संविधान की बातें विपक्ष जाने सत्ता तो बस संघ की माने

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-डॉ. राजकुमार मिश्र-

यूपी में फर्रुखाबाद जिले के भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के जरारी कस्बे में एआईएमआईएम पार्टी(मजलिस) की जनसभा जैसे ही खत्म हुई इलाके की थाना पुलिस ने पार्टी के जिला अध्य्क्ष अकरम खान को बुरीतरह दबोचकर वाहन में ठूंसा और तेजी से निकल गई।किसी की समझ मे नही आया कि आखिर हो क्या गया।
यूपी में बहुसंख्यको की सांप्रदायिकता दरअसल अब सरकारी सांप्रदायिकता के तौर पर बखानी जारही है। मुसलमान के लिए कदमकदम पर वर्दी और बगैर वर्दीवाला पूरा सरकारी तंत्र बर्बर और निरंकुश नजर आता है।
सांप्रदायिकता के सवाल पर लगातार सम्मेलन हो रहे हैं,गोष्ठियां होती है,जलूस निकाले जाते हैं, नारे लगाए जाते हैं और ऐसा भी नही है कि यह सब उस बुद्धिजीवी समाज द्वारा हो रहा हो जिसके बारे में माना जाता है कि सामान्य जनता से उसका रिश्ता बहुत कमजोर है।इनमें मीडिया के लोग हैं जिनकी पहुंच लाखों करोड़ों व्यक्तियों तक है और राजनैतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता भी हैं जो सत्तारूढ़ दल की नींद हराम किये हुए हैं।यानी भारतीय समाज का बड़ा हिस्सा सांप्रदायिकता के सवाल पर आंदोलित है फिर भी यह समस्या उलझती ही जा रही है।
साफतौर पर इस त्रासदी की वजह यही लगती है कि भाजपाई सरकारों को संविधान की स्थापनाओं से ज्यादा संघ की विचारधारा देश के लिए जरूरी लगती है जिसमे उन्हीं अल्पसंख्यको-विशेषकर मुसलमानों को चैन से रहने की इजाजत है जो भाजपा के साथ हों बाकी सभी शक के दायरे में ही रहेंगे और शक भी देशद्रोह से कम का नही होगा तथा चपेट में लेने के लिए घात लगाकर बैठे तंत्र को हल्के से बहाने का ही इंतजार होता है।
यूपी में चुनाव अब ज्यादा दूर नही रह गए हैं।सरकारी पार्टी हर कहीं मुसलमानों की राजनीतिक गतिविधियों पर टूट पड़ने के बहाने खोजकर कार्यवाही कर गुजरने के लिए पुलिस पर भारी दबाव डाल रही है जिससे बौखलाहट भरी हड़बड़ी में ऊपर वर्णित फर्रुखाबाद जैसे अजब नजारे देखने को मिल रहे हैं।
एआईएमआईएम की उक्त सभा के बाद पार्टी के जिला अध्यक्ष को थाने ले जाए जाने की वजह जानने जब कार्यकर्ताओ ने पुलिस अधिकारी से पूछा तो जबाब सुनकर सभी चकित रह गए।पुलिस अफसर के मुताबिक उसके पास सभा मे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने का सबूत आडियो क्लिप के रूप में मौजूद था।अपने अध्यक्ष को घसीटकर थाने ले जाने से क्षुब्ध कार्यकर्ता धर्मपरायण सीएम योगी जी के संघी एजेंडे की गुलामी कर रही पुलिस का यह घोर आपत्तिजनक सफेद झूठ सुनकर थाने में ही धरना और गिरफ्तारी देने के किए तत्पर हो गए।उंन्होने आडियो क्लिप सुनाने की जिद ठान ली और तब यह उजागर हुआ कि आडियो में जिस लीडर के लिए जिंदाबाद के नारे लगे थे उसके नाम से पुलिस को “पाकिस्तान” का भ्रम हो गया था।
यानी पाकिस्तान दरअसल यूपी के धर्मध्वजधारी योगी और उनकी पुलिस के ही दिल दिमाग और कानों में रातदिन बजता रहता है वहां चुनाव के लिए तैयारियां करते मुसलमान ऐसी घटिया सोच नही रखते।


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