बैकुंठपुर@कोरिया का एक ऐसे रेंजर जो एसडीओ बनकर भी बने रहेंगे जिले में

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सब इधर-उधर पर रेंजर साहब प्रमोशन पा कर भी वहीं के वहीं क्यों? प्रमोशन के साथ जगह भी मनचाहा?
विभाग में ऐसी पकड़ड़ की आज तक कोई उन्हें जिले से बाहर भेजने की सोच भी न सका।
किसी भी दल की प्रदेश में हो सरकार इनको लेकर कोई भी नहीं है नाराज।
-रवि सिंह-
बैकुंठपुर, 23 फ रवरी 2022(घटती-घटना)।
कोरिया का एक ऐसे रेंजर जो एसडीओ बनकर भी बने रहेंगे जिले में, सब इधर-उधर पर रेंजर साहब प्रमोशन पा कर भी वही के वही क्यों? प्रमोशन के साथ जगह भी मनचाहा? विभाग में ऐसी पकड़ की आज तक कोई उन्हें जिले से बाहर भेजने की सोच भी न सका। किसी भी दल की प्रदेश में हो सरकार इनको लेकर कोई भी नहीं है नाराज, वर्षों से जिले में ही पदस्थ रहकर करते आ रहें हैं काम, प्रमोशन के बाद भी रहेंगे जिले में पिछली बार के प्रमोशन में भी नहीं हटाये गये थे जिले से, तब थी भाजपा की सरकार, एसडीओ बनने के बाद भी मिला कोरिया जिले में ही प्रभार, प्रदेश में कांग्रेस की है सरकार। सभी को खुश रखने में हैं माहिर, आजतक कोई नहीं हुआ इनसे नाराज।
शासकीय विभागों में लगभग यही देखने को मिलता रहा है कि अधिकारियों को एक ही जगह बहोत समय तक नहीं रहने दिया जाता और कुछ सालों को सेवा एक जगह लेकर उनका तबादला कर दिया जाता है, यदि ऐसे तबादला नहीं भी किया जाता है तो कम से कम जब अधिकारियों का प्रमोशन होता है तब तबादला जरुर किया जाता है और यह अमूमन सभी शासकीय विभागों में जारी नियम है और जिसका पालन भी सभी विभाग करते आ रहें हैं, लेकिन कोरिया जिले के बैकुंठपुर वन विभाग में एक ऐसे अधिकारी भी हैं जिनका तबादला जिले से बाहर विभाग कर पाने में खुद को सक्षम नहीं मानता और वह एक ही जिले में लगातार काम करते चले आ रहें हैं और जबकि कई बार उनका प्रमोशन भी हो चुका है और उसके बाद भी विभाग उनको जिले से कहीं और भेज पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों को अपनी गिरफ्त में रखने में है माहिर
कोरिया जिले के वन विभाग में अभी हाल में ही रेंजर से एसडीओ बने एक ऐसे अधिकारी को लेकर यह बात की जा रही है जो राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों को भी अपनी गिरफ्त में रखने में माहिर हैं और यही वजह है की इनका प्रदेशभर में विभाग में पकड़ है और बड़े बड़े अधिकारी भी विभाग से इनकी मर्जी बगैर चलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते और इनका तबादला नहीं कर पाते, जबकि नियम से प्रमोशन के बाद इनका तबादला किया जाना था जो ऐसा फिर हुआ है और इनका तबादला नहीं करते हुए इन्हें बैकुंठपुर एसडीओ ही बनाया गया है जैसा कि वह खुद ही प्रमोशन से पहले कहते चले आ रहे थे कि उन्हें जिले से बाहर कोई नही भेज सकता और वह यहीं से रिटायर भी होंगे। वैसे अन्य जितने भी रेंजर एसडीओ बनाये गए हैं उनकी पोस्टिंग अलग अलग जगह की गई है और इन्हीं को फिर से वहीं रखा गया है जहां यह थे। एक अधिकारी को लेकर प्रदेश का वन विभाग जिस तरह मेहरबान नजर आ रहा है उससे साफ जाहिर है कि यह प्रदेश के सबसे खास वन अधिकारी हैं और इनके ऊपर सभी की कृपा है या यह खुद सभी पर कृपा बरसाते हैं जिसकी वजह से ही इनको कहीं और भेजने से वन विभाग के बड़े अधिकारी भी डर जाते हैं।
जिले से बाहर नहीं गए
इनका प्रमोशन भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी हुआ और तब भी यह जिले से बाहर नहीं गए और अब जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और यह एसडीओ बनाये गए हैं तब भी यह जिले में ही अपनी जगह बना ले गए हैं क्योंकि इनके बारे में कहा भी जाता है कि यह जैसा चाहते हैं वैसा ही वन विभाग प्रदेश का चलता है इनके राय से प्रदेश के वन विभाग में निर्णय लिए जाते हैं और यह राजनीतिक रूप से भी खासे सक्रिय रहते हैं और सभी दलों के जनप्रतिनिधियों से इनका संबंध मधुर है जिसकी वजह से इनकी गलतियां भी माफ हो जाती हैं और यह जहां चाहें वहां रहते हैं। वैसे जिस तरह प्रदेश का वन विभाग इन्हें मनचाही जगह रहने का काम करने का छूट दे रहा है वैसा ही सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को छूट देना चाहिए नहीं तो अन्य अधिकारियों कर्मचारियों में इसका गलत असर जाएगा और उन्हें पक्षपात जैसा लगेगा। यदि अन्य प्रमोशन वाले अधिकारियों का तबादला किया गया है तो इनका भी तबादला किया जाना चाहिए जिससे अन्य अधिकारियों कर्मचारियों को भी विभाग के इस तरह के पोस्टिंग की वजह से पक्षपात जैसा न लगे। वैसे यह एक माहिर और बड़े जुगाड़ू अधिकारी हैं तभी तो इनको आजतक जिले से बाहर कोई भेज नहीं सका।


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