अंबिकापुर नगर का न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री,लोगों को ठंड से घरों से निकलना हुआ मुश्किल
स΄वाद्दाता-
अंबिकापुर 02 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। मौसम में लगातार परिवर्तन आने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी अब असर पडऩे लगा है। तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ घना कोहरा से मौसम का मिजाज बदल रहा है। सरगुजा अभी कड़ाके की ठंड की चपेट में है। ठंड से लोगों की हालात खराब हो रही है। आलम यह रहा कि अंबिकापुर नगर की विजिबिलिटी 15 मीटर तक पहुंच गई थी जबकि बाहरी क्षेत्रों में विजिबिलिटी शून्य तक थी। ऐसे में ठंड से बचने के लिए लोगों ने घरों में ही रहना उचित समझा।
सरगुजा जिले में कड़ाके की ठंड पडऩे लगी है। आलम यह है कि सुबह व शाम के वक्त लोग ठंड से अपने आप को बचाने के लिए घरों में रहना उचित समझ रहे हैं। जबकि घर में भी लोगों को रूम हीटर और अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। रविवार की सुबह जिलेभर में घना कोहरा छाया रहा। अंबिकापुर शहर में भी घने कोहरे का असर देखने को मिला। विजिबिलिटी की बात करें तो सुबह के वक्त शहर से लगे बाहरी इलाकों में विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच गई थी। जबकि शहर में 50 मीटर तक विजिबिलिटी थी। घने कोहरे की वजह से कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। इस वजह से लोगों को कड़ाके की ठंड का एहसास हुआ। मौसम विभाग का कहना है कि न्यूनतम तापमान लगातार लुढ़क रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अंबिकापुर नगर का न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री तक पहुंच गया है। उत्तर भारत की ओर से सर्द हवा चलने के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दो से तीन दिनों तक ऐसे ही हालात बने रहेंगे। वही दो से तीन दिनों बाद एक और पश्चिमी विक्षोभ बनने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। यदि यह पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ तो एक बार फिर घने बादल आसमान में छा सकते हैं इन परिस्थितियों में ठंड से लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। प्रात: सात बजे कुछ देर के लिए सूर्य का दर्शन होने के बाद जैसे ही ओस की बूंदों नम हुई हवा गर्म हो कर ऊपर उठे, पूरा आसमान कोहरे की मोटी चादर से ढक गया। जिस कारण से क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दृश्यता 30 से 50 मीटर तक सिमट गई। 9 बजे के लगभग आसमान में कुछ देर के लिए मध्यम चमक के साथ सूर्य की धुंधली आकृति फिर से दिखने लगी थी। परन्तु उसके बाद फिर से वातावरण में बिछी कोहरे की चादर मोटी हो गई और 11 बजे तक छाया रहा। ठंडी शुष्क उत्तरी हवा की चुभन के साथ इन कोहरों का घनत्व कम हुआ।