कीमत सुनकर भड़के किसानों ने इस कीमत पर धान बेचने से किया मना
रायपुर, 05 दिसंबर 2021 (ए)। छत्तीसगढ़ में सभी जगह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद नहीं हो रही है। सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1950 रुपए प्रति मि्ंटल तय किया है। सरकारी खरीद केंद्रों पर 1940 से 1960 रुपए प्रति मि्ंटल में धान जरूर खरीदी जा रही है, लेकिन सरकारी मंडियों में 1370 रुपए प्रति मि्ंटल से ज्यादा धान की बोली नहीं लग रही है। इससे नाराज होकर किसानों ने मंडियो में धान बेचने से मना कर दिया है। मंडी में धान बेचने आए पीपरछेड़ी के किसान बिष्णुराम साहू, किरवई के रामभरोसा साहू समेत कई किसानों ने कहा, इतनी कम कीमत पर फसल बेचकर तो लागत भी नहीं निकल पाएगी। किसानों ने बताया, विवाद की सूचना के बाद वहां पहुंचे राजिम तहसीलदार ने किसानों से बात की है। उन्होंने इस पर बातचीत के लिए सोमवार सुबह 9.30 बजे का वक्त दिया है। कहा गया है, बोली शुरू होने से पहले किसानों, व्यापारियों और मंडी प्रशासन के बीच बातचीत कराई जाएगी। इसमें तय करने की कोशिश होगी कि किसानों को अधिक नुकसान न हो। औने-पौने दाम पर उपज बेचना मंजूर नहीं है।कृषि उपज मंडी राजिम में सरना धान बेचने आए तेजराम विद्रोही ने कहा कि कृषि उपज मंडी में खुली बोली के माध्यम से किसानों के उपज की खरीदी होती है। बोली के लिए आधार मूल्य निर्धारित नहीं होने से उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है। कृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा 36.3 में इससे बचाने की व्यवस्था है। इसमें कहा गया है, जिस भी फसल का समर्थन मूल्य तय किया गया है उससे कम पर बोली नहीं लगाई जाएगी। सरकार इसका पालन ही नहीं कराती। मंडी अफसरों का कहना है, एमएसपी से कम पर बिक्री रोकने का प्रावधान तभी हो सकता है जब दाम राज्य सरकार ने तय किए हो। यहां एमएसपी केंद्र सरकार तय करती है, इसलिए उस पर नियंत्रण नहीं है।