रायपुर @ भिंभौरी ग्राम पंचायत अब बनेगी नगर पंचायत

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ग्राम सिलघट में खुलेगा उप स्वास्थ्य केंद्र
रायपुर,03 जनवरी 2022(ए)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड के ग्राम सिलघट (भिंभौरी) में गायत्री परिवार द्वारा आयोजित जिला स्तरीय गर्भ संस्कार महोत्सव के कार्यक्रम में शामिल हुए। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 525 गर्भवती महिलाओं का पुंसवन संस्कार किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गायत्री परिवार द्वारा नये संस्कारवान पीढ़ी को गढ़ने के उद्देश्य से आयोजित इस पुनीत कार्य के लिये डॉ चिन्मय पंड्या और गायत्री परिवार को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस शुभ अवसर पर उन्होंने जिले के भिंभौरी ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने तथा ग्राम सिलघट में उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की। इसके अलावा सिलघट ग्राम के आस पास बरसाती नाला में स्टॉप डैम की घोषणा उन्होंने की। ग्राम में श्रीराम स्मृति वन स्थापना हेतु भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंçड़या, देव संस्कृति विश्वविद्यालय शान्ति कुन्ज हरिद्वार के डॉ. चिन्मय पंड्या, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, बेमेतरा विधायक आशीष कुमार छाबड़ा ने गर्भवती माताओं को आशीर्वाद देकर गर्भस्थ शिशुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी धार्मिक परंपरा और संस्कृति सदियों से अक्षुण्ण रही है। अर्जुन की पत्नी सुभद्रा और पुत्र अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह अभिमन्यु ने माता के गर्भ में ही चक्रव्यूह के संबंध में ज्ञान प्राप्त किया था। श्री बघेल ने कहा कि माता की गतिविधियों का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। माता ही शिशु की प्रथम गुरू होती है। गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा के बारे में बताते हुए श्री बघेल ने कहा कि देश के नव निर्माण में उनका बड़ा योगदान है। उन्होने ऐसे परिवार की स्थापना की है जो 70 देशों तक फैला है। जो लगातार समाज के कल्याण के लिये कार्य कर रहा है। उन्होंने गायत्री परिवार की 50वीं वर्षगांठ पर सभी को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा के योगदान के बारे मे कहा कि समाज सुधार, शिक्षा, पर्यावरण का संरक्षण, दहेज उन्मूलन एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने में आजीवन कार्य किया। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के संपर्क में आये और आजादी की लड़ाई में चेतना जागृत की। पुंसवन संस्कार जीवन के सोलह संस्कारों में प्रथम संस्कार माना जाता है। महोत्सव में एक साथ 525 से अधिक गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशुओं के गर्भ संस्कार को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के इण्डिया हेड श्री अलोक कुमार ने इसका प्रमाण पत्र डॉ चिन्मय पंड्या जी को सौंपा।


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