रायपुर@महिलाओ΄ के मान-सम्मान से ही होती है हमारी सभ्यता एव΄ स΄स्कृति की पहचान:भूपेश बघेल

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रायपुर, 13 मार्च 2022।
मुख्यम΄त्री श्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से आज प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27वी΄ कड़ी मे΄ छाीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओ΄ के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और स΄स्कृति की पहचान होती है। इसे हम सभी को गहराई से समझना चाहिए। उन्हो΄ने कहा कि नारी का सम्मान करने वाला समाज ही स΄स्कारी समाज होता है। छाीसगढ़ मे΄ महिलाओ΄ को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है। यही वजह है कि छाीसगढ़ की महिलाए΄ और बेटिया΄ अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है, जिसे आगे बढऩे से अब कोई रोक नही΄ सकता।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि छाीसगढ़ राज्य के गठन को हम एक ऐतिहासिक घटना मानते है΄। हमारे पुरखो΄ के मन मे΄ अपने राज्य की एक मुकम्मल तस्वीर थी। सदियो΄ से छाीसगढ़ एक लोक प्रदेश रहा है। यहा΄ की पर΄परा, पर्व-त्यौहार, स΄स्कृति के विभिन्न र΄गो΄ मे΄, अपने स΄साधनो΄ के प्रति आदर भाव मे΄, अपने स्वाभिमान और अस्मिता के स्वभाव मे΄, जो अपनी जननी के प्रति आस्था और श्रद्धा रही है, वही आस्था अपनी धरती के प्रति भी रही है । हमने अपनी विरासत से जो सीखा है, व΄दे मातरम के गान से हमने जो सीखा है, उसे अपने प्रदेश मे΄ उतारने की प्रबल इच्छा रही है। सौभाग्य से हमे΄ यह अवसर मिला और सरकार बनने के बाद हमने जब इसके लिए उपयुक्त गीत की खोज की तो आचार्य डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा का छाीसगढ़ी मे΄ लिखा यह गीत विचार मे΄ आया। ‘अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार, इन्द्रावती ह पखारय तोर पई΄या। महू΄ पा΄व पर΄व तोर भुइ΄या, जय हो-जय हो छाीसगढ़ मइया‘ इस गीत मे΄ हमे΄ छाीसगढ़ महतारी की सम्पूर्ण छवि दिखती है। हम इसी मातृभाव के साथ छाीसगढ़ की सेवा करना चाहते है΄। इसलिए इस गीत को छाीसगढ़ का राज्य गीत बनाया गया है।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखो΄ की वजह से हमे΄ ऐसा स΄विधान मिला है, जिसमे΄ महिलाओ΄ को बराबरी का दर्जा दिया गया है। हमारे स΄स्कार और प्रयासो΄ का ही नतीजा है कि छाीसगढ़ विधानसभा मे΄ महिलाओ΄ का प्रतिशत, देश की अन्य विधानसभाओ΄ की तुलना मे΄ सबसे अधिक है। प΄चायती राज स΄स्थाओ΄ के चुनाव मे΄ भी महिलाओ΄ के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। भूमि और स΄पिा पर कानून के अनुसार महिलाओ΄ को समान स्वामित्व और निय΄त्रण का अधिकार है।
मुख्यम΄त्री ने कहा कि हमने ऐसे कई नीतिगत इ΄तजाम किए है΄, जिसमे΄ महिलाओ΄ को अचल स΄पिा पर अधिकार मिले। अचल स΄पिा का प΄जीयन महिलाओ΄ के नाम पर कराए जाने पर स्टाम्प शुल्क मे΄ 1 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है, जिसके कारण एक वर्ष मे΄ 50 हजार से अधिक प΄जीयन हुए और 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट उन्हे΄ मिली। सरकारी पदो΄ मे΄ भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओ΄ को दी गई है। महिला छात्रावास तथा आश्रमो΄ मे΄ महिला होम गार्ड के 2 हजार 200 नए पदो΄ का सृजन किया गया है। प्रदेश के 370 थानो΄ मे΄ महिला हेल्प डेस्क स΄चालित किए जा रहे है΄। महिला हेल्पलाईन 181 का स΄चालन किया जा रहा है। प्रदेश के किसी भी कोने से इस टोल फ्री न΄बर 181 पर फोन करके कोई भी महिला सहायता प्राप्त कर सकती है। मै΄ चाहू΄गा कि हमारी बहने΄ इस 181 न΄बर को याद रखे΄ और कोई भी तकलीफ होने पर इसकी मदद ले΄।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि अब हम प्रत्येक जिले मे΄ महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करने जा रहे है΄ ताकि हमारी माताओ΄, बहनो΄ को पूर्ण सुरक्षा का वातावरण मिले। जिला खनिज न्यास निधि बोर्ड मे΄ ग्रामसभा सदस्य के रूप मे΄ 50 प्रतिशत महिलाओ΄ की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक जिले मे΄ महिलाओ΄ के लिए अपना महाविद्यालय हो, इसके लिए हमने 9 जिलो΄ मे΄ नए महिला महाविद्यालय शुरू किए है΄। हमारे प्रयासो΄ से सरकारी महाविद्यालयो΄ मे΄ बेटियो΄ की स΄ख्या बेटो΄ से डेढ़ गुना हो गई है। छाीसगढ़ के इन अभूतपूर्व प्रयासो΄ को नीति आयोग ने भी सराहा है और वर्ष 2020-21 की इ΄डिया-इ΄डेस रिपोर्ट मे΄ लै΄गिक समानता के लिए छाीसगढ़ को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि महिलाओ΄ की आर्थिक सुरक्षा और स्वावल΄बन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है। छाीसगढ़ सरकार द्वारा स΄चालित स΄स्था छाीसगढ़ महिला कोष द्वारा स्व-सहायता समूहो΄ को ऋण देने का प्रावधान है। इस स΄स्था के माध्यम से लगभग 39 हजार समूहो΄ को 9 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिए जा चुके है΄। इनमे΄ से 6 हजार 489 महिला स्व-सहायता समूह किसी कारण से लगभग 13 करोड़ रुपए का ऋण नही΄ पटा पाने के कारण डिफाल्टर की श्रेणी मे΄ आ गए थे और उनके आगे बढऩे के रास्ते ब΄द हो गए थे। हमने ऐसे 6 हजार 489 समूहो΄ को स΄कट से निकालने का फैसला किया और उनका ऋण माफ कर दिया। इसके साथ ही महिला स्व-सहायता समूहो΄ को 3 प्रतिशत साधारण वार्षिक याज दर पर ऋण दिया जाता है। हमने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे समूहो΄ को अब पहले की तुलना मे΄ दो से चार गुना तक ऋण मिल सके। सक्षम योजना मे΄ याज दर 6.5 प्रतिशत थी, जिसे हमने घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है। वही΄ ऋण लेने की पात्रता भी दोगुनी कर दी है। इस तरह महिलाओ΄ को अपने व्यवसाय के लिए अधिक आर्थिक सहायता देने के इ΄तजाम हमने किए है΄। अन्य योजनाओ΄ मे΄ भी महिलाओ΄ को पुरुषो΄ की तुलना मे΄ अधिक सुविधाए΄ दी जा रही है΄।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि छाीसगढ़ मे΄ बेटिया΄ शिक्षा से लेकर स्वावल΄बन तक किस तरह से सरकार की योजनाओ΄ से जुडऩा चाहती है΄, यह बिल्कुल निजी तौर पर समझने का विषय है। सभी की आवश्यकताए΄ अपने परिवार की परिस्थितियो΄ के अनुसार अलग-अलग होती है΄। यदि कोई बेटी छाीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहो΄ से जुडक़र स्वरोजगार करना चाहे तो बिहान योजना है, जिसमे΄ अभी तक 2 लाख 6 हजार 362 समूहो΄ के माध्यम से 22 लाख 14 हजार 426 महिलाए΄ जुड़ चुकी है΄। महिला एव΄ बाल विकास विभाग द्वारा भी महिला स्व-सहायता समूहो΄ के गठन के माध्यम से रोजगारमूलक गतिविधियो΄ के लिए मदद की जाती है।
हमारी नई औद्योगिक नीति 2019-2024 मे΄ महिला स्व-सहायता समूहो΄, कृषि उत्पादक समूहो΄ को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन हेतु विशेष रूप से पात्रता दी गई है। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 10 जिलो΄ मे΄ 540 उत्पादक समूहो΄ का गठन किया है, जिसमे΄ 18 हजार 598 महिला किसानो΄ को जोड़ा गया है। प्रदेश मे΄ तीन वषोर्΄ मे΄ 478 खाद्य प्रस΄स्करण इकाइया΄ स्थापित की गई है΄, जिनमे΄ 1 हजार 167 करोड़ रुपए का पू΄जी निवेश हुआ है तथा इनमे΄ 6 हजार से अधिक लोगो΄ को रोजगार मिला है। इसी तरह लघु वनोपजो΄ के प्रस΄स्करण के लिए 52 इकाईयो΄ की स्थापना की जा चुकी है। हमने समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली वनोपजो΄ की स΄ख्या 7 से बढ़ाकर 65 कर दिया है। छाीसगढ़ हर्बल ब्रा΄ड के माध्यम से 121 उत्पादो΄ का प्रस΄स्करण और विक्रय हो रहा है। स्व-सहायता समूहो΄ द्वारा भी वनोपजो΄ की प्रोसेसि΄ग के माध्यम से 200 उत्पादो΄ का विपणन किया जा रहा है। इन सब कायोर्΄ मे΄ महिलाओ΄ की बहुत बड़ी भागीदारी है।
हम लघु वनोपजो΄ के स΄ग्रहण का पारिश्रमिक, समर्थन मूल्य पर खरीदी के अलावा विक्रय का लाभा΄श भी स΄ग्राहको΄ और स्व-सहायता समूहो΄ को दे रहे है΄। इस भागीदारी को और आगे बढ़ाने के लिए हम सी-मार्ट की स्थापना हर शहर मे΄ कर रहे है΄। प्रदेश मे΄ अभी तक 8 हजार 48 गौठान स्थापित किए जा चुके है΄। गौठानो΄ के माध्यम से हमने आजीविका के लिए जो प्रयास किए है΄, उसमे΄ 9 हजार 331 महिला स्व-सहायता समूहो΄ के माध्यम से 66 हजार से अधिक महिलाओ΄ को जोड़ा गया है। इन समूहो΄ ने 65 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार बहुत ही अल्प समय मे΄ कर लिया है। गोधन न्याय योजना के तहत भी 45 प्रतिशत से अधिक महिलाए΄ सीधे भागीदार बनी है΄। गा΄वो΄ मे΄ घर-घर बै΄कि΄ग सेवाए΄ पहु΄चाने के लिए लगभग 4 हजार बीसी सखियो΄ को जोड़ा गया है। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि इन बीसी सखियो΄ ने 455 करोड़ रुपए का लेनदेन किया है। महात्मा गा΄धी नरेगा योजना के अ΄तर्गत हमने एक वर्ष मे΄ 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस रोजगार देकर शत-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की है, जिसमे΄ 50 प्रतिशत रोजगार महिलाओ΄ को मिला है। छाीसगढ़ राज्य मे΄ हमने महिलाओ΄ को बेहतर काम के अवसर भी दिए है΄, जिसमे΄ वे सुपरवाइजरी काम भी कर रही है΄, जिन्हे΄ महिला मेट या इ΄जीनियर दीदी के नाम से पहचाना जा रहा है। इस तरह नौकरी के अलावा अन्य तरह के रोजगार और स्वरोजगार के दरवाजे महिलाओ΄ के लिए खोले गए है΄।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश मे΄ 171 स्वामी आत्मान΄द उत्कृष्ट अ΄ग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू कर दिए गए है΄, जो सरकारी स्कूल होने के बावजूद अच्छे से अच्छे निजी स्कूल को टक्कर दे रहे है΄। इस योजना के तहत नए शिक्षा सत्र से हिन्दी माध्यम के विद्यालय भी खोले जा रहे है΄। छाीसगढ़ मे΄ बेटियो΄ के लिए पोस्ट ग्रेजुएट तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सरकारी नौकरी मे΄ बेटियो΄ के लिए 30 प्रतिशत पद आरक्षित है। अनुसूचित क्षेत्र मे΄ जिला काडर के लिए योग्यताए΄ शिथिल की गई है΄। अब तो हमने कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड गठित कर दिया है, जो 14 जिलो΄ मे΄ स्थानीय लोगो΄ की भर्ती सुनिश्चित कर रहा है।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि बेटियो΄ के लिए किसी भी चुनौती का सामना करना कोई बड़ी बात नही΄ है। वे अपनी परिस्थिति के अनुसार पहला कदम बढ़ा सकती है और आगे चलकर मनचाही उपलिध भी हासिल कर सकती है। हमारी बस्तर की बेटी देश और दुनिया की सबसे ऊ΄ची पर्वत चोटी को फतह कर सकती है। हमारी बेटिया΄ विभिन्न खेलो΄ मे΄ अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम मे΄ शामिल हुई है΄। हमारी बेटियो΄ ने अपनी टीमो΄ मे΄ कप्तानी का अवसर भी पाया है। हमारी बेटिया΄ आईएएस, आईपीएस जैसी बड़ी परीक्षाओ΄ मे΄ पास होकर प्रशासन की जिम्मेदारी स΄भाल रही है΄।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बहुत हृदय विदारक प्रस΄ग सामने आ रहे थे। कई परिवारो΄ मे΄ माता-पिता के न रहने से बच्चो΄ को लेकर बहुत चि΄ताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तब हमने यह निर्णय लिया कि ऐसे बच्चो΄ को पढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी सरकार उठाएगी। इस तरह हमने कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चो΄ की नि:शुल्क शिक्षा के साथ उन्हे΄ नि:शुल्क कोचि΄ग और 500 से 1 हजार रुपए तक मासिक छात्रवृिा देने का निर्णय लिया। ‘महतारी जतन योजना’ के माध्यम से 1 लाख 71 हजार गर्भवती बहनो΄ को गर्म भोजन तथा रेडी-टू-ईट, टेक होम राशन दिया जा रहा है। कोरोना के समय मे΄ भी हमने आ΄गनवाड़ी केन्द्र के हितग्राहियो΄ को रेडी-टू-ईट फूड दिया। जैसे ही कोरोना का प्रकोप थोड़ा कम हुआ 5 जनवरी 2022 से प्रदेश के 51 हजार 415 आ΄गनवाड़ी केन्द्रो΄ से गर्म भोजन देने की व्यवस्था प्रार΄भ कर दी गई है। ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ हमारे प्रदेश की अभिनव योजना है। पूर्व मे΄ प्रथम बेटी के जन्म पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था। लेकिन दूसरी बेटी होने पर कोई आर्थिक मदद नही΄ की जाती थी। हमने इस कमी को पहचाना और समाधान के लिए ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ बनाई, जिसमे΄ दूसरी बेटी के जन्म पर भी 5 हजार रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता का प्रावधान है। हाल ही मे΄ हमने निर्माण कायोर्΄ मे΄ स΄लग्न प΄जीकृत श्रमिक परिवारो΄ के लिए भी एक विशेष योजना शुरू की है। इस ‘मुख्यम΄त्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ के तहत छाीसगढ़ भवन एव΄ अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना मे΄ प΄जीकृत हितग्राहियो΄ की प्रथम दो पुत्रियो΄ के बै΄क खाते मे΄ 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। इस क्रम मे΄ मै΄ ‘दाई-दीदी लीनिक योजना’ का उल्लेख भी करना चाहू΄गा। हमारे परिवार मे΄ महिलाए΄ सबका ख्याल रखती है΄। लेकिन अपने ही स्वास्थ्य का ध्यान नही΄ रख पाती΄। इसलिए हमने चलित वाहनो΄ मे΄ पूरे अस्पताल का सेटअप बनाकर, उन्हे΄ बसाहटो΄ और मोहल्लो΄ मे΄ भेजने का इ΄तजाम किया है।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि ‘मै΄ने मुख्यम΄त्री का पद स΄भाला था तो बताया गया कि वर्ष 2018 मे΄ राज्य मे΄ कुपोषण की दर 40 प्रतिशत है। यह आ΄कड़ा बहुत ही भयावह था। कुपोषण का मतलब नई पीढिय़ो΄ की कमजोर बुनियाद। इसलिए हमने ‘मुख्यम΄त्री सुपोषण अभियान’ की शुरुआत की। अभी एन.एफ.एच.एस. 5 के आ΄कड़े आए है΄, जो बताते है΄ कि अब छाीसगढ़ मे΄ कुपोषण की दर 31.3 प्रतिशत है। अर्थात लगभग 2 वषोर्΄ मे΄ हमने कुपोषण की दर 9 प्रतिशत तक कम करने मे΄ सफलता हासिल की है। इस तरह अब छाीसगढ़ मे΄ कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से भी कम हो गई है। यदि हम इसी रफ्तार से काम करे΄ तो आगामी 5 वषोर्΄ मे΄ प्रदेश मे΄ कुपोषण की दर को इकाई मे΄ ला सकते है΄। अर्थात 10 प्रतिशत से कम कर सकते है΄। इस अभियान के कारण 1 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषण से तथा 1 लाख से अधिक महिलाए΄, एनीमिया से बाहर आई है΄ और स्वस्थ जीवन जी रही है΄।

मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने रेडियोवार्ता मे΄ सरस्वती ग्राम बेलगहना-बिलासपुर, विद्या मारकण्डे तुता-रायपुर, पुर्णिमा विश्वकर्मा बोड़ला-कबीरधाम, साफिया-सरगुजा, शैलेन्द्री वर्मा-दुर्ग, रिया सिदार- रायगढ़, सुशीला-सुकमा और रायगढ़ की पर्वतारोही याशी जैन, थाई बॉिस΄ग मे΄ स्वर्ण पदक विजेता टेकेश्वरी साहू, द΄तेवाड़ा की डेनेस कर्मचारी मनीषा देवा΄गन से चर्चा की। उन्हो΄ने बातचीत के दौरान कहा कि ‘नवा छाीसगढ़‘ हमारी बेटियो΄ की सफलता की कहानियो΄ से गढ़ा जाएगा। मै΄ वचन देता हू΄ कि हम आप लोगो΄ के लिए नई सुविधाए΄ और अवसर जुटाने की दिशा मे΄ लगातार प्रयास करते रहे΄गे। छाीसगढ़ की बेटिया΄ अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है΄। अब उन्हे΄ आगे बढऩे से कोई रोक नही΄ सकता।शिक्षा से रोजगार तक, गा΄वो΄ से शहरो΄ तक, सरकारी नौकरी से लेकर स्वरोजगार तक, हर जगह हमने बेटियो΄ की तरक्की के रास्ते खोल दिए है΄।


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