄ता का विषय ये भी है कि दिल्ली के बिल्डि΄ग अधिनियम को छाीसगढ़ मे΄ लागू किया गया है. छाीसगढ़ मे΄ फायर सेफ्टी को लेकर यहा΄ की व्यवस्था अनुरूप कोई नियम कानून नही΄ है. साथ ही नियमानुसार निरीक्षण कर सके ऐसा कोई सक्षम अधिकारी भी नही΄ है.


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