रायपुर @ बिना सूचित किये केन्द्र सरकार ने अचानक उसना चावल एफसीआई में नहीं लेने का जारी किया फरमान

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मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से की मांग-इस साल उसना चावल खरीदे,
प्रदेश के किसानों से अपील करेंगे अगले साल उसना के स्थान पर अरवा किस्म का धान बोये
मुख्यमंत्री बघेल उत्तरप्रदेश के लिए हुए रवाना


रायपुर, 16 नवंबर 2021 ( ए )। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार द्वारा इस साल उसना का चावल एफसीआई में नहीं खरीदने का लिये गये निर्णय पर कहा कि यह निर्णय अचानक लिया गया है, इस संबंध में राज्य सरकार को सूचित भी नहीं किया गया। चूंकि हर बार की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ में उसना चावल का उत्पादन किसानो द्वारा किया गया है इसलिए कम से कम केन्द्र सरकार को इस साल उसना चावल खरीदना चाहिए। आने वाले साल में किसानों से हम अपील करेंगे वे उसना की जगह अरवा किस्म का चावल का उत्पादन करें।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज उत्तरप्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं। रवाना होने से उन्होंने यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमले किए। उन्होंने वित्तीय प्रबंधन, उसना चावल और कोयले की बकाया राशि, पेट्रोलियम पदार्थों से सेस को हटाने आदि विषयों को लेकर बात की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में 500 से ज्यादा राईस मिलें बंद होने की कगार पर हैं। केंद्र सरकार ने अचानक उसना चावल एफसीआई में नहीं लेने का फरमान जारी कर दिया है, जबकि प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान उसना चावल का उत्पादन करते हैं। सरकार ने ही उसना चावल के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया है। लेकिन अचानक केंद्र सरकार ने यह फरमान जारी कर दिया। सरकार को यदि ऐसा करना ही था, तो पहले से राज्य सरकार को सूचित करना चाहिए था, ताकि किसानों से अपील कर उन्हें अरवा किस्म की धान का फसल लेने कहा जाता। उन्होंने केन्द्र से मांग की कि कम से कम इस साल उसना चावल खरीद लें। अगले साल से हम किसानों से अपील करेंगे कि वे अब अरवा किस्म का चावल की पैदावर करें।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि पेट्रोलियम पदार्थों पर लगाए गए सेस को हटाएं। इससे केवल एक प्रदेश को नहीं, बल्कि पूरे देश के राज्यों में वाहन धारकों और उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है 2014 का जिसमें उन्होंने 215 कोयला खदानें बंद की गई थी जिसमें पेनाल्टी ली गई थी। पेनाल्टी की राशि भारत सरकार के पास जमा है। चूकि रायल्टी हो या पेनाल्टी राज्य सरकार का ही होता है। इस मामले में जब सैद्धांतिक रूप से कोयला मंत्री से बातचीत हुई थी तो उनका भी कहना है कि आप सही कह रहे है लेकिन यह राशि अभी तक जारी नहीं हुई है। इस मैंने वित्त मंत्री से कहा है कि यह राशि हमारा है और यह राशि छोटी-मोटी नहीं 4 हजार 41 करोड़ की राशि है हमको दे दिया जाए।


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