नगरपालिका अध्यक्ष पद को लेकर अब चार हुए दावेदार,आज लगेगी अंतिम मुहर,विजयी पार्षद ललिता सिंह का भी नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में
रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 31 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। कोरिया जिले की दो नगरी निकायों में चुनाव 20 दिसंबर को संपन्न हुए जिसके नतीजे 23 दिसंबर को सामने आए जिसमें बैकुंठपुर व शिवपुर चरचा दोनों जगह कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल गया और इसके बावजूद कांग्रेस को अध्यक्ष बनाने के लिए अपने ही पार्टी की टिकट पर जीते पार्षदों को लेकर अज्ञातवास में जाना पड़ा ताकि अध्यक्ष का नाम सभी कांग्रेस के जीते हुए पार्षदों साथ ही संगठन व सत्ता के बीच सामंजस्य स्थापित करके तय किया जा सके, लेकिन जैसा कि अब समझ मे भी आ रहा है और सूत्रों का भी कहना है कि लाख प्रयासों के बावजूद बैकुंठपुर नगरपालिका अध्यक्ष के नाम को लेकर कांग्रेस के ही सभी विजेता पार्षदों सत्ता और संगठन एक राय नहीं हो पाए और अभी तक अध्यक्ष का नाम तय है यह भी स्पष्ट नहीं है।
1 जनवरी 2022 को अध्यक्ष पद का चुनाव होना है वही कांग्रेस के ही अंदर बैकुंठपुर नगर पालिका अध्यक्ष को लेकर संशय बरकरार है जो अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद ही अब स्पस्ट पता चल पाएगा कि कौन अध्यक्ष होगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह है की पूर्ण बहुमत लेकर नगर पालिका में आई कांग्रेस निर्विरोध अध्यक्ष आपसी सामंजस्य स्थापित कर नही बना पा रही है और कांग्रेस के अंदर ही पार्षदों के बीच भी आपसी गतिरोध पसंद नापसन्द है और सत्ता और संगठन का भी आपसी एकमत ना हो पाने की वजह से अब यह भी तय नजर आ रहा है कि निर्वाचन के द्वारा ही अध्यक्ष का चुनाव होगा।
अध्यक्ष पद का नाम नहीं हो पा रहा है तय
सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने बैकुंठपुर में भले ही नगरपालिका चुनावों में वार्ड पार्षदों के हिसाब से बहुमत प्राप्त कर लिया हो लेकिन बहुमत के बाद भी अध्यक्ष किसे बनाया जाए इसबात को लेकर कांग्रेस पार्टी में ही सत्ता, संगठन और पार्षद एकमत नहीं हो पा रहें हैं जिसकी वजह से अभी तक जबकि आज ही अध्यक्ष का निर्वाचन होना है अध्यक्ष कौन होगा कांग्रेस स्पस्ट नहीं कर पा रही है और वह कौन होगा जो अध्यक्ष बनेगा यह तभी पता चल सकेगा जैसा कि अब लग भी रहा है जब निर्वाचन संपन्न हो जाएं और अध्यक्ष निर्वाचित हो जाये।
अध्यक्ष पद के लिए तीन नामों के अलावा चौथा नाम भी आया सामने
बैकुंठपुर नगरपालिका अध्यक्ष पद अनारक्षित मुक्त महिला हेतु आरक्षित होने की वजह से इसबार अध्यक्ष किसी महिला को ही बनाया जाना है यह पूर्व से ही तय था इसलिए ज्यादातर बड़े नेताओं ने साथ ही अध्यक्ष पद की लालसा रखने वालों ने अपने अपने घर की महिलाओं को ही चुनाव में प्रत्यासी बनवाने पूरा प्रयास किया और सफल होकर अब वह अध्यक्ष हेतु भी अपनी दावेदारी कर रहें हैं। महिला अनारक्षित मुक्त पद अध्यक्ष हेतु आरक्षण होने की वजह से किसी भी जाति संवर्ग की महिला पार्षद अध्यक्ष की दावेदारी कर सकती है। अभी तक कुल तीन नामों पर। अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा जारी थी जिसमें साधना जायसवाल, अन्नपूर्णा सिंह और मुसर्रत जहां का नाम शामिल था अब एक नया नाम और इस दौड़ में शामिल हो चुका है और वह संगठन और सत्ता की मर्जी से शामिल हुए है ऐसा बताया जा रहा है और यह नाम है वार्ड क्रमांक 18 की कांग्रेस की विजयी पार्षद ललिता सिंह भी अब अध्यक्ष बन सकती है जैसा की सूत्रों का कहना है।
तीन पूर्व में शामिल नामों पर नहीं बन पा रही थी सहमति अब चौथा नाम सामने
बताया जा रहा है बैकुंठपुर नगरपालिका अध्यक्ष पद हेतु अबतक तीन ही महिला पार्षदों के नामों पर विचार हो रहा था जिसमें साधना जायसवाल, अन्नपूर्णा सिंह और मुसर्रत जहां के बीच से ही कोई अध्यक्ष होगा यह लग भी रहा था लेकिन जैसा कि सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि तीनो नामों पर अलग अलग समस्या आ रही है साधना जायसवाल को लेकर जहां शहरवासी और पार्षदों साथ ही संगठन का समर्थन अध्यक्ष पद हेतु मिल रहा है वहीं विधायक उनके नाम पर सहमत नहीं यह दिक्कत आ रही है, जबकि अन्नपूर्णा सिंह को लेकर विधायक सहमत हैं वहीं संगठन तैयार और पार्षद तैयार नहीं हैं वहीं मुसर्रत जहां के नाम को लेकर विधायक, संगठन और पार्षदों का समर्थन नहीं मिल रहा है और शहर में भी उनको समर्थन नहीं मिल पा रहा है, अब सभी उलझनों से बाहर निकलने कांग्रेस किसी चौथे नाम पर विचार कर सकती है जिसमे वार्ड क्रमांक 18 से विजयी पार्षद ललिता सिंह का नाम शामिल हो सकता है वह अध्यक्ष बन सकती हैं यह सूत्रों का कहना है।
आज सुबह ही तय होगा अध्यक्ष का नाम
कांग्रेस का बैकुंठपुर संगठन अपने अज्ञातवाश में जा चुके पार्षदों को आज ही सुबह सामने लेकर आएगा आज ही सुबह अध्यक्ष हेतु मतदान के कुछ देर पूर्व अध्यक्ष कौन होगा यह पार्षदों को बताया जाएगा और उसके बाद पार्षद मतदान करेंगे और अध्यक्ष का निर्वाचन करेंगे। कुल मिलाकर सत्ताधारी कांग्रेस संगठन कोई भी गलती नहीं करने जा रहा है जिससे गेंद अध्यक्ष पद का भाजपा के पाले में जाये।
पार्षदों को विश्वास में ले पाने में कांग्रेस रही असफल
सत्ताधारी कांग्रेस अपने ही पार्षदों को विश्वास में नही ले पाई खासकर बैकुंठपुर नगरपालिका की स्थिति में यह ज्यादा देखने को मिला कि अध्यक्ष कौन बनेगा इसको लेकर सत्ता और संगठन अपने पार्षदों में एकराय की स्थिति बना पाने में असफल रहे। बैकुंठपुर में पार्षदों को जहां अज्ञातवाश में ले जाकर उनके बीच आम सहमति बनाने का प्रयास किया गया वहीं हर तरह से सभी को सत्ता के साथ और सत्ता पर विश्वास का आश्वाशन दिया गया लेकिन आम सहमति नहीं बन पाने की स्थिति जानकर लगता है पार्षद विश्वास में नही आए, कुलमिलाकर कांग्रेस के लिए बैकुंठपुर का मामला परेशानियों वाला रहा और अब अध्यक्ष बनने तक कांग्रेस अपने पत्ते इसी लिए बंद किये बैठी है क्योंकि वह डरी हुई है कि भाजपा अभी भी बाजी न मार ले जाये क्योंकि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के दावेदार भी ज्यादा हैं और सभी दमदार भी हैं।