-डॉ.राजकुमार मिश्र-
किसान आंदोलन की वापसी के बावजूद
लीजिए,साल भर देश दुनिया मे अपनी एकजुटता जीवंतता और जीवटता से भरे अहिंसक आंदोलन की अविस्मरणीय धाक जमाए रखने के बाद लाखों किसान अपने अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। संघर्ष में शामिल रहे तमाम किसानों की खुशी देखते ही बनी है।मोदी सरकार को उसके द्वारा थोपे गए तीनो काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बाध्य करके किसानों ने अमर इतिहास रच डाला।
आपने ऐसे आंदोलन कई देखे होंगे जो मांग पूरी नही करनेवाले के खिलाफ मुर्दाबाद मुर्दाबाद से शुरू होते है और मांग पूरी होते ही उसी के लिए जिंदाबाद जिंदाबाद करते हुए धन्यवाद ज्ञापन के साथ खत्म हो जाते हैं।मगर किसानों का आंदोलन इस मायने में अद्भुत है कि इस आंदोलन का कोई भी नेता या कार्यकर्ता मोदी सरकार के पीछे हट जाने को न तो उसकी दरियादिली मानता है न उदारता और न भूल सुधार का बड़प्पन ही मानता है।अमन चैन और मोदी सरकार तथा उसके राष्ट्रवाद के सारे सपोर्टर्स, मीडिया पर्सन्स किसी एक को भी सरकार जिंदाबाद कहने के लिए राजी नही कर सके।
उल्टे,वे सारे आंदोलकारी किसान अपने साथ किए गए जुल्म और अपमान के ऐसे जख्म लेकर लौट रहे हैं जो लंबे समय तक टीसते रहेंगे।एक राष्ट्रीय चैनल पर एक युवा किसान नेता खुलकर आगाह कर रहा था कि ” किसान भाजपा को कहीं का नही छोड़नेवाले। हम सूद समेत बदला चुकाए बिना चैन से हरगिज नही बैठ सकते। भाजपाइयों और संघियो को कभी फूटी आंखों देखना भी अब हमें गवारा नही होगा।पंजाब और यूपी के चुनाव में अपना बेड़ा गर्क होने के पक्के आसार देखकर मोदी सरकार अपने थूके हुए को खुद चाट कर भी किसानों का समर्थन नही पा सकती।
यह वितृष्णा धरातल पर दिखने लगी है।हरियाणा के एक बड़े किसान की बेटी के ब्याह का निमंत्रणपत्र वायरल हुआ है जिसमे साफ लिखा गया है कि हमारे शादी समारोह से भाजपाई और संघी दूर रहें।खबर है कि लड़की वालों को धमकियां दी गईं कि अबतो पूरी पार्टी आएगी तुम्हारे समारोह में।रोक लेना।इसके जबाब में लड़की वालो ने भी भी सुना दिया कि यहां से वापस लौट कर दिखा देना तो मान जाएंगे।
जैसे जैसे चुनाव करीब आते जा रहे है,देश मे परस्पर अविश्वास कटुता और हिंसा को उकसाने वाली बातों से सामाजिक वातावरण गर्म होता जा रहा है।ऐसा लगता है मानो अपने अहंकार को टूटने से बचाने के लिए मोदीजी किसी के भी सम्मान को तोड़ने कुचलने से परहेज नही करनेवाली अपनी बदनाम कार्यशैली पर डटे रहेंगे।