बैकुण्ठपुर/सुरजपुर@पुलिस अधीक्षक कोरिया का दावा निकला फर्जी,रवि सिंह को बताया था ग्र्रूप एडमिन

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  • पुलिस सूत्रों की मानें तो ग्रूप एडमिन बताकर बनाया गया था रवि सिंह को आरोपी
  • कोरिया पत्रकार पर मामला दर्ज करने के मामले में पुलिस ने खोया अपना आपा
  • महिला के घर में घुस कर वर्दीवालो ने मचाया उत्पात,बंधक बनाकर सादे कागज पर कराया हस्ताक्षर
  • महिला के साथ नाबालिक बच्चे को उठ़ा ले आयी थाने, दिखाया अपना घटिया मानसिकता
  • पुलिस पत्रकार को पकडक़र अपनी पीठ़ थपथपाने की जुगत में, बदनामी की चिंता नहीं
  • महिला व नाबालिक को उसके घर से उठ़ा पुलिस ने करायी अपनी किरकिरी,शिकायत कोतवाली में
  • आखिर क्यों पुलिस हाथ धोकर पड़ी है पत्रकार के पीछे और उस व्यक्ति को क्यों छोड़ रही जो पुलिस को कर दिया बदनाम


बैकुण्ठपुर/सुरजपुर,11 फरवरी २०२२(घटती-घटना)। कोरिया जिले के पत्रकार पर एफआईआर दर्ज कर प्रताडित करने के मामले में पत्रकार के सहयोगी महिला के घर रात में पहुंचकर पुलिस ने खूब उत्पात मचाया। जबरदस्ती महिला व उसके 15 वर्षीय बच्चे को बंधक बनाकर पटना थाने ले जा कर प्रताडित कर सादे कागज पर हस्ताक्षर करा वापसी में उसका विडियो बना कर भाई के सामने सुर्पद किया गया। फर्जी एफआईआर के मामले में कोरिया के एसपी के साथ कोरिया पुलिस की प्रदेशभर में विरोध देखी जा रही है। जिसमें सरगुजा संभाग सहित प्रदेश में कोरिया पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर जमकर आलोचना हो रही है जिससे मौजुदा सरकार की छवि धूमिल हो रही है। पुलिस विभाग के कार्यकलापों को प्रकाशित करने वाले पत्रकार पर फर्जी एफआईआर दर्ज करने पर स्थानीय सहित प्रदेश के पत्रकारों में आक्रोश है। जिसे लेकर निंदा प्रस्ताव पारित करते हुये जब तक न्याय नही ंतब तक पुलिस के किसी भी मामले का समाचार प्रकाशित पर रोक लगा दिया गया है। जो एक तरीके से विरोध जताया गया है। गुरुवार को पत्रकारों ने नाराजगी जाहिर कर झुठी एफआईआर का विरोध में कोरिया पुलिस को ज्ञापन दिया और निष्पक्ष जांच की मांग की है। पूरे मामले में कोरिया पुलिस अधीक्षक की बाते सुनकर ऐसा लगा की वह राजनीति दबाव में है।
इस पूरे मामले नया मोड़ आया जब एक महिला सूरजपुर कोतवाली में पुलिस के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध कराने पहुंची। जिसमें महिला ने बताया कि वह पत्रकार रवि सिंह के साथ एक ही बीमा कंपनी में काम करने वाली सहयोगी है और सुरजपुर में एक बीमा कंपनी में एक साथ काम करते है। वहीं किराये मकान में अपने 15 साल के बच्चे के साथ निवास करते है। 9 फरवरी की रात के 3.50 बजे किसी ने दरवाजे को जोरो से पीटा, पूछने पर आवाज आयी कि हम लोग पुलिस वाले हैं और ताबडतोड़ दरवाजे पीटने लगे। सुबह तडके दरवाजा खोलने पर पुलिसकर्मी घर में घुस गये और रवि सिंह के बारे में पूछताछ करने लगे। अन्य कमरे में सो रहे मेरे 15 वर्षीय बेटे को लात मारते हुये कहा कि यही रवि सिंह सो रहा है पर वह मेरा बेटा था। पुलिस वालो ने पूछताछ के नाम पर उनसे अवांठित व्यवहार करते हुये बलपूर्वक सूरजपुर थाना कहकर पटना थाना ले आये। इस दौरान पुलिसकर्मी ने धक्के मारते और हाथ पकडक़र पुरूष पुलिसकर्मीयों ने दुव्र्यवहार किया, पटना थाना में लाने के बाद मेरे नाबालिग बच्चे को कमरे में बंद कर मारपीट भी किये और मुझे रवि सिंह के खिलाफ शारीरिक शोषण करने का मामला दर्ज कराने का दबाव बनाने लगे, कहने लगे कि तु हें और तु हारे बच्चे को गांजा के मामले में फंसा देंगे जिससे तु हारा पूरा कैरियर खत्म हो जायेगा, वहां पर मेरा विडियो बनाकर जबरजस्ती उनके बातो को कबुल कर सादे कागजो पर हस्ताक्षर कराया गया। जब मुझे कमरे में घंटो बन्द करने मारपीट की धमकी से मन नहीं भरा तो किसी पांण्डेय जी के घर बैकुठपुर भी ले जाकर भी सबके सामने प्रताडि़त किया गया। तीन पुलिसकर्मीयों द्वारा मेरे चरित्र की हत्या करने की कोशिश भी की जिससे वे मानसिक रूप से आहत है और बच्चा भी काफी डरा-सहमा हुआ है।
पुलिस अपनी फ जीहत से बचने पत्रकार पर साधा है निशाना
पुलिसकर्मिंयों के बीच की बातचीत जब वाट्सअप चैट गु्रप में आयी तो लगा की नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर अपने कर्मचारीयों पर कार्यवाही करेंगे जो पुलिस के छवि को धूमिल कर रहे है और अपने ही अधिकारीयों को बेवकूफ बनाने जैसे शब्दों का उपयोग कर रहा है। भले से पुलिस अधीक्षक को यह बात समझ में नहीं आयी पर पत्रकार ने पुलिसकर्मीयों द्वारा जिन शब्दों का प्रयोग उनके द्वारा किया गया उससे पत्रकार को आपत्ति जरूर हुई जो उनके लिये खबर प्रकाशित कर मामले को सबके सामने ला खड़ा किया ताकि ऐसे बदतमीज और अनुशासन हिन पुलिस कर्मचारी पर कार्यवाही हो सके। पर यहां तो पत्रकार को ही पुलिस अधीक्षक ने अपना सा ट टारगेट बना लिया और वही कर्मचारी उन्हें बरगलाने में सफल दिख रहे है जो कथित चैट में शामिल दिख रहे है। पर ऐसे वायरल चैट पर सही जांच करने के बजाये पत्रकार के पीछे हाथ धोकर पड़ी है पुलिस सूत्रों की माने तो जिले की विधायक के ईशारों पर काम कर रही है पुलिस। पुलिस पत्रकार को अपराधी के तरह ऐसे खोज रही है कि वह अपने हद पार करने से नहीं चुकी। पत्रकार के सहयोगी महिलाा सहकर्मी को व उसके नाबालिक बेटे को परेशान करने उनके घर पहुंच गयी।
यह पूरा मामला
कोरिया बैकुण्ठपुर के पत्रकार रवि सिंह पर पुलिस द्वारा उन्हें फर्जी तरीके एक्ट्रोसिटी सहित कुछ गंभीर धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर अपनी आपसी खुन्नस निकालने के चक्कर में खुद पुलिस प्रार्थी बनकर मामला पंजीबद्ध किया है। वहीं पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिये इस कदर उतावली है कि उनकी मंशा उनके साथ जबरन मारपीट कर वायरल चैट का पूरा ठिकरा उसके सिर में मढऩा चाहती है जिस एवज में अपना आपा इस कदर खोई कि सूरजपुर जिले में जहां पत्रकार पत्रकारिता के अलावा बीमा का कार्य करता है जिसका वहां कार्यालय है वहां पर पदस्थ एक महिला सहकर्मी कार्यरत है जिसका निवास भी सूरजपुर मे है। जहां पर रवि सिंह का भी आनाजाना है और ठहरना भी होता है। जिसकी जानकारी पुलिस को मिलने पर अपराधीयों की तरह ढूंढते हुये महिला के निवास पहुंच गयी और उसे जबरन दबावपूर्वक रात्रि के लिबास में उसे उसी हालत में उसके नाबालिक बेटे के साथ कई पुलिसकर्मीयों के मौजुदगी में जबरदस्ती निजी वाहन में बैठ़ाकर पटना थाना ले आया गया और जिसकी सूचना पुलिस ने न तो महिला के परिजनों को दी और न ही नाबालिक के साथ कैसा व्यवहार करने का प्रावधान है उसका भी पालन करना जरूरी नहीं समझा। पहली गलती तो पुलिस ने बिना महिलाकर्मीयों को लिये पुरूषकर्मी घर अनाधिकृत प्रवेश किया और जबरदस्ती पकडक़र घर से बाहर लाया गया और थाने ले जाकर अवांछित व्यवहार के साथ धक्कामुक्की तक कर डाला। महिला के 15 वर्षीय बच्चे को अलग कमरे में बंधक बना उसके साथ मारपीट करते हुये उसे गांजे जैसे मामले फंसाने की धमकी तक दे डाला। महिला ने बताया कि मुझे जितनी रवि सिंह की जानकारी थी उतनी मैंने उन पुलिसकर्मीयों को दे दी थी। फिर भी उनका मन नहीं भरा मुझे पटना थाने से बैकुण्ठपुर ले जाया गया और किसी पाण्डेय जी के सामने खड़ा करके वहां भी मुझसे पूछताछ करते हुय जलील किया गया। यहां तक कि रवि सिंह को शारीरिक शोषण में फंसाकर झूठे मामले बनाने के लिये कहा गया जिस मैंने इंकार करते हुये कहा कि यह सब नहीं है तो मैं ऐसा क्यों करूं। जिसे लेकर मुझे मारा भी गया, यहां तक कि मुझपर दबावपूर्वक पटना थाना में कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराया गया यदि उसमें कुछ भी चीजें पुलिस के द्वारा लिखी जाती है तो वह मेरा कथन नहीं होगा।
पूरे मामले में महिला और बच्चे को पताडि़त करने में तीन पुलिसकर्मी पर लगा आरोप
वायरल चैट में जिन पुलिसकर्मीयों का स्पष्ट नाम आया है उसी में से कुछ पुलिसकर्मी पत्रकार को पकडऩे के लिये सूरजपुर महिला के घर में अनाधिकृत प्रवेश कर अपना पुलिसिया रौब दिखाते हुये पुलिस के प्रोटोकॉल तक भी पालन नहीं किया। पीडि़त महिला के अनुसार जिन पुलिसकर्मीयों ने उन्हें काफी परेशान किया उसमें पटना थाना प्रभारी सौरव द्विवेदी, प्रधान आरक्षक नवीन दत्त तिवारी के साथ एक का नाम उन्हें नहीं मालूम पर हुलिया के अनुसार वह सावंला और लम्बा हेल्दी था। सूत्रों की मानें तो यह वहीं नाम है जो वायरल चैट के अनुसार प्रमुख दोषी है।


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