कोरबा 05 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। कोरबा जिले में वन विभाग अपनी जमीन पर भले ही सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न करता हो, लेकिन अगर आप जंगल में अतिक्रमण कर कब्जा करना चाहते हों तो आपको निचले स्तर से लेकर ऊपर स्तर तक के अधिकारी और कर्मचारी पूरा सपोर्ट करेंगे, यह कोई बनावटी बात नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत है।जंगल की सुरक्षा में लगे लोग ही जंगल बर्बाद करने पर तत्पर हों तो हालात यही होना है। अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर भी कार्यवाही करने से बचना, आखिर अतिक्रमणकारियों को संरक्षण और खुली छूट देना ही तो है। ताजा तरीन मामला कटघोरा वन मंडल क्षेत्र के एसईसीएल बलगी परियोजना अंतर्गत बलगी शांति नगर कॉलोनी से लगे इलाके में देखने को मिला , जहां कोयला कारोबार से जुड़े शख्स का बेजा कब्जा यहां चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया गया कि उसके द्वारा जंगल की लगभग आधा एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। यह कब्जा कोई एक-दो महीने का नहीं बल्कि वर्षों का है। सागौन सहित अन्य कीमती वृक्षों को काटकर पहले भी अतिक्रमण किया गया और अब भी यहां निर्माण कार्य जारी है। पेड़ों को काटकर बांस से जमीन को घेर कर कब्जा व निर्माण किया जा रहा है तो क्या इसकी जानकारी स्थानीय रेंजर, डिप्टी रेंजर, बीट गार्ड, वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को नहीं है? यदि नहीं है तो उनके कार्यप्रणाली पर सवाल उठना जायज है और यदि जानकारी है तो ,इसे शुरू में रोका क्यों नहीं गया?
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