बैकुण्ठपुर 29 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। पटना दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर परिसर में पवन पुत्र हनुमान आरती सेवा समिति के पांचवा वार्षिक महोत्सव पर 28 दिसम्बर 2021 से संगीतमय श्री रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के पूर्व दिवस रामकथा वाचक परम पूज्य गुरुदेव का स्वागत नगरवासियों ने बड़ी श्रद्धा भाव से किया और ग्राम कोचिला से भव्य जुलूस निकालकर कथावाचक महराज को बाइक रैली के माध्यम से हनुमान मंदिर परिसर तक ससम्मान समस्त ग्रामवासियों ने लाया।
संगीतमयी श्रीरामकथा के पहले दिन श्रद्धालु भक्तों की भारी भीड़ कथा के रसपान करने के लिए उमड़ी। कथा सुनने के लिए भारी संख्या में महिला श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। संगीतमयी रामकथा में वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय से आये मानस व्यास पूज्य विक्रम दुबे महाराज ने कहा कि जहां भगवान श्रीराम की कृपा होती है, उसी जगह रामकथा संभव हो पाती है। राम की कृपा वहीं होती है, जहां उनके भक्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु ने ही मानव शरीर बनाया है। लेकिन पुरुषार्थ मानव का धर्म है। बिना परिश्रम के कुछ भी मिलना असंभव है। रामकथा से हर जीव की व्यथा दूर हो जाती है। संसार के सभी जीवों का मंगल रामकथा के श्रवणपान से ही हो जाएगा। संतजी ने आगे कहा कि भगवान भक्ति के अधीन होते हैं। श्रद्धापूर्वक की गई भक्ति के आगे वह विवश रहते हैं। भगवान का सच्चा भक्त उन्हें जिस रूप में याद करता है, वह उसी रूप में दर्शन देते है। रामकथा में मानस व्यास ने सुन्दरकाण्ड की कथा के साथ ही हनुमानजी की भगवान श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति की कथा सुनाई। कथा सुनने के लिए पंडाल में पुरुषों के साथ ही सैकड़ों महिला भक्त भी मौजूद रहीं। इस मौके पर रामकथा के आयोजक श्री रामकथा के आयोजक मंडली में प्रमुख रूप से पटना दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर आरती सेवा समिति के सदस्य शामिल हैं जिसमें अखिलेश गुप्ता, अशोक गुप्ता, विन्ध्येश पाण्डेय, गंगाधर पाण्डेय, अरविंद सिंह, सविता नंदन सिंह सहित युवा वर्ग के भी हनुमान भक्त शामिल हैं।
निकाली गई शोभायात्रा
श्री राम कथा के आयोजन के प्रथम दिवस कलश यात्रा के साथ शोभायात्रा भी निकाली गई जिसमें परम पूज्यनीय कथावाचक महराज जी सहित राम लक्ष्मण भरत शत्रुधन सहित वीर हुनमान की भी झांकी निकाली गई जो लोगों के लिए उत्सुकता का भी विषय बनी रही।
बढ़चढ़कर हिस्सा लिया हिन्दू श्रद्धालुओं ने
श्री रामकथा के प्रथम दिवस कलश यात्रा व भव्य शोभायात्रा के दौरान हिन्दू श्रद्धालुओं ने पूरे कार्यक्रम में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया जिससे पूरे ग्राम में धार्मिक वातावरण निर्मित हुआ और श्रद्धालु भी धर्म से ओतप्रोत होकर खुद को धार्मिक मानसिकता से दूर नहीं लड़ सके।