अपनी दमदार और मिलनसार छवि का लोहा मनवाने में सफल रहे आशीष यादव
रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 3 फरवरी 2022 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर नगरपालिका के नवनिर्वाचित नगरपालिका उपाध्यक्ष आशीष यादव (लल्ला) की पार्षद पद पर निर्वाचित होकर 5 साल तक कि वार्डवासियों की बतौर वार्ड पार्षद के तौर पर की गई सेवा का परिणाम उन्हें पुन: मिला और इसबार वह पार्षद भी निर्वाचित हुए और उन्हें बैकुंठपुर नगरपालिका के उपाध्यक्ष पद पर भी निर्वाचित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बैकुंठपुर नगरपालिका के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष आशीष यादव की यदि छवि की बात की जाए तो उनकी गिनती बैकुंठपुर नगरपालिका के उन पार्षदों में होती है जो पार्षद निर्वाचित होकर केवल पद का तमगा लगाकर घूमने वाले पार्षद बनकर रहने की बजाए वार्डवासियों की सुविधाओं सहित उनकी समस्याओं के निराकरण में सतत सक्रिय रहकर समाधान बनकर वार्डवासियों की मदद में तत्तपर रहने वाले पार्षदों में अपना नाम दर्ज करा पाने वाले कुछ चुनिंदा वार्ड पार्षदों में अपना नाम दर्ज करा सके और जिसका ही प्रतिफल उन्हें दोबारा हुए नगरपालिका चुनावों के परिणामों के पश्चात मिला, जिसमें वह न केवल वार्ड पार्षद निर्वाचित हुए बल्कि वह नगरपालिका उपाध्यक्ष तक का सफर तय कर सके जो उनकी एक बड़ी उपलब्धि भी रही।
लोकप्रियता के मामले में भी बैकुंठपुर के युवा नेतृत्वकर्ताओं में अव्वल
आशीष यादव (लल्ला) अपनी लोकप्रियता के मामले में भी बैकुंठपुर के युवा नेतृत्वकर्ताओं में अव्वल हो चुके हैं और आज वह बैकुंठपुर शहर के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर राजनीति में किस तरह सफलता अर्जित कर आगे बढ़ा जा सकता है इसका उदाहरण बनकर सामने खड़ें हैं। आशीष यादव( लल्ला) जिन्होंने कभी अपनी बेरोजगारी दूर करने के उद्देश्य से नागरसैनिक के पद पर भी कार्य किया था किस तरह उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और सफल होते चले गए यह उनके जीवन की घटना और उनके जीवन से जुड़ी सफलता अन्य नवयुवकों के लिए कोई छोटी प्रेरणा नहीं है जो आज राजनीति से जुड़कर अपना भविष्य राजनीति में तलाश रहें हैं। आशीष यादव (लल्ला) की लोकप्रियता और जनप्रिय नेता होने की छवि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आशीष यादव (लल्ला) जिस वार्ड से इसबार चुनाव लड़ने कांग्रेस के टिकट पर उतरे उस वार्ड में उन्हें उनके सामने एक बड़े कद के लोकप्रिय नेता से सामना करना पड़ा, आशीष यादव जिस वार्ड से वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने उतरे भले ही उस वार्ड में शुरू से ही चुनाव को टक्कर वाला माना जाता रहा फिर भी आशीष यादव ही विजयी होंगे यह बात भी अनायास ही लोगों की जुबान पर आता रहा और वही हुआ जो तय था आशीष यादव वार्ड पार्षद निर्वाचित हुए और बड़े अंतर से विजयी हुए।
पारिवारिक पृष्ठभूमि इनके अलवा कोई नहीं सक्रिय
आशीष यादव का परिवार और उनकी पूरी पारिवारिक पृष्ठभूमि की यदि बात की जाए तो कहीं भी ऐसा कुछ नजर नहीं आएगा जहां उनके परिवार के किसी सदस्य को राजनीति में सक्रिय पाया जाय, कभी भूतकाल में उनके ही एक भाई ने बैकुंठपुर के महाविद्यालय का चुनाव अध्यक्ष पद के लिए लड़ा था और विजयी हुए थे इससे ज्यादा उनके परिवार से राजनीति में न तो कोई आगे बढ़ा था और न कभी सक्रिय ही रहा पूरा परिवार शासकीय कर्मचारियों का परिवार इनका बना रहा और सभी पारिवारिक सदस्य यहाँ तक कि घर की कई महिलाएं भी इनके परिवार के शासकीय सेवक बतौर ही शासकीय सेवा में रत शासकीय दायित्व निर्वहन करते नजर आएंगे और जिसे देखकर जानकर केवल एक ही बात मन मस्तिष्क में आएगी की कैसे एक सामान्य शासकीय कर्मचारियों के परिवार के बीच का एक सदस्य आज राजनीति में अपना लोहा मनवा रहा है और किस तरह वह खुद एक छोटी सी शासकीय सेवा से त्यागपत्र देकर राजनीति में प्रवेश करते हुए सफलता के कीर्तिमान गढ़ रहा है।
निर्वाचित पार्षदों के बीच बेहतर तालमेल से उपाध्यक्ष पद पर मिला कब्जा
नगरपालिका उपाध्यक्ष आशीष यादव (लल्ला) ही निर्वाचित होंगे कांग्रेस पार्टी से उन्हें ही उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्यासी बनाया जाएगा और उनके नाम पर आम सहमति भी बन ही जाएगी यह भी पूर्व से ही तय था और अंत मे वही हुआ भी, बैकुंठपुर नगरपालिका में जहां बहुमत से ज्यादा पार्षदों के मत होने के बावजूद अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेसी पार्षदों में एक आम राय उत्तपन्न नहीं हो सकी और अल्पमत वाली भाजपा कांग्रेस पार्षदों के इसी आपसी भितरघात का फायदा उठाकर अपना अध्यक्ष बैकुंठपुर नगरपालिका में बना ले गई जबकि आशीष यादव (लल्ला) की लोकप्रिय छवि साथ ही उनकी कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों के बीच बेहतर तालमेल की वजह से उपाध्यक्ष पद पर उनका कब्जा हो सका और उपाध्यक्ष पद के लिए मत देते समय कांग्रेसी पार्षदों ने भितरघात नहीं किया और आशीष यादव( लल्ला) उपाध्यक्ष निर्वाचित हो गए।
युवा नेताओं में अग्रणी
आशीष यादव की छवि वर्तमान में बैकुंठपुर के उन युवा नेताओं में अग्रणी है जो कम समय मे राजनीति में अपना बेहतर मुकाम हासिल करते जा रहें हैं, इन्हें बहोत ज्यादा हड़बड़ी में भी नहीं देखा जा रहा है और न ही इनके अंदर जल्दबाजी में बड़े पद पर आसीन होने की कल्पनाओं में ही महसूस किया जा रहा है, आशीष यादव धीरे धीरे राजनीति में आगे बढ़ने का अपना कर्म जारी रखे हुए हैं और उनका कहना भी है कि अच्छा बनने की बजाय सरल बनने का प्रयास किया जाना चाहिए क्योंकि सरल व्यक्ति हृदय तक पहुंच सकता है और अच्छा केवल आंखों तक।