अम्बिकापुर,14 मार्च 2022 (घटती-घटना)। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएस सिसोदिया के मार्गदर्शन में समस्त विकासखण्ड में 6 से 12 मार्च तक विश्व ग्लॉकोमा जागरूकता मनाया गया। इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हेल्थ वैल्य वेलनेस सेंटर एवं राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर में नि:शुल्क आंखों की जांच, लोगों को जागरूक एवं इस संबंध में कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की जांच किया गया। इस बिमारी के बारे में लोगों में जागरूकता कारने आगनबाडी केन्द्रों, स्कूलों एवं पंचायतों में चौपाल लगाया कर संगोष्टी भी आयोजित किया गया। लोगों को कोमा यानि काला मोतिया (कांचियाबिंद) आंखों की गंभीर बिमारी है, जो कई बार आंखों की रोशनी छिन लेती है, कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते समय हमारी आंखों पर बहुत असर पड़ता है पर हम इसे गंभीरता से नहीं लेते आंखों से संबंधित परेशानियों की अनदेखी और लापरवाही धीरे-धीरे ग्लॉकोमा जैसे गंभीर बिमारी का रूप ले लेती है। जिसमें आंखों की रोशनी चली जाती है। यह बिमारी उम्रजनित और अनुवांशिक भी होती है।
6 से 12 मार्च के बीच सप्ताह भर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 3412 मरीज देखे गये, जिसमें मोतियाबिंद के 294 संभावित ग्लॉकोमा के 27, प्रेसबायोपिक मरीज 24 व अन्य बिमारी के 334 मरीज का सप्ताह भर आयोजित शिविरों में मिले हैं। मोतियाबिंद संभावित ग्लॉकोमा मरीजों को शासकीय चिकित्सा अधिकापुर रेफर किया गया, जिसमे 2 मरीज ग्लॉकोमा के कारण अपना आंख की रोशनी गया चुकी थी। जही 6 से 12 मार्च 2022 तक रिफर किये गये 84 मोतियाबिंद मरीजों का डॉ रजत टोप्पो एवं डॉ संतोष एक्का द्वारा सफल आपरेशन कर उन्हें रोशनी दी गई। कार्यक्रम के अंतिम दिन नेत्र रोग विभाग में विभाग प्रमुख राकेश सोरी द्वारा वार्डो में आपरेटेट मोतियाबिंद मरीजों एवं नेत्र विभाग के स्टॉक को ग्लॉकोमा बिमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
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