मामला बैकुंठपुर शिवपुर नगरपालिका चुनावों में क्रमशःअध्यक्ष,उपाध्यक्ष पद पर हार से जुड़ा,गृह वार्ड में भी हार के बाद वार्ड में हार की समीक्षा करने नहीं पहुंची विधायक
रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 04 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। जिले की दो नगरपालिकाओं में हुए चुनावों के वार्ड पार्षद अनुसार आये बहुमत के परिणामों के बावजूद जिला मुख्यालय बैकुंठपुर नगरपालिका में सत्ताधारी कांग्रेस को अध्यक्ष पद गवाना पड़ गया वहीं शिवपुर चरचा नगरपालिका में कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद से हांथ धोना पड़ा जो सत्ताधारी दल के लिए समीक्षा का विषय होना चाहिए और जिसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी सहित चुनाव में प्रभारी मंत्री के तौर पर बैकुंठपुर की जिम्मेदारी चुनाव की सम्हाल रहे नगरीय प्रशासन मंत्री नाराज हैं और अब प्रदेश कांग्रेस ने हार के कारणों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ कांग्रेस जनों का दल भी गठित कर दिया है जो जिले में पहुंचकर हार के कारणों को जानने की कोशिश करेंगे और जिम्मेदार लोगों पर जो हार के कारण बने उनकी नामजद सूची प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समक्ष प्रस्तुत भी करेंगे।
हार की समीक्षा में इन कारणों की भी जांच दल समीक्षा करेगा कि आखिर किन वजहों से बहुमत के बावजूद पार्टी में ही पार्टी के बी फार्म से चुनाव लड़कर चुनाव जीतकर आये कुछ लोगों ने भितरघात किया और आखिर इसकी जरूरत क्यों उन्हें आन पड़ी जो उन्होंने पार्टी को हार की ओर जाने दिया। प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया, प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व जिले में चुनाव की जिम्मेदारी सम्हाल रहे नगरीय प्रशासन मंत्री की नाराजगी भी कोरिया जिले के दोनों नगरपालिकाओं में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर हार को लेकर जो कि बहुमत के बावजूद हुई सामने आ रही है और सभी खासे नाराज हैं यह भी खबरें सामने आ रहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जिले की दोनों नगरपालिकाओं में कांग्रेस को क्रमशः अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर मिली हार के कारणों की जांच के लिए पहुंच रहे जांच कमेटी के सदस्य जांच करने भले ही जिले में आ रहें हों और प्रदेश की पूरी कांग्रेस पार्टी हार को लेकर आक्रोशित हो लेकिन बैकुंठपुर विधायक हार के तत्काल बाद से ही विधानसभा क्षेत्र सहित जिले से पलायन कर चुकी हैं और उनका फिलहाल अपने गृह क्षेत्र में नहीं होना चर्चा का विषय भी बना हुआ है।
हार की समीक्षा की बजाय विधायक तत्काल विधानसभा छोड़ हुईं रवाना
कांग्रेस के ही अंदरखाने यह बात बड़ी चर्चा की विषय बनी हुई है कि बैकुंठपुर सहित शिवपुर चरचा में नगर सरकार कांग्रेस की बने और पार्षदों की संख्या के हिसाब से भी बहुमत का आंकड़ा कांग्रेस के पास था इसलिए सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पूरी तरह आश्वस्त भी थी कि दोनों ही जगह अध्यक्ष उपाध्यक्ष कांग्रेस का ही बनना तय है और अब केवल नामों पर ही आम सहमति बननी हैं किसे अध्यक्ष व किसे उपाध्यक्ष बनाने नाम सभी पार्षदों के समक्ष रखा जाए। अध्यक्ष उपाध्यक्ष निर्वाचन दिनांक से पूर्व 8 दिवस तक दोनों नगरपालिकाओं के सभी कांग्रेसी पार्षद बैकुंठपुर विधायक के साथ थे और उन्हें मतदान दिवस जिले में लाया गया और इस दौरान विधायक की जिम्मेदारी रही कि वह पार्षदों में आम सहमति बनाकर एक एक नाम पर सहमति बना ले जाएं जिससे अंतिम दिवस किसी विरोध यह किसी भितरघात का सामना पार्टी को न करना पड़े। बताया जाता है यहीं चूक हुई और अंतिम समय मे जब नाम तय किये गए बैकुंठपुर के दो पार्षद खुलेआम विरोध पर उतर गए वहीं उन्होंने स्पस्ट रूप से घोषणा करते हुए भाजपा को बैकुंठपुर में मतदान कर दिया जिससे अध्यक्ष भाजपा का बन गया। वहीं शिवपुर चरचा में किसने भितरघात किया यह स्पष्ट नहीं है लेकिन 3 लोगों ने भाजपा को समर्थन दिया ऐसा अनुमान खुद कांग्रेस के अंदर ही लगाया जा रहा है। दोनों ही नगरपालिकाओं के यह अनुमान और यह समीक्षाएं कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता करते नजर आ रहें। हैं लेकिन बैकुंठपुर विधायक विधानसभा से तत्काल रवाना हो गईं किसी समीक्षा की जरूरत, किसी तरह की पार्टी जनों से मुलाकात उन्होंने जरूरी नहीं समझी जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
पराजित पार्टी के ही लोगों से मिलने नहीं पहुंची विधायक
बैकुंठपुर विधायक नगरपालिका चुनाव में जिन जिन पार्टी के प्रत्याशियों ही हार हुई उनसे मिलने उन्हें सांत्वना देने भी नहीं पहुंची यह भी पार्टी के अंदर बातें चल रहीं हैं,अध्यक्ष पद पर पार्टी के उम्मीदवार की बात हो उपाध्यक्ष पद पर पार्टी के उम्मीदवार की बात हो यहाँ तक कि पार्षद पद पर भी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ रहे उन पार्षदों को भी यह सांत्वना देने नहीं पहुंची जिनकी हार चुनाव में हुई है। पार्टी के लोगों का ही कहना है विधायक को सभी को सांत्वना देने जरूर जाना था और वह नहीं जाकर गलत की हैं।
गृह वार्ड की हार की भी समीक्षा नहीं करने की है खबर
बैकुंठपुर अपने ही गृह वार्ड में कांग्रेस के पार्षद पद पर चुनाव लड़ रहे प्रत्यासी को जीत नहीं दिला सकीं और विधायक अपने गृह वार्ड की भी समीक्षा को महत्व नहीं दी यह भी पार्टी के अंदर की ही खबर है।
बैकुंठपुर में अध्यक्ष पद की हार से कार्यकर्ता भी हैं नाराज
बैकुंठपुर नगरपालिका चुनाव में अध्यक्ष पद पर बहुमत के बावजूद पार्टी का अध्यक्ष नहीं बन पाने से कांग्रेस पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को दुखी देखा जा रहा है और वह हार को स्वीकार करने को तैयार नही है और आक्रोशित है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को भी सांत्वना और हिम्मत प्रदान करने विधायक को बैकुंठपुर में उपस्थित रहना था और वह नहीं हैं।
हार को लेकर पूरी आलोचना जिलाध्यक्ष अकेले सुनने को हैं मजबूर
कोरिया जिले की दोनों नगरपालिकाओं में कांग्रेस को अप्रत्याशित हार झेलनी पड़ी और यह पूरी तरह से सभी कांग्रेसजनों द्वारा ली जाने वाली जिम्मेदारी होनी चाहिए थी, लेकिन हार को लेकर केवल जिलाध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराकर एक तरफ कुछ कार्यकर्ता अपना आक्रोश निकाल रहें हैं वहीं जिलाध्यक्ष को इन विपरीत परिस्थितियों में विधायक भी अकेले आलोचना झेलने छोड़ गईं।