आम आदमी को सीएम नहीं देखना चाहता एलीटः चरणजीत सिंह चन्नी
चंडीगढ़ ,24 जनवरी 2022 (ए)। रेत खनन के मामले में भतीजे और उसके सहयोगियों के घर से करीब 8 करोड़ रुपये की रकम बरामद होने के मामले में पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने विक्टिम कार्ड खेला है। सीएम चन्नी का कहना है कि उन्हें टारगेट किया जा रहा क्योंकि एलीट वर्ग उन्हें सत्ता के शीर्ष पर नहीं देखना चाहता। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी, अकाली समेत सभी विपक्षी दल मेरे खिलाफ एक हो गए हैं। इन्हें भाजपा खुलकर समर्थन कर रही है। चन्नी के अलावा कोई भी उन्हें अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं लगता। मेरी राजनीतिक हत्या करने की साजिश रची जा रही है। द ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में चन्नी ने कहा कि ईडी रेड एक बड़े प्लान का हिस्सा हैं। पहले भी बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में इस तरह किया गया है।
सीएम चन्नी ने कहा कि रेत माफिया से मेरा दूर-दूर तक कोई ताल्लुक नहीं है। लेकिन हमें इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि हमारी सरकार आने वाली है। मैं लड़ाई के लिए तैयार हूं और लोग इसमें मेरा साथ देंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी वजह से विपक्ष की रातों की नींद उड़ गई है। उन्होंने कहा कि वे लोग अपने उम्मीदवारों के चयन में भी एडजस्टमेंट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को पता है कि वे अलग-अलग जीत नहीं सकते हैं, इसलिए उन्होंने हाथ मिला लिए हैं। यही नहीं उन्होंने दलित कार्ड खेलते हुए कहा कि आज एलीट यह नहीं देख पा रहा है कि एक आदमी कैसे सीएम बन सकता है।
अवैध रेत खनन के मामले में उनकी तस्वीरें वायरल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली, नितिन गडकरी और बिक्रम सिंह मजीठिया पर आरोप लगाए थे, लेकिन चुनाव के बाद माफी मांग ली। मेरे मामले में भी ऐसा ही होने वाला है। उन्होंने कहा कि मेरे समय में तो रेत के दामों में की गई है। जो पहले 22 रुपये प्रति वर्ग फुट में बिक रहा था, उसे अब 5 रुपये में बेचा जा रहा है।
सीएम फेस घोषित करने में क्यों हो रही है देरी, चन्नी ने बताया
क्या रेत माफिया से लिंक के चलते उन्हें सीएम उम्मीदवार नहीं घोषित किया जा रहा है? इस पर चन्नी ने कहा, ‘पिछली बार भी चुनाव से ठीक 15 दिन पहले सीएम फेस का ऐलान किया गया था। अभी तो 25 दिन बाकी हैं। इसके अलावा सीएम कैंडिडेट और रेत माफिया के बीच कोई लिंक नहीं है। यह फैसला हाईकमान की ओर से ही लिया जाएगा।