नई दिल्ली,16 जनवरी 2022 (ए)। देश में कोरोना की तीसरी लहर के बीच कई परीक्षाएं स्थगित और कुछ परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी है, लेकिन सीबीएसई बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय 10वीं एवं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर आयोजित करवाने के पक्ष में है। यदि किसी कारणवश परीक्षाएं नहीं ली जा सकीं तो पहले चरण की परीक्षाओं के आधार पर 10वीं एवं 12वीं कक्षा के नतीजों की घोषणा की जाएगी।
हालांकि परीक्षा रद्द होने की संभावना कम है। फिलहाल विशेषज्ञों का मानना यही है कि कोरोना की तीसरी लहर बीत जाने के उपरांत देशभर में लाखों छात्रों के लिए 10वीं एवं 12वीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। सीबीएसई 10वीं एवं 12वीं कक्षा के टर्म 1 की बोर्ड परीक्षा पहले ही ले चुका है। इस वर्ष मार्च-अप्रैल में बोर्ड के दूसरे चरण की परीक्षा आयोजित की जानी है।
दूसरे चरण की परीक्षा की अवधि 2 घंटे की होगी और इसमें पूछें जाने वाले सभी प्रश्न सब्जेक्टिव टाइप के होंगे। सीबीएसई के अकादमिक निदेशक डॉ. जोसेफ इमैनुएली ने दसवीं और बारहवीं की टर्म 2 परीक्षा के लिए नमूना प्रश्न पत्र जारी किए हैं। इमैनुएली ने सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य को जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे चरण की परीक्षा से संबंधित सैंपल प्रश्न पत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं।
यही नहीं सीबीआई ने परीक्षाओं के लिए मार्किंग स्कीम भी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की गई हैं। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज पहले ही कह चुके हैं कि यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि कोविड के कारण दूसरे चरण की परीक्षाएं नहीं हो पाती है तो फिर पहले चरण की बोर्ड परीक्षाओं में हासिल किए गए नंबर ही अंतिम माने जाएंगे और इन्हीं के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
हालांकि यदि ऐसी कोई स्थिति नहीं आती है और दूसरे चरण की परीक्षाएं भी सीबीएसई द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित करा ली गई तो फिर फाइनल रिजल्ट इन दोनों परीक्षाओं के अंक 50 -50 फीसदी के हिसाब से तय किए जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ही 15 से 18 वर्ष की आयु के छात्रों के टीकाकरण पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं ताकि परीक्षा में शामिल होने वाले ये छात्र कोरोना से लड़ाई में प्रतिरोधी शक्ति हासिल कर सकें।
सेठ जयपुरिया स्कूल के हेड मास्टर पंकज राठौर ने परीक्षा की तैयारियों और कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि महामारी ने बच्चों को सीखने के हाइब्रिड मोड के लिए अभ्यस्त कर दिया है। स्कूल की आईटी तैयारी हमें मूल्यांकन की पारंपरिक धारणाओं से आगे बढ़ने में मदद करेगी। स्कूलों को स्थिति के साथ बने रहना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि छात्र प्रीबोर्ड और बोर्ड के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
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