वन विभाग बने हुए हैं मूक दर्शक
-राजा शर्मा-
कोरबा,14 फरवरी 2022(घटती-घटना)। कोरबा जिले में कोरबा वन मंडल के पसरखेत वन परिक्षेत्र कार्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर माझीडेरा में हरे भरे बेशकीमती सागौन और खम्हार के पेड़ की अंधाधुंध कटाई जारी है। इसकी गवाही ताजे ठूंठ की यह तस्वीरें खुद ही बयां कर रहीं हैं। ऐसी स्थिति में वनरक्षकों पर सवाल खड़े होते हैं कि ,जब कार्यालय से लगे जंगलो की सुरक्षा नहीं हो रही तो ,पूरे वन परिक्षेत्र का क्या हाल होगा। इसकी महज कल्पना ही कि जा सकती है। वन विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं। हरे-भरे सागौन और खम्हार के पेड़ ईन दिनों वन तस्करों के खास निशाने पर है। यहां आसानी से पेड़ों की कटाई कर सुगमता के साथ लकड़ी चोर ले जा रहे हैं। हरे- भरे सागौन के पेड़ इमारती लकड़ी की जमकर कटाई की जा रही है। इसे देख कर यह प्रतीत हो रहा है कि, जब जंगलों के यह हाल है तो, आस पास के ग्रामीण अंचलों में वन परिक्षेत्र के अनतरगत आने वाले जंगलो के क्या हाल होंगे। जिस गति से वन माफिया बेखौफ होकर दिन दहाड़े इन जंगलों में पेड़ों की कटाई कर रहे हैं ऐसा लग रहा है कि, उन्हें पकड़े जाने का कोई खौफ नहीं है और वन विभाग को भी इसकी कोई खबर नहीं हो रही है। पेड़ों की बाकायदा कटाई के लिए वन माफिया कटर मशीन का उपयोग कर रहे है। वनविभाग की नाक के नीचे से बड़ी मात्रा में सागौन के बेशकीमती इमारती लकड़ी चुराकर ले जा रहे हैं, वन विभाग मूक दर्शक बने हुए हैं ,इससे कहीं न कही विभागीय लापरवाही उजागर होती हैं। वही वन प्रबन्धन समिति मदनपुर तिलोचन सिंह राठिया(अध्यक्ष) का कहना है कि वन प्रबंधन समिति का कोई महत्व नहीं है, कभी बैठक नही होता है। वन रक्षको की मनमानी है। जंगल मे पेड़ कट रहे हैं। वन प्रबन्धन समिति पसरखेत धन सिंह राठिया(अध्यक्ष) ने कहा कि हमारा कोई महत्व नही है, केवल नाम का अध्यक्ष हूँ। जंगल मे पेड़ कट रहा है, रेजर बात नही करता।