रामानुजगंज@रामानुजगंज के एसडीएम एवं तहसीलदार ने अधिवक्ता का तोड़ा घर

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पीडि़त अधिवक्ता ने थाने में शिकायत कर की कार्रवाई की मांग


-पृथ्वीलाल केशरी-
रामानुजगंज 22 फरवरी 20-22 (घटती घटना)। नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 3 में अतिक्रमण हटाने के मामले में रामानुजगंज के एसडीएम गौतम सिंह एवं तहसीलदार विनीत सिंह के खिलाफ लिखित शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसीलदार थाना रामानुजगंज एवं कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर पुलिस महानिरीक्षक अंबिकापुर सरगुजा में करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई है। अधिवक्ता प्रदीप कुमार दुबे ने एसडीएम गौतम सिंह एवं तहसीलदार विनीत सिंह पर यह आरोप लगाया है कि बिना सूचना दिए हमें आर्थिक क्षति पहुंचाने का प्रयास किया गया है जबकि वार्ड नंबर 3 में विगत 30 40 वर्षों से मैं काबीज हूं। बिना सूचना दिये एवं सामान निकालने का मौका दिये बिना, गौतम सिंह अनुविभागीय अधिकारी रामानुजगंज एवं विनीत कुमार सिंह तहसीलदार रामानुजगंज द्वारा खड़ा होकर बुलडोजर से मकान तुड़वा दिया गया। वही आवेदक को 10 लाख से 20 लाख रूपये का आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने शिकायत में यह भी लिखा है कि आवेदक नगर-रामानुजगंज वार्ड क्रमांक-03 रिंग रोड में लगभग 30-40 वर्षो से 02 डिसमील भू-अंश पर काबिज-कास्त होकर मकान बनाकर अपने परिवर के साथ निवासरत था। आवेदक के उक्त मकान को गौतम सिंह अनुविभागीय अधिकारी रामानुजगंज एवं विनीत कुमार सिंह तहसीलदार रामानुजगंज के द्वारा 21फरवरी2022 को आवेदक को बिना सूचना दिये तथा अपना पक्ष रखने हेतु समुचित अवसर दिये बिना मकान को तोड़ दिया गया जिससे आवेदक का घर-गृहस्थी का पुरा सामान पंखा, टी0वी0, पलंग, कपड़ा, खाने का सामान, चावल, दाल पत्नी का जेवर, बक्सा आदि सामान लगभग 10-20 लाख का सामान का नुकशान हुआ हैं जबकि मकान टुटने से खुले आसमान के नीचे रहने के कारण अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा सारा समान उठाकर ले गये आवेदक को उनके भाईयों के द्वारा मकान टुटने की सूचना मिलने पर 22 फरवरी 2022 को अपना मकान देखने गया तो मकान का सामान गायब था तथा पुरा मकान धवस्त था जिसके कारण आवेदक को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है अधिवक्ता प्रदीप कुमार दुबे ने थाना प्रभारी रामानुजगंज से जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
कांग्रेसी सीएम से मिलकर करेंगे बर्खास्तगी की मांग
कांग्रेसी युवा नेता अरविंद कुमार दुबे ने कहां की आज हमारा परिवार तीन पीढय़िों से कांग्रेसियों के रूप में जाना जाता है हमारे परिवार को आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिए रामानुजगंज एसडीएम गौतम सिंह एवं तहसीलदार विनीत कुमार सिंह को किसने टारगेट करने को कहा इस बात का खुलासा तो आने वाले समय में हो ही जाएगा मैं अतिक्रमण के खिलाफ नहीं हूं लेकिन जब राज्य शासन ने काबीज शासकीय भूमि पर लोगों को प्रक्रिया पूर्ण कर जब भूमि उपलब्ध करा रही है तो फिर अतिक्रमण हटाने का खेल क्यों ? जबकि मात्र 2 डिसमिल उस भूमि पर पिछले 40 वर्षों से मेरा परिवार काबीज है बावजूद इसके बगैर सूचना का घर को तोड़ दिया गया। उक्त मामले में अपने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह मरकाम से मुलाकात कर रामानुजगंज एसडीएम गौतम सिंह एवं तहसीलदार विनीत कुमार सिंह के खिलाफ बर्खास्तगी की मांग करेंगे।
चाटुकारिता करने वालों को समय पर सिखाएंगे सबक
कांग्रेस युवा नेता अरविंद कुमार दुबे ने कहा कि नगर के कुछ चरित्रहीन जनप्रतिनिधियों के द्वारा ब्लैकमेलर एवं चाटुकारिता करने वाले युवकों का टीम तैयार कर अपना उल्लू सीधा करने का काम किया जा रहा है जो घोर निंदनीय है ऐसे युवकों का टीम उनके वेस्टेज पानी को भी पीने को तैयार है। इन युवकों का सुबह से शाम तक भ्रष्ट अफसरों के दरवाजे के तलवे चाटने के सिवा इनके पास और शेष कोई काम नहीं बच गया है ऐसे लोगों को समय आने पर ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वह जिंदगी भर याद रखेंगे अवैध कमाई के दम पर अपना महल खड़ा करने वालों को भी परिणाम भुगतना पड़ेगा।
राजस्व विभाग भू माफियाओं पर क्यों है मेहरबान
कांग्रेस युवा नेता अरविंद कुमार दुबे ने कहा कि रामानुजगंज सहित पूरे इलाके में शासकीय भूमि पर कब्जा कर भू माफियाओं के द्वारा प्लाटिंग कर दूसरे प्रदेशों के निवासियों से धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है इस मामले पर जिले के कलेक्टर सहित पूरे राजस्व विभाग क्यों मौन बैठा है शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है आखिर क्यों इन पर भी तो कार्रवाई होनी चाहिए।

पशुविभाग के भूमि से राजस्व विभाग कब हटाएगा अतिक्रमण

कांग्रेसी युवा नेता अरविंद कुमार दुबे ने कहा कि नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 3 में आज से लगभग 55 वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश शासन काल में पशु संगरोधन केंद्र के नाम से लगभग 15 एकड़ भूमि एलॉट की गई थी जिसमें से करीब 5 एकड़ भूमि उप जेल रामानुजगंज को दिया गया था बाकी शेष भूमि पशु चिकित्सालय के नाम से थे वर्तमान में लगभग 10 से 15 डिसमिल जमीन पर पशु चिकित्सालय का भवन बना हुआ है बाकी शेष जमीन पर लोग अतिक्रमण कर अवैध प्लाटिंग कर खुलेआम जमीन को बेच रहे हैं इस पर राजस्व विभाग क्यों मौन है क्या जिले के कलेक्टर उनको कार्रवाई करने से रोक रहे हैं क्या या फिर कोई राजनीतिक दबाव है। जबकि पशु विभाग के अधिकारी लगातार कई वर्षों से सीमांकन कराकर जमीन खाली कराने का मांग कर रहे इस पर राजस्व विभाग ना तो आज तक सीमांकन करा पाया और नहीं अतिक्रमण हटा पाया यह भी एक बड़ा सवाल है।


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