-ओंकार पांडेय-
सूरजपुर 09 फ रवरी 2022(घटती-घटना) । जिले के अग्रणी महाविद्यालय सूरजपुर में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर कब्जा किए जाने के मामले में महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति व प्रबंधन की शिकायत व मचे बवाल के बाद राजस्व अमले ने निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए महाविद्यालय की भूमि के सीमांकन के निर्देश जारी किए है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से थोड़ी-थोड़ी जमीन पर लोगों ने कब्जा कर महाविद्यालय की भूमि के रकबे को हथिया लिया है. हालांकि अतिक्रमण के मामले में महाविद्यालय प्रबंधन ने कई बार मौखिक व लिखित सूचना भी प्रशासन को दी है और सीमांकन का आवेदन भी तहसीलदार और एसडीएम को देने के बाद भी आज तक कॉलेज की भूमि का सीमांकन नहीं हो पाया है.. पिछले कुछ दिनों से फिर एक बार महाविद्यालय की शासकीय भूमि पर कब्जा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. विदित हो कि महाविद्यालय के खेल परिसर मैदान से लगे खाली पड़ी भूमि पर फिर एक बार भू माफियाओं की नजर लग गई है. इस मामले में जब एक पुलिस के जवान को 34 डिसमिल भूमि राजस्व अमले ने उसके स्वामित्व की भूमि बता दी और बकायदा भूमि स्वामी ने वहां पर मकान का कार्य प्रारंभ कर दिया है किंतु कॉलेज परिसर के अंदर हो रहे मकान निर्माण को लेकर महाविद्यालय प्रबंधन भी हरकत में आ गया महाविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि पूरी भूमि महाविद्यालय की है और बिना महाविद्यालय प्रबंधन को सूचना दिए भूमि नाप कर संबंधित को सीमांकन कर देना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. इस मामले को लेकर महाविद्यालय जनभागीदारी के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने जिले के कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह को भी पूरे मामले से अवगत कराया और बताया कि महाविद्यालय की जमीन पर पूर्व में भी कब्जा किए जाने को लेकर काफी विवाद हो चुका है. इस भू-खण्ड के अगल-बगल प्लाटिंग करने वाले लोगों के द्वारा दबाव पूर्वक महाविद्यालय की भूमि में 15 फीट का रास्ता बना कर लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया था और फिर एक बार भूमि पर कब्जा करने की होड़ मच गई है. बहरहाल हरकत में आए प्रबंधन और जिले के कलेक्टर की पहल पर तहसीलदार सूरजपुर के नेतृत्व में पहुंचे राजस्व अमले ने कार्य बंद करा दिया है और जल्द ही महाविद्यालय की साढ़े छब्बीस एकड़ जमीन का सीमांकन करने का आश्वासन दिया है.
पूर्व में भी अतिक्रमण
हो चुका है: सुनील अग्रवाल
महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि सुनील अग्रवाल ने बताया कि महाविद्यालय का रकबा काफी कम हो गया है. वर्तमान में दर्ज रकबे से कम भूमि है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की पुरी भूमि का सीमांकन करवाकर भूमि को सुरक्षित करेंगे और चारदिवारी निर्माण के लिए स्थानीय विधायक की पहल पर शासन से बजट की मांग कर छात्रहित में भविष्य को देखते हुए अग्रणी महाविद्यालय के मद की भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त करायेंगे.
प्रथम दृष्टया अतिक्रमण है:तहसीलदार
मौके पर पहुंचे तहसीलदार नीरज तिवारी व राजस्व अमले की टीम ने पाया कि उक्त भूमि जहॉ निर्माण कार्य प्रारंभ है वह महाविद्यालय की शासकीय भूमि है. राजस्व अभिलेखों के साथ पहुंचे अमले ने काम बंद कराते हुए जल्द ही महाविद्यालय की भूमि का सीमांकन किए जाने की बात कही. उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य का पत्र प्राप्त हुआ है. जल्द ही शासकीय मद की उक्त भूमि के साथ अगल-बगल की भूमि की भी जांच व सीमांकन एक सप्ताह के अंदर होगी.
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