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रामानुजगंज@सहायक शिक्षकों का शिक्षा अधिकारी बनने का रास्ता हुआ साफ

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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से हुई शुरुआत


पृथ्वीलाल केशरी-
रामानुजगंज 20 फरवरी 2022(घटती घटना)। छत्तीसगढ़ प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार हर क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की प्रयास लगातार करते आ रही हैं आए दिन जनता के हक में निर्णय लेते हुए कई सुविधा साधन देने का प्रयास कर रही है। लेकिन जिस जिले में जिनको अधिकार प्राप्त है उन लोगों के द्वारा ऐसा कृत्य किया जा रहा है कि सरकार की बदनामी होना निश्चित है
ऐसी ओछी हरकत के कारण शिक्षा विभाग में एक आदेश पूरा चर्चा का विषय बना हुआ है। बलरामपुर रामानुजगंज जिले के जिला शिक्षा अधिकारी किशन लाल महिलांगे का एक आदेश पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है जारी आदेश में एक बड़ी खबर सामने आई है कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षक को प्रभारी सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया है। प्रशासनिक दृष्टिकोण का हवाला देकर जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर किशन लाल महिलांगे ने विगत दिवस जारी आदेश के अंतर्गत गौसुल आजम सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला को कार्य व्यवस्था के तहत प्रभारी सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी बना दिया है।
नियमों को ताक में रखकर कलेक्टर से लिया अनुमोदन
जारी हुए इस आदेश के पीछे बताया जा रहा है कि मामले में बलरामपुर जिला कलेक्टर कुंदन कुमार का अनुमोदन लिया गया है जबकि प्रस्ताव स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती पदोन्नति सेवा नियम 2019 के प्रावधान के अंतर्गत राजपत्र में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख है कि सहायक शिक्षक का कार्य प्राथमिक स्कूल में कक्षा पांचवी तक अध्यापन कराना है। छत्तीसगढ़ शासन के राजपत्र में एबीईओ के पद को द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी प्राचार्य वर्ग 2 की वरीयता का बताया गया है …! स्पष्ट है कि जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर नियमों को ताक में रखकर उपकृत करने के उद्देश्य से नियम विपरीत कलेक्टर से अनुमोदन कराकर लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले पद की गरिमा का अवमूल्यन किया है।
शिक्षा नियम के प्रावधानों का पालन करे सुनिश्चित
इस मामले में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संचनालय सरगुजा के संयुक्त संचालक बी एक्का ने बातचीत में बताया कि शिक्षकों को किसी भी कार्यालय में अटैच करने के लिए डीपीआई के द्वारा मनाही की गई है। कार्य व्यवस्था के दृष्टिकोण से किसी भी आदेश को जारी करने के पूर्व पद की गरिमा एवं राजपत्र में जारी स्कूल शिक्षा नियम 2019 के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
नई शुरुआत के लिए शिक्षक नेता ने दी बधाई
सहायक शिक्षक को प्रभारी सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाये जाने को लेकर शिक्षक नेता अश्वनी कुर्रे ने खुशी जाहिर करते हुए कहां की बलरामपुर जिला शिक्षा अधिकारी का आभार व्यक्त करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार के सभी नियम कानून को ताक में रखते हुए एक नई शुरुआत की गई है।
प्रादेशिक सचिन ने डीईओ के आदेश को बताया निंदनीय
सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी प्रदेश संघ के प्रादेशिक सचिव असगर खान ने अपने बयान में कहा कि एबीईओ का पद द्वितीय श्रेणी का है जिस पर पीएससी के माध्यम से सीधी भर्ती की जाती है ।पद की गरिमा के अनुसार ही प्रशासनिक आवश्यकता पर उच्च अधिकारियों को दायित्व देना चाहिए। डीईओ महिलांगे द्वारा जारी आदेश निंदनीय है।
जारी आदेश का कलेक्टर करेंगे समीक्षा
उक्त मामले में जब बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि यह जानकारी आप से हमें प्राप्त हुई है आदेश की कॉपी मंगाकर समीक्षा करने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
संलग्नीकरण मामले में ऐसे हुआ खुलासा
मिशन 90 के तहत 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी किशन लाल महिलांगे के द्वारा जिले के बलरामपुर वाड्रफनगर एवं रामचंद्रपुर विकासखंड के लगभग 75 प्राचार्य की बैठक उत्तर माध्यमिक विद्यालय बालक रामानुजगंज में आयोजित की गई थी। जहां शिक्षा गुणवत्ता को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी किशनलाल महिलांगे ने कहा कि आप सभी प्राचार्य अपनी अपनी संस्था में प्रतिभावान छात्रों की समीक्षा कर उनका अलग से क्लास लेकर संबंधित विषय के बारे में उन्हें जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि जिले के अधिक बच्चे टॉप टेन में आ सके। और जिले का नाम राज्य स्तर पर पहले नंबर पर हो। तत्पश्चात रामचंद्रपुर विकासखंड के माध्यमिक शाला नवापारा आरागाही के प्रधानाध्यापक ओम प्रकाश गुप्ता जो कि पिछले कई वर्षों से साक्षर भारत मिशन बलरामपुर के सहायक परियोजना अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे। उन्होंने कहा कि सभी संकुल प्राचार्य अपने संस्था का एवं संकुल के सभी संस्था के शिक्षकों की नियमित उपस्थिति एवं छात्रों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निरंतर देखें। बैठक समाप्त होने के बाद प्राचार्यों में संलग्नीकरण को लेकर आपस में इस बात की चर्चा करने लगे की हम लोग का बड़ा दुर्भाग्य है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण अपात्र लोग का भी उद्बोधन सुनना पड़ रहा है।
संलग्नीकरण को लेकर विधानसभा में विधायकों ने उठाए थे सवाल
बलरामपुर रामानुजगंज जिले के जिला शिक्षा अधिकारी किशन लाल महिलांगे ने छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आर.पी.वर्मा के आदेश को ताक में रखकर संलग्नीकरण कार्य को अंजाम दिया है जबकि छत्तीसगढ़ के समस्त जिला शिक्षा अधिकारीयो को संलग्नीकरण समाप्त करने हेतु आदेशित किया गया था। जारी पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया था कि शीतकालीन विधानसभा सत्र में प्रदेश के विधायकों के द्वारा शालाओं में शिक्षकों की कमी एवं संलग्नीकरण किए जाने को लेकर सवाल उठाया गया था शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होने के संबंध में कई सवाल पूछे गए थे जिलों में कुछ शालाओं में दर्ज संख्या के अनुपात से एवं स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक कार्य करने के कारण अतिशेष की स्थिति निर्मित हुई है। विधानसभा में विधायकों के तीखे सवालों के बाद सचिव आर.पी.वर्मा ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारीयो को जिले की शालाओं में संलग्नीकरण समाप्त कर संलग्न शिक्षक को उनकी मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त करने के आदेश दिए थे।


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