अम्बिकापुर 5 फरवरी 2022 (घटती-घटना)। विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा जिले में आस्था व धूमधाम से की गई। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद रहने के कारण बच्चे स्कूल में नहीं पहुुंच सके। स्कूल में केवल शिक्षकों द्वारा ही मां सरस्वती की पूजा की पूजा की गई। बच्चे अपने-अपने घरों में ही विद्या की देवी की पूजा कर बुद्धि विवेक की कामना की। वहीं कई निजी शिक्षण संस्थानों में भी पूजा अर्चना की गई। गौरतलब है कि हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व हर वर्ष बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस तिथि पर देवी सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि बंसत पंचमी तिथि पर मां सरस्वती की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होतीं हंै। शनिवार को बसंत पंचमी पर विद्या, विवेक की जननी मां सरस्वती की पूजा जिले में धूमधाम से की गई। सरस्वती पूजा को लेकर विद्यार्थियों में विशेष उत्साह रहता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण शासकीय व निजी स्कूल बंद हैं। इस लिए स्कूलों में विधिविधान से होने वाली मां सरस्वती की पूजा में बच्चे शामिल नहीं हो सके। स्कूलों में केवल शिक्षकों द्वारा की पूजा की गई। वहीं बच्चे अपने-अपने घरों ही विद्या की देवी की अराधना किया और विद्या, बुद्धि, विवेक की कामना की। वहीं गांव व मोहल्लों में कुछ संगठनों द्वारा सामूहिक रूप से मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई।
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