कार्यवाही बड़ी फिर क्यों पुलिस प्रेसवार्ता से बचती दिखी ? प्रेस विज्ञप्ति क्यों नहीं हुआ जारी ? 2 दिन तक चली कार्यवाही पत्रकारों का भी थाना प्रभारी ने नहीं उठाया फोन
रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 03 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। पटना पुलिस की कार्यवाही संदेह के दायरे में एक बार फिर जुआ की कार्यवाही की तरह गलती नहीं की थाना प्रभारी ने। एक ही मार्ग में चार कार्यवाही चिरगुडा, कोचिला, अमहर, खैरी चारो की दुरी में 3-4 किलोमीटर की दुरी, कार्यवाही सही तरीका तो गलत नहीं? नशा करने वालों से ज्यादा जरूरी नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों पर नकैल कसा जाये। इसी दिशा में पहल करते हुये पुलिस अधीक्षक ने नशे के व्यवसाय में संलिप्त लोगों पर ताबडतोड़ कार्यवाही कर रहे है। पटना क्षेत्र में मेडिकल नशा व अवैध शराब का प्रचलन जोरों पर है लगातार इसकी शिकायत एसपी को मिल रही थी और पुलिस भी लगातार इन अवैध कामों में संलिप्त लोगो पर नजर बनायी रही इसी का नतीजा निकला कि 30 नवम्बर को भारी मात्रा मे नशीली दवाईयों का जखीरा पुलिस ने बेचने वाले के साथ बरामद किया और एनडीपीएस एक्त पर कार्यवाही कर संलिप्त लोगों पर कार्यवाही सुनिष्चित किया। पर सवाल क्षेत्र के लोगों में यह भी रहा कि एक जगह पर भारी मात्रा में नशीली दवाईंया और इंजेक्षन प्राप्त होने पर तीन एफआईआर कैसे हुआ क्या एनडीपीएस एक्त में पुलिस ज्यादा कार्यवाही बताने के लिये यह काम किया। फिलहाल कार्यवाही और जनमान में फैली चर्चाओं की जानकारी के लिये पटना थाना प्रभारी सौरव द्विवेदी कई बार फोन कर मैसेज दिया गया पर उन्होंने कार्यवाही की जानकारी साझा करना जरूरी नहीं समझा। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के कई जगहों से नशीली दवा, इंजेकसंन के साथ पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार कर नशीली दवा के साथ अन्य सामान जब्त कर आरोपियों पर कार्रवाई कर जेल भेजा। पुलिस के एफआईआर के अनुसार मुखबीर के सूचना पर पटना थाना क्षेत्र के अंतर्गत 4 अलग-अलग स्थानों पर घेराबंदी कर पटना पुलिस ने नषे का कारोबार करने वाले 5 लोगो को गिरफ्तार किया। इन चारो से बरामद सामनों की अनुमानित रकम जिसकी अनुमानित किमत 1 लाख 30 हजार आंकी गयी है।
पटना थाना को मिली 1 दिनों में चार सफलता पर कार्यवाही संदेह के दायरे में
पटना थाना द्वारा मुखबिर की सूचना पर थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में पटना थाना क्षेत्र के 5 किलोमीटर के अंदर ही चार अलग-अलग कार्यवाही की गई, जिसमें 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनके पास से मेडिकल नशे के सामग्री जप्त की। गिरफ्तार किए गए 5 व्यक्तियों में से एक पटना थाना क्षेत्र के अंतर्गत छोटे झूमर पारा निवासी बतया जा रहा है, बाकी चार समीपवर्ती जिले सूरजपुर के निवासी होना बतया जा रहा है। एक ही दिन में एक ही मार्ग पर कुछ घंटो के अंतराल पर चार कार्यवाही जिनके एफआईआर की कॉपी लगभग समान है, चारों कार्यवाही मुखबिर की सूचना पर की गई है, संदेहास्पद बात यह है की एक साथ एक ही क्षेत्र में कितने मुखबिर सक्रिय थे जिन्होंने सूचना देकर पुलिस कार्यवाही में मदद की? बरामद किए गए नशे की सामग्रियों की मात्रा भी लगभग सभी प्रकरण समान दिखया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि निजात के तहत पटना थाना अंतर्गत जितनी भी कार्यवाही की गई है, सभी प्रकरणों में जप्त माल एक ही प्रकार का इंजेक्शन और सीमित मात्रा लगभग 5 से 15 पीस ही बरामदगी बताई गई है। कहीं यह ऑपरेशन निजात के तहत पटना थाना के कोरम पूरा करने का जरिया तो नहीं? यह सवाल इसलिए कि जब यह क्षेत्र पूरे छत्तीसगढ़ में अवैध नशों के लाखों के कारोबार के लिए विख्यात है, तो फिर की जाने वाली कार्यवाही और बरामद होने वाली सामग्री की मात्रा हर बार इतनी कम कैसे? इन कार्यवाहियों में गिरफ्तार हुए लोगों के परिजनों ने यह भी बताया कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, वह इस नशे का व्यापार नहीं करते बल्कि इस नशे के आदी हैं। परंतु बगैर माल की बरामदगी के उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और वे जो इस नशे के क्षेत्र के बड़े डीलर हैं, अभी भी खुलेआम बाहर हैं और तरीका बदलकर अपना धंधा संचालित कर रहे हैं। कुल मिलाकर प्रभावित क्षेत्र के लोगों का यह कहना है कि जो इस नशे के आदी हैं, उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर दिया और जो डीलर हैं वे अभी भी पकड के बाहर हैं।
एक मामले में ज्यादा एफआईआर का क्या है राज
पटना पुलिस की कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह तब लगा था जब महिने भर पहले रनई में चल रहे जुआ पर कार्यवाही हुआ जहां एक ही मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गयी। 29 नवम्बर को फिर पुलिस के कार्य करने के तरीके में एकरूपता देखी गयी। जहां मेडिकल नषा के मामले में चार एफआईआर हुआ। सूत्रों की माने तो सभी आरोपी को एक साथ पकड़ने की बात सामने आयी थी पर एफआईआर अलग-अलग दिखायी दी। पटना थाना प्रभारी सौरव द्विवेदी के कार्य करने का अंदाज में एकरूपता झलकती है आखिरकार उन्हें क्या फायदा होता है? कहीं ऐसा तो नही कि निजात कार्यक्रम में एसपी साहब को खुष करने के लिये एक ही मामले को कई टुकड़ो में बांटा जाये। मामले में जब अधिवक्ता सोनूराज यादव से विधिक जानकारी चाही गयी तो उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले में ज्यादातर आरोपी पर जब कोर्ट में ट्रायल होता है तो केस कमजोर साबित होता है और आरोपी जल्दी से छूट जाते है। जबकि यदि संयुक्त प्रकरण दर्ज हो तो विवेचना भी विधिक तरीके से मजबूत होती है और आरोपी को कठोर सजा से गुजरना पड़ता है।
कहां से आ रहा नशीली पदार्थ पुलिस वहां तक क्यों नहीं पहुंच पा रही
चोरी जैसे वारदातों जहां चोरी होने से लेकर खरीददारों तक पुलिस पहुंचती है और सामान जब्त कर आरोपी भी बनाती है। इसी तरह एनडीपीएस मामले में मादक पदार्थ भारी मात्रा में पकड़ा जाता है और कार्यवाही भी होती है पर ऐसे मामलों में पुलिस मादक पदार्थ कहां से लाया जाता है और कौन दे रहा है यहां तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है। बाकि अन्य मामलों में पुलिस देश के अन्य राज्यों में जाकर आरोपी को पकड़ कार्यवाही भी सुनिष्चित करती है। पर मादक पदार्थ के मामले में पुलिस ऐसी कार्यवाही क्यों नहीं कर पाती।
पुलिस की बड़ी कार्यवाही में कार्यवाही के बाद भी गोपनीयता बरतने के पीछे का कारण आखिर क्या है
कोरिया जिले के पुलिस कप्तान के नेतृत्व में जारी निजात नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत जिलेभर की पुलिस मेडिकल नशे के विरुद्ध सख्त रुख अपनाए हुए है वहीं लगातार इस व्यवसाय से जुड़े लोगों पर कार्यवाही भी जारी है उसी तारतम्य में पटना पुलिस ने भी बड़ी कार्यवाही करते हुए एक ही दिन में 4 मामलों में कई लोगों को नशे के सामान के साथ पकड़कर नारकोटिक्स एक्ट के तहत कार्यवाही की है और यह बहोत बड़ी कार्यवाही थी जिसका की श्रेय भी पटना पुलिस को ही जाता है लेकिन पटना पुलिस ने पूरी कार्यवाही होने के बावजूद भी गोपनीयता बनाये रखी और किसी को यहाँ तक की प्रेस मिडीया को भी इसकी जानकारी नहीं दी इसके पीछे का कारण क्या है यह पता नहीं चल सका, जबकि बड़ी कार्यवाहियों को लेकर पुलिस बाकायदा प्रेसवार्ता करती है और बड़े पुलिस अधिकारियों के साथ मामले का खुलासा करती है लेकिन इस मामले में कुछ भी ऐसा देखने को नहीं मिला। इतनी बड़ी सफलता को लेकर पुलिस का गोपनीय रुख लोगों की समझ से भी परे रहा और लोग इसको लेकर चर्चा भी करते दिखे, वहीं बताया जा रहा है पुलिस इस मामले को ज्यादा प्रसारित नहीं करना चाहती थी इसलिए पुलिस ने मामले को लेकर कोई प्रेसवार्ता नहीं कि वहीं क्यों नहीं हुई प्रेस वार्ता इसको लेकर सवाल खड़ा ही है।
मामले की जानकारी गवाहों को भी नहीं
पुलिस ने 4 एनडीपीएस कार्यवाही के मामले में अलग-अलग गवाहों का नाम एफआईआर में अंकित किये। एफआईआर में दर्ज कुछ गवाहों से बात की गयी तो नाम न बताने के शर्त पर बताया कि हमारे सामने कोई कार्यवाही नहीं हुयी और न ही कुछ सामान जब्त किया गया। और पूरी कार्यवाही की जानकारी पुलिस द्वारा ही बतायी गयी। पुलिस बोली की सहयोग किजिऐ क्योंकि आप निजात कार्यक्रम से जुडे़ है।
एफआईआर क्रमांक 0428
29/11/2021 इस पहले कार्यवाही के अनुसार पटना छोटे झूमरपारा निवासी दुर्गा प्रसाद सूर्यवंषी पिता स्व. भोरे लाल उम्र 28 वर्ष निवासी कोचिला से 15 नग 2 एमएल बूप्रेनोरफीन का इंजेक्षन, 15 नग 10 एमएल एविल के साथ बिना नंबर के डिस्कवर बाईक जब्त की।
एफआईआर क्रमांक 0430
दिनांक 29/11/2021 इस दूसरे कार्यवाही के अनुसार ग्राम अमहर के पुल के पास पकड़े गये षिवप्रसाद नगर जिला सूरजपुर निवासी भुनेष्वर सोनवानी पिता स्व. गोरेलाल उम्र 34 से 13 नग 2 एमएल बूप्रेनोरफीन इंजेक्षन, 13 नग 10 एमएल एविल वायल के साथ एक बजाज पल्सर बिना नंबर की बाईक जब्त की गयी।
एफआईआर क्रमांक 0429
29/11/2021 इस तीसरे कार्यवाही के अनुसार ग्राम खैरी बड़कापारा जिला सूरजपुर निवासी संतोष कुमार त्रिपाठी पिता सूर्यभान त्रिपाठी उम्र 26 साल से 12 नगर 2 एमएल बूप्रेनोरफीन इंजेक्षन, 12 नग 10 एमएल एविल वायल के साथ एक हॉण्डा लीवो बाईक क्रमांक सीजी 15 डीटी 9717 बरामद किया गया।
एफआईआर क्रमांक 0431
29/11/2021 इस चौथे कार्यवाही के अनुसार सूरजपुर निवासी सिराज पिता स्व. अब्दुल खालिक उम्र 42 साल व नौसाद पिता स्व मनउवर हुसैन उम्र 50 वर्ष से 20 नग 2 एमएल बूप्रोनोरफीन का इंजेक्षन, 20 नग 10 एमएल एविल का वायल के साथ एक पैषन प्रो बाईक क्रमांक सीजी 15 सीक्यू 6684 बरामद किया।