अंबिकापुर@महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण मामले में राजनीतिक शुरू, इधर पहाड़ पर बसे लोगों ने की बेदखल न करने की मांग

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अंबिकापुर,17 फरवरी 2022(घटती-घटना)। महामाया पहाड़ पर कब्जा कर बसे लोगो को लेकर पिछले कुछ दिनों से सियासत देखने को मिल रही है। जिला प्रशासन द्वारा पहाड़ पर अतिक्रमण के मामले को कराए गए जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ कि 254 लोगों पहाड़ पर अतिक्रमण लर रह रहे है। प्रशासन की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भाजपा कह रही है कि कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए लोगों को महामाया पहाड़ पर बसाया है जबकि कांग्रेस कह रही है कि भाजपा शासनकाल में लोग महामाया पहाड़ पर अवैध कब्जा कर बसे हैं। भाजपा मांग कर रही है कि महामाया पहाड़ से अवैध कब्जा हटाया जाए जबकि कांग्रेस मांग कर रही है कि अवैध कब्जा खाली कराकर कब्जाधारियों को किसी अन्य जगह विस्थापित किया है। इन सबके बीच वो लोग परेशान हो रहे हैं जो कई वर्षों से मामाया पहाड़ पर कब्जा कर रहे हैं। गुरुवार को दर्जनों की संख्या में महामाया पहाड़ के समीप रह रहे लोग कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर बेदखल नहीं करने की मांग की है। ग्रामीणों ने ज्ञापन में कहा है कि हम लोग वर्षों से महामाया पहाड़ में छोटी-छोटी झोपड़ी बनाकर निवासरत हैं। हम में से कई लोगों को आजादी के पहले से यहां रहते आए हैं। यहां रहने वाले अधिकांश बेहद निम्न आय वर्ग के लोग हैं। लोगों ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए महामाया पहाड़ पर बरसों से निवासरत लोगों को बेदखल करना चाहते हैं। महामाया पहाड़ में निवासरत लोग किसी राजनीतिक दल विशेष के नहीं बल्कि अलग-अलग दलों के समर्थक हैं। इसलिए उन्हें बेदखल करने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। महामया पहाड़ से बेदखल न करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपने आए लोगों ने ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर को बताया है कि शहर भर के अवैध कब्जा को छोडक़र एकमात्र महामाया पहाड़ को टारगेट करना षडयंत्र का हिस्सा है। ऐसे में हम अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए संवैधानिक मर्यादाओं के तहत आंदोलन को बाध्य होंगे।
अभियान चलाकर हटाया जाए महामाया पहाड़ से अतिक्रमण
महामाया पहाड़ हमारी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक धरोहर है। इस पर अतिक्रमण की जांच हेतु गठित टीम के प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि राजनीतिक संरक्षण में भू-माफियाओं के योजनाबद्ध अतिक्रमण की होड़ से, इसके अस्तित्व पर संकट उपस्थित हो गया है। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि निगम से ही इसमें संलिप्त तत्कालीन सभापति एवं वर्तमान में श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद पूर्व पार्षद मो फारुख, पार्षद फौजिया नाज इदरीशी का नाम जांच रिपोर्ट में सहयोगी के रुप में सामने आया है, जिससे यह स्पष्ट है कि पूर्व एवं वर्तमान में भी टीएस सिंहदेव स्थानीय विधायक व मंत्री शासन का इन्हे संरक्षण प्राप्त है, जिस कारण जिला प्रशासन भी महामाया पहाड़ को अतिक्रमण मुक्त करने का साहस दिखाने में लाचार प्रतीत हो रहा है। महामाया पहाड़ से अतिक्रमण हटाए जाने की मांग को लेकर भाजपा ने स्थानीय घड़ी चैक पर हाथ में तख्ती लेकर 01 घंटे तक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह, भारत सिंह सिसोदिया, प्रबोध मिंज, आलोक दुबे, मधुसुदन शुक्ला, दीपक सिंह तोमर, मुकेश तिवारी, नकुल सोनकर, प्रेमानंद तिग्गा, छोटू थॉमस, ममोल कोचेटा, शानू कश्यप, ममता पाण्डेय, भारतीय वैष्णव, सुषमा जायसवाल, नीरा सिंह, सीमा, सेत दास, उदर राजवाड़े, विनय त्रिपाठी, गोलू यादव, अनुज तिवारी, गणेश कश्यप, अंकित तिर्की, जय सिंह, रोहित कुशवाहा, सर्वेस तिवारी, वेदप्रकाश तिवारी, विशाल गिरी, सुभाष गुप्ता, प्रभात विश्वास, नेपाल यादव, योगेश सोनी, दीपक कोरवा झूले, अभिमन्यू तिवारी, अमित पाण्डेय, कृष्ण कुमार शर्मा, धनंजय दुबे, मलखान सोनी, पार्षद सुशांत घोष सहित सैकड़ो की संख्या में अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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