सूरजपुर@महाप्रबंधक ने किया मोर्चा टाइट परंतु स्थानीय पुलिस इसे धूमिल करने पर तुली

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कोयला नगरी बिश्रामपुर क्षेत्र में कबाड़ चोरों का हौसला सातवें आसमान पर


-ओंकार पाण्डेय-
सूरजपुर 01 फरवरी 2022 (घटती-घटना)। उल्लेखनीय है कि सूरजपुर जिले की नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के सख्त निर्देशों के विपरीत कोयलांचल क्षेत्र में कबाड़ चोरी एवं तस्करी का कार्य तेजी से चल रहा है या यूं कहें सूरजपुर पुलिस अधीक्षक के नाक के नीचे स्थानीय पुलिस की सांठगांठ से कबाड़ चोरी एवं तस्करी का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है । हाल ही में विश्रामपुर ओसिएम के सुरक्षा प्रहरी संजय कुमार सिंह जिनकी ड्यूटी 29 जनवरी को ओसीएम साइडिंग, सीएचपी में लगा था और इस दौरान दिन के उजाले में करीब 4:30 बजे कबाड़ चोर पुराना एम टी के रूम के ऊपर लगे सीट को तोडऩे लगे, जिस पर सुरक्षा प्रहरी द्वारा शोर मचा कर उस वक्त तो उन्हें भगा दिया परंतु जाते-जाते कबाड़ चोर जान से मारने की धमकी देकर भाग निकले और सुरक्षा प्रहरी के ड्यूटी समाप्त होने का इंतजार करने लगे और जैसे ही सुरक्षा प्रहरी अपनी ड्यूटी समाप्त कर रात्रि करीब 10:00 बजे घर लौटने लगा तो सुरक्षा प्रहरी के इंतजार में बैठे 5 से 6 कबाड़ चोर ओमनी वैन में आकर उसका रास्ता रोक लिया तथा जान से मारने के लिए कूद पड़े तो सुरक्षा प्रहरी किसी तरह अपनी जान बचाकर मौके से भाग निकला। हालांकि भागकर उक्त सुरक्षा प्रहरी ने अपनी जान तो बचा ली परंतु कबाड़ चोरों के बुलंद हौसले इस बात की ओर इशारा करते हैं कि उन्हें पुलिसिया संरक्षण प्राप्त है क्योंकि जहां एक तरफ एसईसीएल के सुरक्षाकर्मियों की जान पर बन आई है वहीं दूसरी तरफ पुलिस ऐसी शिकायतों को ना तो सुनती है और ना ही आवेदन की रिसीविंग तक देना जरूरी समझती है। उक्त संपूर्ण घटना की लिखित शिकायत करते हुए सुरक्षा प्रहरी संजय कुमार सर्वप्रथम विश्रामपुर थाना पहुंचा जहां उसका आवेदन तक नहीं लिया गया तत्पश्चात पूरे मामले की शिकायत पीड़ित प्रहरी ने सूरजपुर एसपी को लिखित में दी है।
पुलिस नहीं सुनती है चोरी की शिकायत
गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसे कई चोरी के मामले आए दिन थाने में आते हैं परंतु पुलिस शिकायत तो दूर आवेदन तक लेने से बचती है ताकि कबाड़ चोरी का कम से कम शिकायत दर्ज हो सके और आसानी से कबाड़ चोरों को संरक्षण दिया जा सके और मोटा पैसा प्राप्त हो सके। यहां तक कि कई बार एसईसीएल के सुरक्षा अधिकारियों तक की शिकायत को नजरअंदाज करती है पुलिस। ऐसे में महाप्रबंधक चाहे अपने मातहत कर्मचारियों को कितना भी टाइट कर ले छेत्र में कबाड़ चोरी रोकना नामुमकिन ही रहेगा।


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