रायपुर@मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर तत्काल शुरू हुआ अमल

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रायपुर, 28 जनवरी 2022 (ए)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस गणतंत्र दिवस पर राज्य के सभी शहरों की स्लम बस्तियों में रहने वालों को एक बड़ी सौगात दी है। अब यहां के रहवासियों को इलाज के लिए अस्पताल जाने या खून की जांच और अन्य स्वास्थ्य परीक्षण के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। अब उनके इलाके में मोबाइल मेडिकल यूनिट चिकित्सक के सहित खड़ी रहेगी, जहां 42 प्रकार के टेस्ट की नि:शुल्क सुविधा भी होगी और नि:शुल्क दवाईयां भी मिलेंगी। इसके लिए ”मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना” सभी 169 शहरों में शुरू करने की घोषणा की गई है। पूर्व में यह योजना राज्य के सभी 14 नगर पालिक निगम में 1 नवम्बर 2020 से सफलता पूर्वक संचालित हो रही थी। इस योजना के लाभ को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी शहरों में इसे लागू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय कोरोना महामारी के मद्देनजर और भी कारगर साबित होगा, क्योंकि चिकित्सक से मिलने लोगों को अब अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के शुरू होने से समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा। हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति चाहता है कि जब वह बीमार पड़े तो उसे अपने इलाज के लिए भटकना न पड़े। छोटी-छोटी बीमारी के लिए अपने काम धंधे बंद कर डाक्टरों से अपॉइंटमेंट लेना और कतार में लग कर इलाज कराने से हर कोई बचना चाहता है। लोगों की जरूरतों को ध्यान रख छत्तीसगढ़ में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अब इन्हीं उद्देश्यों और लक्ष्यों को पूरा कर रही है।
वर्तमान में राज्य के 14 नगरीय निकायों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन संबंधित जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद वर्तमान में सेवारत 60 एमएमयू में अतिरिक्त 60 एमएमयू शामिल किए जाएंगे। इस तरह से प्रदेश के 169 शहरों में 120 एमएमयू के माध्यम से योजना का संचालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद योजना के महत्व को देखते हुए इसे 21 फरवरी 2022 तक प्रारंभ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रति नागरिकों के लगाव को देखें तो योजना के अंतर्गत अभी तक 20 हजार 928 कैंपों का आयोजन मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से किया जा चुका है। इन कैंपों में 14 लाख 64 हजार 195 मरीज अपना इलाज कराकर स्वस्थ हो चुके हैं। एमएमयू में इलाज के लिए एम.बी.बी.एस. डाक्टर की पदस्थापना होती है। एमएमयू की प्रयोगशाला में कुल 42 प्रकार के टेस्ट नि:शुल्क होते हैं। अभी तक 2 लाख 75 हजार 388 मरीज मुफ्त प्रयोगशाला से लाभांवित हो चुके हैं। एमएमयू में कुल 285 प्रकार की दवाइयां मुफ्त वितरण के लिए मौजूद होती हैं। इससे अभी तक 12 लाख 19 हजार 523 मरीजों ने मुफ्त दवा वितरण का लाभ लिया है। मरीजों को दवाइयों का वितरण डॉक्टर की पर्ची के आधार पर फार्मासिस्ट द्वारा किया जाता है।


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