बैकुंठपुर@थाना प्रभारी क्यों घबरा रहें हैं एफआईआर दर्ज करने में

Share

  • न्यायालय से थाने की दूरी मात्र 500 मीटर,न्यायालय का आदेश मिलने में क्यों लगा समय?
  • क्या पुलिस थाने के प्रभारी को सच मे नहीं मिला न्यायालय का आदेश?
  • कहीं न्यायालय का आदेश नहीं मिलने का थाना प्रभारी बहाना तो नहीं कर रहे?
  • मामला मनेंद्रगढ़ढ़ न्यायालय से हुए प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश से जुड़ड़ा हुआ।


-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,08 मार्च 2022(घटती-घटना)। ऋण में वाहन होने के बावजूद कूटरचित एनओसी तैयार कर बेचे गए वाहन मामले में मनेन्द्रगढ़ न्यायालय ने आरोपी पर मामला पंजीबद्ध करने का आदेश 25 फरवरी को जारी किया 11 दिन बीतने के बावजूद भी इस मामले में अभी तक मनेन्द्रगढ़ थाना प्रभारी अपराध पंजीबद्ध नहीं कर पाए, जिसे लेकर शुरू से ही यह बता का आरोप लगते आरहा है कि थाना प्रभारी बचाने में लगे हुए हैं क्योंकि शिकायत पर भी अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया था तब फाइनेंस कंपनी ने न्यायालय का शरण लिया और न्यायालय ने फाइनेंस कंपनी के हित में फैसला दिया और फैसले के बाद कब तक थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुआ फाइनेंस कंपनी एफआईआर का इंतजार कर रही है वही आरोपी का कहना है कि मुझे जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। मनेंद्रगढ़ न्यायालय ने पुलिस थाना मनेंद्रगढ़ को एक मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का दिया है आदेश। फाइनेंस कंपनी से कूटरचना पर पुलिस को दर्ज करना है प्रथम सूचना रिपोर्ट। चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी से फाइनेंस में रहते हुए वाहन को कूटरचना कर बेच दिया था वाहन मालिक ने। फाइनेंस कंपनी को न्याय नहीं मिलने पर फाइनेंस कंपनी ने लिया था न्यायालय का शरण। विद्वान न्यायाधीश ने पुलिस थाना मनेंद्रगढ़ को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का दिया है आदेश। एक हफ्ते बाद भी दर्ज नहीं कि जा सकी है अभी तक प्रथम सूचना रिपोर्ट। न्यायालय से क्या हुआ है आदेश थानेदार अनभिज्ञ, बात करने के दौरान थानेदार ने बताया।
न्यायालय के आदेश को लेकर जिले का एक थाना व थानेदार कितने सजग
न्यायालय के आदेश को लेकर जिले का एक थाना व थानेदार कितने सजग हैं इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फाइनेंस कंपनी चोलामंडलम जो कि एक मामले में न्यायालय की शरण मे केवल इसलिए गया था क्योंकि उसको जिले की पुलिस से न्याय नहीं मिला था और उसको उसके ही एक ऋणी जिसने कंपनी से एक वाहन फाइनेंस कराया था और उसकी सभी किस्तें जमा करने से पूर्व ही कंपनी के फर्जी सील व कंपनी के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर वाहन की एनओसी गलत तरीके से प्राप्त कर वाहन को दूसरे किसी को बेच दिया गया था और जिसकी शिकायत फाइनेंस कंपनी ने पुलिस से की तो फाइनेंस कंपनी को मामले में न्याय नहीं मिला और वह मनेंद्रगढ़ न्यायालय की शरण मे गया और वहां विद्वान न्यायाधीश ने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए और समस्त साक्ष्यों के आधार पर यह माना कि फायनेंस कंपनी के साथ धोखेबाजी की गई है और यह प्रमाणित होता है कि ऋण की राशि शेष रहते हुए भी वाहन को कूटरचना कर फर्जी सील व हस्ताक्षर के आधार पर अन्य को विक्रय कर दिया गया। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि फायनेंस कंपनी से कूटरचना कर वाहन के फायनेंस रहते उसे अन्य किसी को बेच देने वाले ऋणी का थानेदार से अच्छा संबंध है इसलिए ही उसे थानेदार समय देना चाहते हैं जिससे वह आगे अपील कर सके।
25 फरवरी 2022 को पुलिस थाना मनेंद्रगढ़ढ़ को जारी हुआ था आदेश
मनेंद्रगढ़ न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश ने मामले में फायनेंस कंपनी के प्रस्तुत साक्ष्यों को सही माना और 25 फरवरी 2022 को पुलिस थाना मनेंद्रगढ़ को यह आदेश जारी किया कि वह मामले में फायनेंस कंपनी की तरफ से अनावेदक के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करे और विधि अनुसार कार्यवाही करे। पूरे मामले में न्यायालय से आदेश जारी हुए पूरे एक सफ्ताह से भी ज्यादा का समय बीत चुका और अभी तक प्राथमिकी अनावेदक के विरुद्ध दर्ज नहीं हुई है और मामले में थाना प्रभारी मनेंद्रगढ़ से बात करने पर उनके द्वारा केवल इतना ही बताया गया कि क्या आदेश हुआ है अभी उन्होंने देखा नहीं है और देखने के उपरांत ही वह कुछ कह सकेंगे।
मनेंद्रगढ़ थाना न्यायालय के बिल्कुल करीब
इस पूरे मामले में जो सबसे ज्यादा सोचने वाला विषय है वह यह है कि मनेंद्रगढ़ थाना न्यायालय के बिल्कुल करीब है वहीं दूरी के हिसाब से 500 मीटर से ज्यादा दूरी न्यायालय की थाने से नहीं है उसके बावजूद न्यायालय के आदेश को लेकर मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना प्रभारी कितने सजग व तत्तपर हैं यह इसी मामले से समझ मे आ जा रहा है जिसमें एक सफ्ताह बाद भी उनके द्वारा यह बताया जा रहा है कि न्यायालय ने क्या आदेश जारी किया है वह उन्होंने अभी देखा ही नहीं है। पूरे मामले में एक बात और सोचने वाली है वह यह कि जब न्यायालय के आदेश को लेकर मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी इत्मीनान से कार्यवाही करने अभी भी शांत बैठे हुए हैं तो आम याचकों को लेकर वह कितने सजग और तत्तपर रहते होंगे यह सोचने वाली बात है। वैसे मामले में फायनेंस कंपनी इस इन्तेजार में है कि उसे जो न्याय केवल पुलिस के सहयोग से मिल सकता था वह नहीं मिलने की वजह से वह न्यायालय गया और अब न्यायालय के आदेश के बाद वही पुलिस जिसने उसे न्याय नहीं देने का मन बना लिया था वह उसे न्याय देगी या नहीं देगी। मामले में थाना प्रभारी मनेंद्रगढ़ का यह कहना कि आदेश से वह अभी तक अनभिज्ञ हैं और जबकि न्यायालय के पास स्क्रीन सेविंग मौजूद है।
यह था मामला- फायनेंस में वाहन होते हुये फर्जी तरीके से वाहन का एनओसी तैयार कर उस वाहन को अन्य राज्य में बेच दिया गया और कोरिया जिले के फायनेंस कम्पनी में अब तक वाहन के ऋण राशि की देनदारी बाकी है। फायनेंस कम्पनी ने ऋण धारक के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कोरिया को पत्र लिख कम्पनी के साथ धोखाधड़ी करने वाले के खिलाफ शिकायत की है। फायनेंस कम्पनी चोला मण्डलम इनवेस्टमेंट फायनेंस कम्पनी लि. शाखा मनेन्द्रगढ़ के शाखा संग्रह प्रबंधक शांति स्वरूप शर्मा के पत्र के अनुसार जगदीश चन्द्र खन्ना मनेन्द्रगढ़ निवासी का ट्रक क्रमांक सीजी 16 ए 2489 है जिस पर 1225000 का वाहन लोन था जिसकी अंतिम किस्त 10.11.2018 कि थी। दो वर्ष के उपरांत उपरोक्त वाहन को ऋण दाता जगदीश चन्द्र खन्ना द्वारा अपने पुत्र रिंकेश खन्ना व रश्मि खन्ना के नाम पर करने हेतु 10.05.2017 को अनुमति प्राप्त कर रिफायनेंस लेकर उपरोक्त ऋण को आंतरित कर नवीन ऋण खाता खोलवा कर जिला परिवहन कार्यालय बैकुण्ठपुर में आवेदन प्रस्तुत करते हुये नीवन दस्तावेज प्राप्त कर वाहन को रिंकेश खन्ना व जमानतदार रश्मि खन्ना के नाम रजिस्ट्रेशन करवाया। इस नवीन ऋण की अवधि 28.05.2017 से 28.01.2020 तक 33 महिने के लिये दी गयी थी। उपरोक्त वाहन पर रिंकेश खन्ना व रश्मि खन्ना का स्वामित्व होगा। पर वर्ष 2018 में रिंकेश खन्ना, जगदीश खन्ना व रश्मि खन्ना एक राय होकर वाहन क्रमांग सीजी 16 ए 2489 की कुटरचित तरीके से 04.09.2018 को वाहन का ऋण 17 किस्त बाकी होने पर भी कम्पनी द्वारा पूर्व जारी दस्तावेज में कूटरचना कर जिला परिवहन कार्यालय बैकुण्ठपुर के समक्ष झूठा शपथ पत्र देकर वाहन के रजिस्ट्रेशन में अनुबंध हटाने व कम्पनी के फर्जी सील, मोहर व उच्च अधिकारीयों के फर्जी हस्ताक्षर करते हुये उक्त वाहन को ब्रिजेश यादव आत्मज शत्रु यादव को विक्रय कर वाहन के मूल राशि का उपयोग कर कम्पनी के साथ सोची-समझी साजिश व धोखाधड़ी किया गया, जिसके लिये फायनेंस कम्पनी ने कोरिया पुलिस अधीक्षक को शिकायत करते हुये उचित जांच कर कार्यवाही की मांग की है, वही फाइनेंस कम्पनी के पदाधिकारियों के अनुसार अभी भी रिंकेश खन्ना जमानतदार रश्मीखन्ना पर अन्य वाहनों के लगभग 42 लाख रुपए चोलामंडलम फाइनेंस को लेना शेष है जिसकी लिए कम्पनी ने लीगल क्रायवाही कर रखी है।


न्यायालय से आदेश जारी होने उपरांत प्राथमिकी दर्ज करने हेतु समय सीमा होती है, अभी मामले में न्यायालय से क्या आदेश हुआ है मैं देख नहीं पाया हूँ,देखता हूँ क्या आदेश हुआ है।
सचिन सिंह
थाना प्रभारी मनेंद्रगढ़-


Share

Check Also

रायपुर,@साय कैबिनेट में सोनी या चंद्राकर?

Share कांग्रेस नेता का बड़ा बयानरायपुर,25 नवम्बर 2024 (ए)। राजधानी रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट …

Leave a Reply