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बैकुण्ठपुर @बारिश से लाखों क्विंटल धान सहकारी समितियों में भीगा

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समय से शुरू होती खरीदी तो नहीं भीगता लाखों क्विंटल धानः श्याम बिहारी जायसवाल

100 बोरों की खरीदी के पीछे उठाव केवल 20 बोरों,सहकारी समिति पहुंचे किसानों का धान भीगने से किसान भी हुए परेशान

बैकुण्ठपुर 29 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। मंगलवार को 3 बजे हुई जिले में तेज बारिश की वजह से सहकारी समितियों में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया लाखों मि्ंटल धान भीगकर खराब होने की स्थिति में पहुंच चुका है और जैसा कि मौसम विभाग की तरफ से पूर्व में ही मौसम को लेकर अनुमान जारी किया हुआ था कि 27 दिसम्बर से 28 दिसम्बर के बीच बारिश होगी और 28 दिसम्बर को दोपहर 3 बजे बारिश शुरू हुई जो बुधवार को भी होगी यह भी अब मौसम का पूर्वानुमान जारी हो गया है। किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गया धान कम उठाव की वजह से बारिश में भीगने की स्थिति में है वहीं धान खरीदी विलंब से जारी हुई यह भी एक वजह धान के भीगने की वजह बताई जा रही है। वहीं अचानक हुई बारिश की वजह से उन किसानों को ज्यादा परेशान देखा गया और उन्हें नुकसान हुआ जिनका धान आज सहकारी समितियों में विक्रय हेतु टोकन के अनुसार किसानों द्वारा लाया गया था और वह सहकारी समिति की खरीदी से पूर्व ही भीग गया।

जिले में लाखों क्विंटल धान भीगा

कोरिया जिले की विभिन्न सहकारी समितियों में आज लाखों मि्ंटल धान अचानक बारिश की वजह से भीग गया जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है, समितियों द्वारा तिरपाल की व्यवस्था करके किसी तरह धान को सुरक्षित करने का प्रयास किया जरूर किया गया है लेकिन जिस हिसाब से समितियों में धान का भंडारण वर्तमान में है उसकी वजह से पूरा धान सुरक्षित कर पाना समितियों के बस में भी नहीं रह गया है।

समय से धान खरीदी होती तो नहीं होता नुकशान

अचानक हुई बारिश की वजह से सहकारी समितियों में लाखों मि्ंटल धान भीगने को लेकर भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने पूरे मामले का दोषी राज्य सरकार को ठहराते हुए कहा है कि धान भीगने का कारण केवल और केवल सरकार की विलंब से धान खरीदी के निर्णय का परिणाम है।उन्होंने ने कहा कि यदि 1 नवम्बर से धान खरीदी हुई होती तो धान अचानक हुई बारिश से नहीं भीगता क्योंकि अभी तक अधिकतम धान की खरीदी हो चुकी होती वहीं उठाव भी ज्यादा से ज्यादा हो चुका होता। उन्होंने ने यह भी कहा कि सरकार धान खरीदी को लेकर शुरू से गम्भीर नहीं रही और समितियों में किसी प्रकार की बारिश से धान की अतिरिक्त कोई सुरक्षा की व्यवस्था पर भी ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से यह स्थिति आज उत्तपन्न हुई है।

खरीदी की तुलना में धान का उठाव बिल्कुल कम, यह भी बारिश में धान के भीजने को वजह

सहकारी समितियों में धान की जिस स्तर पर खरीदी हो रही है उसकी तुलना में धान का उठाव नहीं हो पाना भी आज बारिश में धान के भीजने की वजह बना, बताया जा रहा है कि 100 बोरी खरीदी में से प्रतिदिन 20 बोरी धान का भी उठाव नहीं होना ही समितियों में धान के ज्यादा मात्रा में भण्डारण की वजह बना हुआ है वह भी सहकारी समितियां खुले में खरीदे गए धान को रखती हैं जिसकी वजह से तिरपाल से भी धान की सुरक्षा बारिश से हो सके यह संभव नहीं हो पाता।

नई समितियों में स्थित और खराब

किसानों को धान बेचने में दिक्कत न हो इसलिए सरकार ने कई जगह नई नई धान खरीदी समितियों की स्थापना की हुई है,नई समितियों में पुरानी समितियों की तरह अभी फर्स का भी निर्माण नहीं हुआ है और जिसकी वजह से नई समितियों में धान के नीचे से भी भीगने की वजह से खराब होने की सभावना है जो देखा जा रहा है।

अचानक बारिश से सहकारी समिति धान बेचने पहुंचे किसानों को हुआ नुकसान

मंगलवार को हुई अचानक बारिश की वजह से उन किसानों को सीधा नुकसान हुआ और वह परेशान हुए जिनका धान बिक्री का टोकन मंगलवार का कटा हुआ था और जो धान सुबह से ही लेकर सहकारी समिति पहुंच चुके थे, अब उन किसानों को अपना भीग चुका धान सुखाना होगा और सूखने के बाद ही उनके धान की खरीदी होगी वहीं यह भी देखा गया कि अचानक तेजी से शुरू हुई बारिश और आकाशीय बिजली के गिरने के दौरान किसान अपने अपने धान की सुरक्षा में जान जोखिम में डालकर धान की सुरक्षा करते रहे और उस दौरान उनके आकाशीय बिजली की चपेट में आने की भी संभावना बनी रही।


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