नई दिल्ली ,04 जनवरी 2022 (ए)। रिलायंस से डील को लेकर सिंगापुर के एक ट्रिब्यूनल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले फ्यूचर ग्रुप को करारा झटका लगा है। जस्टिस अमित बंसल ने किशोर बियानी के ग्रुप की दलीलों को खारिज कर दिया है। फ्यूचर ग्रुप ने सिंगापुर ट्रिब्यूनल के आदेश को अवैध घोषित करने का अनुरोध दिल्ली हाईकोर्ट से किया था। हाईकोर्ट में फ्यूचर रिटेल की ओर से तर्क दिया गया कि ष्टष्टढ्ढ (कंपीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया) ने 2019 की डील को सस्पेंड कर दिया था। लिहाजा भारत में अब इसका कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है।
फ्यूचर ग्रुप की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे व मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश कीं। उनका कहना था कि मौजूदा दौर में सिगापुर के ट्रिब्यूनल के आदेश का कोई मतलब नहीं है। उनका कहना था कि किशोर बियानी की हालत इस समय पूरी तरह से दीवालिया होने के कगार पर है जबकि एमजॉन ने इस मामले में कानूनी लड़ाई के लिए 8500 करोड़ का बजट रखा है। दूसरी तरफ एमजॉन की तरफ से गोपाल सुब्रमण्यम व अमित सिब्बल ने दलीलें पेश कीं। उनका दावा था कि कमीशन के आदेश के खिलाफ जल्दी ही अपील की जाएगी। दरअसल, ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी एमजॉन को तब बड़ा झटका लगा जब ष्टष्टढ्ढ ने फ्यूचर कूपन के साथ उसकी डील को दी गई मंजूरी को सस्पेंड कर दिया।
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