3 साल पुराने रोड रेज मामले मे΄ फिर फ΄से सिध्दू
25 मार्च को होगी सुप्रीम कोर्ट मे΄ सुनवाई
नई दिल्ली, 21 मार्च 2022। प΄जाब का΄ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सि΄ह सिद्धू की मुसीबते΄ कम नही΄ है΄. 33 साल पुराने रोड रेज के मामले मे΄ नवजोत सि΄ह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से हुई सजा पर पुनर्विचार के लिए दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को 2 बजे सुनवाई करेगा.
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रोड रेज के इस मामले मे΄ दी गई सजा पर सिद्धू को नोटिस भेजकर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था. दरअसल रोड रेज मामले मे΄ पीडि़त परिवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट मे΄ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. इस मामले मे΄ एक हस्तक्षेप याचिका भी सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.
धारा 304 के तहत द΄ड दिए जाने की लगाई गुहार
इस हस्तक्षेप याचिका मे΄ सिद्धू को ढ्ढक्कष्ट की धारा 304 के तहत द΄ड दिए जाने की गुहार लगाई गई है. इसके अलावा याचिका मे΄ याचिकाकर्ता ने पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि सिर मे΄ ग΄भीर चोट लगने से मौत की आश΄का जताई गई है. चू΄कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मे΄ यह साफ कहा गया है कि हार्ट अटैक से मौत नही΄ हुई. इसलिए उनपर 304 के तहत सजा दी जानी चाहिए.
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि जिस घटना मे΄ किसी की मौत हुई हो, उसमे΄ सिर्फ मारपीट की धारा लगाना गलत था. यो΄कि मामला और म΄शा भी आखिरकार हत्या की ही रही तो सजा भी उसी की होनी चाहिए थी.
या था मामला
यह मामला साल 1988 का है, जब सिद्धू एक क्रिकेटर थे. 27 दिस΄बर की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपि΄दर सि΄ह स΄धू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट गए थे. इसी मार्केट मे΄ कार पाकिर्΄ग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सि΄ह से झगड़ा हो गया था. बात हाथापाई तक जा पहु΄ची थी. सिद्धू ने गुरनाम सि΄ह को घुटना मारकर गिरा दिया था. उसके बाद गुरनाम सि΄ह को अस्पताल ले जाया गया, जहा΄ उनकी मौत हो गई थी.
उसी दिन सिद्धू और उनके दोस्त रूपि΄दर पर कोतवाली थाने मे΄ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. सेशन कोर्ट मे΄ केस चला जो 1999 मे΄ खारिज कर दिया गया. लेकिन दिस΄बर 2006 मे΄ हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया और सिद्धू और स΄धू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा के साथ 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे΄ चुनौती दी गई. 2018 मे΄ सिद्धू का केस दिव΄गत नेता अरुण जेटली ने लड़ा और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. सिद्धू और स΄धू को सभी आरोपो΄ से बरी कर दिया और सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इसी फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की गई है.
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