सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से मांगा जवाब
नई दिल्ली,18 जनवरी 2022 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मंगलवार को कहा कि वह स्पष्ट करे कि आखिर उसके आदेश के बावजूद वर्ष 2022 के लिए भी पिछले साल के बराबर ही राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिला उम्मीदवारों की सीट 19 ही क्यों सीमित की गई। शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि वह राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (आरएमएस) में प्रवेश के लिए आयोजित एनडीए परीक्षा 2021 में महिलाओं सहित कुल उम्मीदवारों की संख्या से जुड़े आंकड़े न्यायालय में पेश किये जाएं। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंद्रेश की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि सरकार को बताना होगा कि यूपीएससी की अधिसूचना के मुताबिक आखिर क्यों वर्ष 2022 के लिए महिलाओं की संख्या 19 तय की गई। पीठ ने कहा कि यह साल 2021 के आंकड़ों के बराबर हैं। पिछले साल आपने कहा था कि अवसंरचना की कमी की वजह से महिलाओं का कम प्रवेश लिया जा रहा है। अब आपने फिर साल 2022 के लिए महिलाओं उम्मीदवारों के लिए उतनी ही संख्या का प्रस्ताव किया है।
आपने ये आंकड़े क्यों तय किए? आपको यह स्पष्ट करना होगा। 19 सीट हमेशा के लिए नहीं होनी चाहिए। यह केवल एक तदर्थ उपाय है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया और बाकी पक्षकारों को उसके बाद दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने इसके साथ ही मामले की सुनवाई छह मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दी। इससे पहले, याचिकाकर्ता कुश कालरा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मॉय प्रदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया है जिसमें उल्लेख है कि 14 नवंबर 2021 को हुई एनडीए की परीक्षा में 8,009 प्रत्याशी ने सेवा चयन बोर्ड परीक्षा और चिकित्सा जांच के लिए उत्तीर्ण हुए जिनमें से 1,002 उम्मीदवार महिलाएं हैं जबकि 7,007 प्रत्याशी पुरुष हैं। उन्होंने कहा कि संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के विज्ञापन और सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 के एनडीए-द्यद्य में एनडीए 400 कैडेट को लेगा। शर्मा ने कहा कि इनमें से 10 महिलाओं सहित 208 उम्मीदवार सेना में लिए जाएंगे। नौसेना तीन महिलाओं के साथ 42 उम्मीदवारों को लेगी।
