संविधान-गुरु बी.के. मनीष की व्याख्या को जरनैल सिंह 3-जज बेंच ने सही ठहराया
नई दिल्ली 28 जनवरी 2022 (ए)। छत्तीसगढ में जारी बवाल और चंदाखोरी को देखते हुए संविधान-गुरु बी.के. मनीष ने फ़रवरी 2020 में कर्मचारी संगठनों को कुछ विधिक स्पष्टता देने की कोशिश की थी तब अजाक्स, विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ, अनु. जनजाति शा. से. संघ और लीगल सेल ने उनकी सलाह को मानने से इनकार कर दिया था7 बी.के. मनीष पर तब कई तरह के सार्वजनिक लांछन लगाए गए थे और उनके सारे आदिवासी अधिकार संघर्ष को धुंधलाने के भी प्रयास हुए आज शुक्रवार 28 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट की 3-जज बेंच ने भारत शासन, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार समेत कुछ राज्यों के प्रमोशन रिजर्वेशन से जुड़े मामलों में सैद्धांतिक स्पष्टता का फ़ैसला जारी कर दिया जो पिछले साल 26 अक्टूबर को सुरक्षित किया गया था राज्य-वार प्रकरणों पर अंतिम सुनवाई 24 फ़रवरी से होगी
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