नई दिल्ली@सीबीआई ने बदला गर्भवती महिलाओं की भर्ती का नियम

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3 महीने से ज्यादा की प्रेग्नेंसी पर महिला को अनफिट करार देना मातृत्व अधिकारों का हनन


नई दिल्ली ,29 जनवरी 2022 (ए)।
महिला आयोग का कहना है कि इस नियम से महिलाओं का अधिकार प्रभावित होगा और कार्यस्थल पर उनके साथ भेदभाव को और बढ़ावा मिलेगा. बैंक एसोसिएशन ने भी मैनेजमेंट को पत्र लिखकर गाइडलाइन वापस लेने का दबाव बनाया है.देश के सबसे बड़े बैंक स्क्चढ्ढ के महिला कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर नियमों में किए बदलाव पर बवाल शुरू हो गया है. एसबीआई ने 3 महीने से ज्‍यादा प्रेग्‍नेंट महिला को अस्‍थायी रूप से अनफिट करार देते हुए नियुक्ति पर रोक लगा दी. इसके बाद दिल्‍ली महिला आयोग ने बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
3 महीने से ज्यादा अवधि की प्रेग्नेंट महिला को तत्काल नई नियुक्ति नहीं दी जा सकती
सीबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा था कि 3 महीने से ज्यादा अवधि की प्रेग्नेंट महिला को तत्‍काल नई नियुक्ति नहीं दी जा सकती है. वे डिलीवरी के चार महीने बाद नौकरी ज्वाइन कर सकती हैं. तब तक उन्‍हें अस्‍थायी रूप से अनफिट माना जाएगा. इस विवादित नियम पर सीबीआई के सांसद बिनोय विश्वम ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है. उन्‍होंने कहा, ये कैसा महिला सशक्तीकरण है जहां प्रेग्‍नेंट होने पर उसे अनफिट करार दे दिया जाता है.
यह महिलाओं के साथ वर्कप्‍लेस पर भेदभाव है.आयोग ने बताया भेदभाव वाला कानून दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने एसबीआई के नए नियम को महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाला कानून बताया है. उन्होंने कहा, 3 महीने से ज्‍यादा की प्रेग्‍नेंसी पर महिला को अनफिट करार देना उसके मातृत्व अधिकारों का हनन है. 1


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