अम्बिकापुर 25 फरवरी २०२२ (घटती-घटना)। नगर निगम मेयर इन काउंसिल की शुक्रवार को नगर निगम के मेयर कक्ष में हुई। बैठक में 34 एजेंडों पर चर्चा की गई। 34 एजेंटों में कई ऐसे महत्वपूर्ण एजेंडे थे जिस पर एमएससी के सदस्यों ने निर्णय लिया और अपनी सहमति दी। कई साल से नगर निगम के कार्यालय को लेकर की जा रही कवायद पर आज बात की गई। मंत्री टी एस सिंह देव के प्रस्ताव पर एम आई सी के सदस्यों ने मुहर लगाते हुए नगर निगम कार्यालय को पुराना बस स्टैंड में बनाए जाने की सहमति दे दी है। दरअसल नगर निगम कार्यालय वर्तमान जगह में स्थित गार्डन को हटाकर बनाए जाने के मामले में अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता ने परिवाद लगाया था। चुकी नगर निगम के भवन के लिए 5 करोड़ रुपए शासन से स्वीकृत हैं, उसे इस परिवाद के बाद शासन ने रोक दिया था, परंतु अब पुराना बस स्टैंड में नगर निगम के भवन को बनाए जाने की स्वीकृति दे दी है। एमआईसी में यह चर्चा हुई कि निगम आयुक्त सहित जनप्रतिनिधि व इंजीनियर उस जगह की विजिट करके यह देख ले कि किस जगह पर वहां नगर निगम का भवन बनाना है ताकि उसकी भव्यता भी दिखे और कमर्शियल एरिया भी प्रभावित ना हो। स्थान स्वीकृत होने पर शासन से रोके गए रुपए भी रिलीज हो जाएंगे। हालांकि बैठक में इंजीनियर ने कहा कि अगर हम स्थान चेंज करते हैं तो कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। परंतु उसे भी 15-20 दिनों में कंप्लीट कर लिया जाएगा। बैठक में वर्तमान में चल रहे निकाय क्षेत्र में जर्जर सडक़ों के संबंध में भी चर्चा की गई।
इसे सबसे ज्वलंत मुद्दा बताते हुए महापौर डॉ अजय तिर्की ने कहा कि शहर में अच्छी सडक़ों के बिना स्वच्छता सर्वेक्षण की बात करनी भी बेमानी है। शासन से पैसे की मांग की गई थी, परंतु वह अभी तक नहीं मिल सकती है। इसके एवज में एमआईसी सदस्य एवं लोक निर्माण विभाग प्रभारी सफी अहमद ने कहा कि अधोसंरचना मद से 72 लाख एवं आश्रय शुल्क में डेढ़ करोड़ बचा हुआ है। उन गरीब बस्तियों में टायरिंग का काम हो जाए तो इससे अच्छी बात नहीं हो सकती। महापौर ने कहा कि शहर में सडक़ों के गड्ढों की रिपेयरिंग जिन कारणों से भी नहीं हो रही है उससे सिर्फ निगम की बदनामी हो रही है। शासन से भले ही पैसा नहीं आ रहा है, परंतु स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत साढे 8 करोड़ रुपए आए थे। जिसमें साढे 3 करोड रुपए बचे हैं तो उस मद को परिवर्तित कर सडक़ सुधार में लगाया जा सकता है। शहर के गलियों की चौड़ीकरण के मामले में चर्चा के दौरान यह बात भी सदस्यों ने कहा कि अगर उक्त गली के लोग आपसी सहमति से अपनी जमीन छोड़ चौड़ीकरण के लिए राजी होते हैं तो उसे प्राथमिकता के आधार पर ना सिर्फ चौड़ीकरण किया जाएगा बल्कि वहां के लोगों को साल श्रीफल से सम्मानित भी किया जाएगा। इसके अलावा रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु सुरक्षित राशि राजसात किए जाने के संबंध में श्री अहमद ने कहा कि वर्ष 2017-18 एवं 19-20 से जो रुपए जमा किए गए थे उसी से जल संरक्षण के काम में उसी पैसे से उन्हीं के माध्यम से वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करेंगे। इसके अलावा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, विधवा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं सुखद सहारा पेंशन योजना पर भी विचार विमर्श किया गया। निगम स्वामित्व की बिलासपुर चौक स्थित दुकानों के प्राप्त ऑफर स्वीकृति पर भी सहमति जताई गई। दुकानों के नामांतरण करने के संबंध में एम आई सी के सदस्यों ने नामांतरण शुल्क डबल किए जाने पर निर्णय लिया। इसके साथ-साथ समाज सेवी संस्था द्वारा शुरू की गई निगम क्षेत्र के पार्टी लॉन में भोजन पर अपव्यय पर रोक लगाने जाने पर चर्चा करते हुए इसका प्रचार प्रसार किए जाने पर भी सहमति जताई गई।
खुदाई कर सडक़ को पहुंचाया जा रहा नुकसान
बैठक में यह बात सामने आई थी रिंग रोड में भी खुदाई कर उसे डैमेज निजी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है इस बात पर महापौर एवं श्री अहमद ने काकी रोड किसी की भी हो परंतु सर्विस निगम दे रही है तो उसे भी नोटिस देने का अधिकार है अगर निजी कंपनी ऐसा कर रही है तो पेनाल्टी का प्रावधान है उन्हें नोटिस दिया जाए।
मेडिकल अवशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था
निगम क्षेत्र अंतर्गत इस बड़े प्रतिष्ठानों का यूजर चार्ज संपत्ति समेकित कर मांग पंजी में जोडऩे के संबंध में भी बैठक में चर्चा की गई. इस दौरान यह बात भी सामने आई थी बड़े प्रतिष्ठानों से जो यूजर चार्ज निर्धारित किए गए हैं वह नहीं आ रहे हैं। इस बात पर वार्ड वार बड़े प्रतिष्ठानों की सूची तैयार कर उसकी मॉनिटरिंग की जाने की भी बात की गई। इसके साथ साथ शासकीय व निजी हॉस्पिटल क्लीनिक से यूजर चार्ज निर्धारण के संबंध में भी बात करते हुए महापौर डॉ अजय तिर्की ने कहा कि जब मेडिकल वेस्ट और कचरा कलेक्शन अलग अलग करना है तो मेडिकल अवशिष्ट प्रबंधन के लिए अलग वाहन रखा जाए। साहू समाज के द्वारा नगर निगम को आवेदन दिया गया था कि शहर के दर्रीपारा मोहल्ला स्थित बिहीबाड़ी मोड़ का नामकरण माता कर्मा चौक के नाम से किया जाए इस बात पर एमआईसी की बैठक में सभी सदस्यों ने इसे स्वीकृति दी है।
