छोटे झाड़ जंगल मद की जमीन की रजिस्ट्री में कई पेच, रजिस्ट्री पड़ सकती है खटाई में, क्या अधिकारी सब कुछ जानने के बावजूद अनुमति देने का दिखाएंगे दम?
- मामला पटना गायत्री मंदिर के समीप स्थित छोटे झाड़ मद की जमीन खरीदी बिक्री का।
- जिले के ही वन विभाग के अधिकारी के रिश्तेदार के नाम से होनी है रजिस्ट्री।
- वन विभाग के अधिकारी के रिश्तेदार लगातार रजिस्ट्री के लिए कर रहें हैं प्रयास ?
- क्या रजिस्ट्री शुल्क कम करने के लिए जमीन में स्थित पेड़,कुआं व सडक़ की छुपाई जा सकती है जानकारी ?
- यदि रजिस्ट्री की अनुमति दी भी जाती है तो क्या सही मूल्यांकन होगा।
- जमीन पर बने मकान में सर्व सुविधा उपलब्ध है, क्या मूल्यांकन में भवन का सही मूल्यांकन होगा ?
रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 20 मार्च 2022 (घटती-घटना)। जिले के पटना उप तहसील अंतर्गत गायत्री मंदिर चौक के समीप स्थित जमीन भु-अभिलेखों में छोटे झाड़ जंगल मद के नाम से दर्ज है, जिस जमीन की बहोत बड़े कीमत पर बिकने की चर्चा आम है जो खबर में भी कुछ दिनों पूर्व सामने आई थी, जमीन की बिक्री की खबर भी प्रकाशित किया गया था जिस पर खबर से खरीदी व बिक्री करने वाले बौखलाकर खबर को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई थी और अपनी शिकायत में जमीन के मालिक ने जमीन ना बेचने की बात की थी और जमीन बिक्री की खबर को अफवाह बतया था। पर वही दस्तावेजों की माने तो जमीन खरीदी बिक्री के लिए संबंधित विभाग में आवेदन लगाया गया है यहां तक कि अखबारों में इश्तिहार भी जारी किया गया था पर सवाल यह उठता है जब जमीन की खरीदी बिक्री नहीं हो रही है तो फिर इश्तिहार क्यों जारी कराया गया? उक्त जमीन बिक्री की अनुमति क्यों मांगी जा रहे रही है?
वैसे बताया जा रहा है कि वन विभाग के जिस रिश्तेदार द्वारा यह जमीन लिया जा रहा है उसका काम ही जमीन खरीदने का है और वह लगातार क्षेत्र में जमीनों की खरीदी कर भी रहें हैं। पटना क्षेत्र में ही वन विभाग के उक्त अधिकारी के रिश्तेदार व खुद वन विभाग अधिकारी व उनके परिवार के नाम से कई करोड़ की जमीन पटना क्षेत्र में खरीदी जा चुकी है। पटना गायत्री मंदिर चौक के समीप स्थित जिस छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि की खरीदी वर्तमान में वन विभाग के अधिकारी के रिश्तेदार कर रहें हैं उस जमीन को लेकर कई बातें सामने आ रहीं हैं और बताया जा रहा है कि भारी लेनदेन कर 40 बिंदुओं की जांच भी खरीदने वाले के पक्ष में कर दिया गया है और अब अनुमति मिलने मात्र की देरी है। वैसे इस मामले में मौजूदा नायाब तहसीलदार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए फाइल को ऊपर भेजने की बात कही थी अब देखना यह है कि इसकी अनुमति कहां से मिलती है?
खबर प्रकाशन के बाद राजस्व विभाग भी हरकत में आया था
छोटे झाड़ जंगल मद की जमीन खरीदी बिक्री की खबर समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद राजस्व विभाग भी हरकत में आया था और मामले में राजस्व विभाग ने भी जांच पड़ताल शुरू की थी और यह पड़ताल की थी कि क्या छोटे झाड़ जंगल मद की उक्त जमीन की बिक्री के लिए अनुमति ली गई थी या नहीं ली गई थी, मामले में जो बात सामने आई थी उसके अनुसार अनुमति के लिए आवेदन लगाया गया था लेकिन अनुमति 40 बिंदुओं के आधार पर मिलने की वजह से अप्राप्त था और उसी की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो सकी थी वरना जमीन बिक चुकी होती। वैसे अभी जो बात सामने आ रही है उसके अनुसार 40 बिंदुओं में जांच कर जब प्रतिवेदन जिलाधीश के समक्ष पहुंचेगा तभी अनुमति मिलने की संभावना है और 40 बिंदुओं की जांच में यदि कोई भी त्रुटि या कमी पाई जाती है तो जमीन बिक्री की अनुमति मिलने का सवाल ही नहीं उठता।
40 बिंदुओं की जांच में बहोत कुछ छिपाया गया,सूत्र
बताया जा रहा है उक्त भूमि को वन विभाग के अधिकारी के रिश्तेदार को बेचने के लिए बहोत कुछ छिपाया गया जिसमे राजस्व विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों की संलिप्तता की बात भी आ रही सामने, बताया जा रहा है कि जांच में जो 40 बिंदुओं की हुई है उसमें दोनों तरफ की सड़कों को भी नहीं दर्शाया गया है वहीं जमीन पर क्या क्या मौजूद है उसमें से कुछ चीजों को नेस्तनाबूद किया गया है जमीन पर ही निर्मित भवन में टाइल्स व रंग रोगन का कार्य भी कराया गया, पर क्या इसका सही मूल्याकन राजस्व विभाग कर पाएगा? या रजिस्ट्री शुल्क कम हो जाये इसलिए किया सब छुपाया जाएगा?
क्या जमीन का सही मूल्यांकन होगा
उक्त भूमि लगभग करोड़ से उपर में बिकने की चर्चा है जबकि बिक्री का उचित मूल ना दिखकर शासकीय दर से दिखाया जाएगा वहीं जिन चीजों को रजिस्ट्री के दौरान छिपाया जा रहा है क्या उनकी फिर से जांच कर राजस्व विभाग उचित रजिस्ट्री शुल्क तय कर पाएगा या नहीं यह आगे देखने को मिलेगा, वैसे कुंआ, पेड़ों सहित घर मे लगे टाइल्स का भी मूल्यांकन रजिस्ट्री शुल्क के लिए किया जाता है कि नहीं यह भी बात आगे देखने को मिलेगी। फिल हल तो रजिस्ट्री के लिए अनुमति जरुरी है मिलता है या नही यह तो अधिकारियो के विवेक पर निर्धरित है।
छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि खरीदी बिक्री नहीं कि जा सकती
राजस्व नियमों के तहत छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि की खरीदी बिक्री नहीं कि जा सकती और यदि बिक्री होगी भी तो अनुमति लेनी आवश्यक है वैसे जिले में कइयों मामलों में अनुमति प्रदान नहीं कि गई और यदि इस मामले में अनुमति मिलती है तो यह पहला मामला होगा, अब यह बात इस जमीन की बिक्री होने के बाद जरुर सामने आएगी की भूमाफिया की तर्ज पर लगातार जिले में जमीन खरीद रहे उक्त वन विभाग के अधिकारी के रिश्तेदार व वन विभाग के अधिकारी के लिए क्या जिला प्रशासन नियमों में छूट देता है और उन्हें जमीन रजिस्ट्री की अनुमति देता है।
व्यापवर्तित जमीन की बिक्री के दौरान अनुमति हेतु क्रेता का नाम बताना है अनिवार्य
बताया जाता है कि व्यपवर्तित जमीन यदि बेची जा रही है तो अनुमति के दौरान क्रेता का नाम भी विक्रेता को प्रस्तुत करना सार्वजनिक करना अनिवार्य होता है,इस मामले में क्रेता का नाम का कालम रिक्त है ओर बताया जा रहा है कि जांच भी पूर्ण हो चुकी,इससे भी मामले में लेनदेन की खबर को बल मिलता है।
जमीन से जुड़े कुछ सवाल
सवाल नम्बर 1– यदि उक्त भूमि के व्यपवर्तन के दस्तावेज सही हैं तो अन्य ऐसे ही छोटे झाड़ जंगल मद के भूस्वामियों को क्यों अनुमति नहीं मिल रही है?
सवाल नम्बर 2– उक्त व्यपवर्तित भूमि की बिक्री के लिए व्यपवर्तन के परिवर्तन के लिए अनुमति मांगी गई है, उक्त अनुमति के लिए प्रस्तुत आवेदन में क्रेता का नाम दर्ज नहीं है जबकि नियमानुसार क्रेता का नाम दर्ज करना अनिवार्य है, आखिर क्यों क्रेता का नाम दर्ज नहीं है और बिना क्रेता के नाम दर्ज किए कैसे अनुमति दी जा रही है?
सवाल नम्बर 3– यदि उक्त छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि के विक्रय की अनुमति दी जाती है तो क्या राजस्व विभाग सही मूल्यांकन कर पायेगा या जैसा प्रस्तुत कर राजस्व को घाटा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है वैसा ही होने दिया जाएगा?
सवाल नम्बर 4– क्या जिले में प्रतुस्त अन्य आवेदनों पर जो छोटे झाड़ जंगल मद की भूमियों के विक्रय के लिए लगाई गई हुईं हैं उनपर भी इसी तरह नियमों को ताक पर रखकर अनुमति दी जाएगी?
सवाल नम्बर 5– उक्त जमीन को लेकर कई पेंच हैं और उक्त जमीन एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा खरीदी जा रही है क्या प्रभाव के बल पर रजिस्ट्री संभव हो सकेगी।
सवाल नम्बर 6– क्या नियम विरुद्ध जाकर प्रशासन छोटे झाड़ जंगल मद की जमीन की रजिस्ट्री की देगा अनुमति?
सवाल नम्बर 7– छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि के विक्रय की अनुमति विशेष परिस्थितियों में प्रदान करने का है जिसमे बिटिया का विवाह या चिकित्सा हेतु पैसों की जरूरत होने पर ही जमीन बेचने की अनुमति का प्रावधान है जैसा जानकार भी बताते हैं, इस मामले में ऐसी कोई आवश्यकता बेचने वाले को नहीं है और वह सम्पन्न है, क्या उसके बाद भी अनुमति प्रदान की जाएगी?