अंबिकापुर@पैरोटिड कैंसर से पीडि़त ग्रामीण का डॉक्टरों ने 8 घंटे का सफल ऑपरेशन कर बचाई जान

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पैरोटिड कैंसर से था 56 वर्षीय ग्रामीण था पिछले कई महीनों से प्रीत,ऑपरेशन के बाद निकाला गया 6 किलो का पैरोटिड कैंसर

अंबिकापुर 29 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में मामूली खर्च में जटिल से जटिल ऑपरेशन होने से ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीजों को विशेष फायदा मिल रहा है। वही कैंसर जैसे घातक बीमारी का ऑपरेशन करने के बाद चिकित्सकों में आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जन विभाग के चिकित्सकों ने 56 वर्षीय ग्रामीण का पैरोटिड कैंसर का ऑपरेशन कर जान बचाई है। ग्रामीण के गले से चिकित्सकों ने 8 घंटे का ऑपरेशन कर लगभग 6 किलो का पैरोटिड कैंसर निकला है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पाकर जिला जशपुर निवासी धरमू नाग उम्र 56 वर्ष पिछले डेढ़ वर्ष से गाल के दाएं और पैरोटिड कैंसर से पीड़ित था। यह बढक़र काफी बड़ा हो चुका था। जख्म भी अंदर तक पहुंच चुका था। कैंसर के दर्द से ग्रामीण काफी परेशान था। वह काफी गरीब परिवार होने के कारण बाहर इसका इलाज करा पाना मुश्किल था। कुछ दिन पूर्व वह इलाज के लिए परिजन के साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर पहुंचा और सर्जरी विभाग में दिखाया गया। सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ एस पी कुजुर ने पूरी जांच कराई जांच मैं पैरोटिड कैंसर की पुष्टि हुई। एसपी कुजूर ने इसकी जानकारी अस्पताल के एमएस डॉक्टर लखन सिंह को दी। डॉक्टर लखन सिंह के निर्देश पर सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ एसपी कुजूर, डॉ विनोद पैकरा, डॉ प्रवीण सिंह, डॉ नितेश राय, डा अभिषेक सिंह व निश्चित ना विभाग से डॉक्टर ए बंसल, डॉ शिवानी के सहयोग से पीड़ित का ऑपरेशन किया गया। अब इसकी स्थिति सामान्य है।उसे विशेष निगरानी में आईसीयू में भर्ती किया गया है।

6 किलो का पैरोटिड कैंसर निकाला गया

चिकित्सक डॉ विनोद पैकरा ने बताया कि मरीज का पैरोटिड कैंसर काफी बड़ा हो चुका था। ऑपरेशन करना बड़ा जटिल था। इसके बावजूद भी एच ओ डी डॉ एस पी कुजुर के नेतृत्व में मरीज का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन लगभग 8 घंटे तक चला और मरीज के गले से लगभग 6 किलो का पैरोटिड कैंसर निकाला गया है।

चिकित्सकों में बढ़ रहा आत्मविश्वास

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमएस डॉक्टर लखन सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक कई बड़े ऑपरेशन किए जा चुके हैं। चिकित्सकों द्वारा बड़े से बड़े जटिल ऑपरेशन किए जाने के बाद और सफल होने पर चिकित्सकों का आत्मविश्वास और बढ़ रहा है। वही सरगुजा संभाग के मरीजों को भी इसका विशेष लाभ मिल रहा है। जटिल ऑपरेशन करने में निजी अस्पताल में बाहर में जहां डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च होते हैं वही मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में आयुष्मान कार्ड से मरीजों का मामूली खर्च में ही पूरी इलाज हो जा रही है। इससे मरीजों को आर्थिक क्षति नहीं हो रही है। मरीज अभी चिकित्सकों की निगरानी में आईसीयू में भर्ती है चिकित्सकों ने बताया कि उसकी स्थिति पहले से बहुत अच्छी है और वह बातचीत भी अच्छे से कर रहा है। जख्म भरने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा और बायोप्सी रिपोर्ट आने के बाद उसे कीमो के लिए रायपुर भेजा जाएगा। क्योंकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध नहीं है।


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