अम्बिकापुर,01 मार्च 2022 (घटती-घटना)।महाशिवरात्रि का महापर्व देष में सभी जगह मनाया जाता हैं इसी का एक दिव्य नजारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विष्व विद्यालय नव विष्व भवन चोपड़ापारा अम्बिकापुर में देखने को मिला। यह वही संस्था हैं जहाँ शिव परमात्मा ब्रह्मा तन में अवतरित होकर सत्य ज्ञान दे रहे हैं। अपने अन्दर की बुराईयों को मिटाने के पावन पर्व शिवजयन्ती पर बड़ी संख्या में ब्रह्माकुमार भाई- बहनों का हुजुम उमड पडा। सारा संसार अज्ञान अंधकार में माया के वष हो 5 विकारों में जूझ रहे है वही यह अनोखे फरिष्ते षिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य समझ, समय पर षिव परमात्मा को पहचानने की अलौकिक खुषी मना रहे हैं।
इस महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप से माननीय डॉ प्रीतम सिंह जी कैबिनेट मंत्री मेडिकल बोर्ड (छ.ग. शासन), माननीय डॉ जे. पी. श्रीवास्तव जी प्रदेष उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी (छ.ग. शाासन), माननीय सिद्धनाथ पैकरा जी पूर्व संसदीय सचिव, माननीय सुधीर पाण्डे नव भारत ब्यूरो चीफ अम्बिकापुर, वी.के.सिंह जी, राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता, अमिता बहन गायत्री परिवार के समाजिक कार्यकर्ता एवं सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी उपस्थित थे।
86 वीं महाशिवरात्रि का त्यौहार बहुत उमंग उत्साह, हर्षोल्लास गीत संगीत के साथ धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के शुभारम्भ में शताक्षी वर्मा ने शिव ताण्डव स्त्रोत गीत गाया, परी ने शिव ताण्डव गीत पर नृत्य किया उन्होंने इस नृत्य के माध्यम से यह बताया कि स्वयं शंकर भी भगवान षिव की ही पूजा अर्चना करते थे। और प्रज्ञा श्रीवास्वत ने सत्यम शिवम सुन्दर गीत पर नृत्य किया। इन गीत नृत्यों ने पूरी सभा में भगवान के प्रति निष्ठा, आस्था एवं भक्ति भावना को जागृत कर दिया। तथा चंचल बहन ने ओ मेरा बाबा हैं गीत गाकर परमात्मा के महिमा का गुणवान किया।
इसके बाद शिव की छत्रछाया का प्रतीक शिव का झण्डा फहराया गया और साथ ही सभी को स्वयं की कमी कमजोरियों पर निजात पाने के लिये ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने दृढ़ प्रतिज्ञा करायी। 86 वीं षिव जयन्ती को केक कटिंग और कैण्डल लाइटिंग करके मनाया गया।
षिवरात्रि का ये महान पर्व पूरे संसार के शहर- शहर में गाँव- गाँव के कोने- कोने में सभी परमात्मा षिव के प्रति आगाध प्रेम, श्रद्धा, भावना और धूमधाम से मना रहे हैं उक्त विचार सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने अपने दिव्य उद्बोधन में सभी भक्तो के अन्दर भक्ति भावना को जागृत करते हुये कहा। आगे उन्होंने शिवरात्रि के तीन आध्यात्मिक रहस्य बलि चढऩा, शिव पार्वती विवाह और षिवरात्रि के आध्यात्मिक महत्व को बताते हुये कहा कि शिव के ऊपर बलि चढना अर्थात् अपने मैंपन की, बुराईयों की, विकारों की बलि देना अर्थात विकारों को परमात्मा को समर्पित करना हैं। परमात्मा के साथ हमारे सर्व सम्बन्ध होते हैं और जब वो इस धरा पर आते हैं तब उनसे हमारा सम्बन्ध जुड़ता हैं इसलिये इस पर्व को षिवजयंती, शिवअवतरण, या शिव के साथ षादी के दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। और उन्होंने शिवरात्रि के शाब्दिक अर्थ को स्पष्ट करते हुये कहा कि कि जब मनुष्य काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार के वष हो अनैतिकता की ओर चलने लगता हैं जिससे उसका जीवन अंधकार मय हो जाता हैं। ऐसे में परमात्मा अवतरण हमारे जीवन को नैतिकता सीखाकर जीवन सुखमय, षांतिमय बनाकर सतयुगी दुनिया के निर्माण के लिये होता है।
कैबिनेट मंत्री मेडिकल बोर्ड छ.ग. षासन डॉ प्रीतम सिंह जी ने षिवरात्रि की षुभकामनायें देते हुये कहा कि आज का दिन बहुत ही पावन और भक्तिपूर्ण हैं आज पूजा पाठ करने से आत्मिक शांति मिलती हैं। और आगे ब्रह्माकुमारी़ संस्था द्वारा किये जा रहे है कार्यों का सराहना करते हुये कहा कि यह संस्था जिस तरह से सभी क्षेत्रों में, सभी छोटे -बड़े षहरों में संचालित हो रहा हैं जिससे लोगों में निष्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन आयेगा।
प्रदेष उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी छ.ग. षासन डॉ जे.पी. श्रीवास्तव जी ने सभी ब्रह्माकुमार भाई- बहनों को सम्मान देते हुये कहा कि आध्यात्मिक संस्कार संस्कृति की जागृति लाने के लिये किये जा रहे कार्य को मैं सम्मान अर्पित करता हूँ।
पूर्व संसदीय सचिव माननीय सिद्धनाथ पैकरा जी ने षिव जयन्ती की सभी को शुभभावनायें दी। साथ ही साथ बस्तर की सत्य कथा की याद दिलायी।
यह संस्था आध्यात्मिकता और सकारात्कता को नई पीढी की ओर पहुँचायेगी और इसके लिये यह निरन्तर प्रयास कर रही हैं।
राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता वी.के. सिंह ने महाशिवरात्रि की बधाई देते हुये कहा कि भगवान शिव के ऊपर बेल पत्ता, गंगा जल चढ़ा कर एवं पूजा पाठ करके लोग घर चले जाते हैं परन्तु इस संस्था द्वारा बहुत सुन्दर कार्यक्रम का आयोजन पूरे सरगुजा संभाग में हर उम्र के लोगों के लिये हर त्यौहारों में किया जाता हैं जिससे सभी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता हैं। आगे उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ संस्था हेड क्वार्टर की महिमा करते हुये कहा कि माउण्ट आबू में नि:स्वार्थ भाव से सेवायें दी जाती हैं वहाँ इतना साफ सफाई आदि मेन्टेस किया जाता हैं वैसा गर्वमेंट भी नहीं कर सकती हैं।
गायत्री परिवार सदस्य अमृता बहन ने संस्था की सकारात्मक ईष्वरीय महौल में आकर उत्साह का अनुभव जताया। उन्होंने कहा जो अध्यात्म से जुड़े हैं और इस ओर बढ रहे है इन लोगों के ऊपर निष्चित रूप से ईष्वर की कृपा हैं।
इसके साथ ही साथ संस्था द्वारा 40 फीट का शिवलिंग, द्वादष ज्योर्तिलिंग, चलित कुम्भकरण की झांकी, सतयुग दर्शन, शिव जी के ऊपर अदृष्य आता हुआ जल आकर्षण का केन्द्र रहा एवं आध्यात्मिक चित्र एवं नषा मुक्ति प्रदर्शनी से संग्रहित दिव्य मनोरम झांकी का निर्माण किया गया जिसका शुभ उद्घाटन अतिथियों के कर कमलों द्वारा किया गया इस दिव्य परिवेश में यह संदेष दिया गया कि दिनों दिन बढ़ती तनाव की परिस्थिति में अपने को सशक्त बनाने की जरूरत है राजयोग एकमात्र ऐसा माध्यम हैं जिसका नियमित अभ्यास कैसी भी विकट परिस्थिति में चित्त की वुत्तियों को षांत रखने में मदद करता है। तो चलिये इस षिवरात्रि पर अपने शुद्ध संकल्पों से षक्तिषाली स्वर्णिम दुनिया को पुन: स्थापित करने में पूर्ण योगदान दें।
आध्यात्मिक नशा मुक्ति रथ को षंकर घाट पर ले जाकर परमात्मा का संदेष दिया गया जिसे देखने के लिये भक्तों का सैलाब उमडा और भक्तों से एक बुराई को त्यागने की प्रतिज्ञा करायी गयी बहुत सारे भक्तों ने परमात्मा के ऊपर धतुरा रूपी फूल के रूप में बुराई को अर्पण किया।
इस महाशिवरात्रि के पावन पर सरगुजा संभागीय उद्योग संघ महासचिव बी.एस. कटलरिया सिंह जी, डॉ अरविन्द गुप्ता एवं षहर के गणमान्य लोग और ब्रह्माकुमारी संस्था से जुडे काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
इस महाशिवरात्रि के पावन पर्व 86 वीं परमात्मा के अवतरण जयंती पर 94 प्रकार का भोग अर्पित किया गया।
यह झांकी 01 मार्च 2022 से 04 मार्च 2022 तक भक्तों के दर्शनार्थ रखी जायेगी।
