

पुलिस भू-माफिया बिल्डर की शिकायत पर जांच करने तैयार…बिल्डर का कर रही है इंतेजार
बार बार पुलिस जवाब के लिए भूमाफिया बिल्डर के घर पर कर रही नोटिश चस्पा,बिल्डर जवाब देने उपस्थित होने की बजाए कर रहे रोज नई शिकायत
- रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 13 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। फरार भूमाफिया बिल्डर संजय अग्रवाल लगातार पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों व संबंधित विभाग के अधिकारी के खिलाफ बड़ा आरोप लगाते हुए तमाम शिकायतें कर रहे हैं, वहीं पूरी शिकायतें डाक से पुलिस विभाग के ही उच्च अधिकारियों को भेजी जा रहीं हैं, पुलिस शिकायतों की जांच भी करना चाह रही है पर सारी शिकायतें डाक से पहुंच रहीं हैं पुलिस द्वारा फरार आरोपी व शिकायतकर्ता को भेजी जा रही है, पर आरोपी नोटिस का जवाब भी डाक से भेज रहा है, पर सबसे आश्चर्य की बात तो यह है की सबकुछ डाक से ही प्राप्त हो रहा है पुलिस को वहीं खुद फरार चल रहे साथ ही पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कर रहे भूमाफिया बिल्डर अपनी ही कि गई शिकायतों की जांच के लिए पुलिस के नोटिश पर भी बयान दर्ज कराने पुलिस तक नहीं पहुंच रहे हैं,इसे लेकर पुलिस भी चिंतित है आखिर शिकायत पर कार्रवाई करें तो करें कैसे।
मिली जानकारी के अनुसार बिल्डर संजय अग्रवाल दो बार लंबी चौड़ी शिकायत डाक के माध्यम से उच्च अधिकारियों व संबंधित विभाग के मंत्रियों व सचिवों को भेज चुके हैं और अपनी बात रखते हुए पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों सहित कई लोगों पर गंभीर आरोप लगा रहें हैं, पर आरोप में शिकायत पत्र के साथ कोई भी दस्तावेज संजय अग्रवाल द्वारा नहीं भेजा गया है जिससे पुलिस दोषी मानकर किसी पुलिस वाले पर कार्यवाही कर सकें, पुलिस ने फरार बिल्डर संजय अग्रवाल की शिकायत गंभीरता से लेते हुए प्रथम दृष्टया ही इसे जांच योग्य मानते हुए जांच भी शुरू कर दी है अपना पक्ष रखने के लिए संजय अग्रवाल को नोटिश मय तामिल भी कराया गया है उसके जवाब में भी फरार बिल्डर संजय अग्रवाल ने रजिस्टर्ड डाक से नोटिस का जवाब पोस्ट ऑफिस विभाग के ही माध्यम से जांचकर्ता अधिकारी को भेजा है पर सवाल वही हैं की शिकायत भी डाक से जवाब भी डाक से पर साक्ष्य का अभी भी पुलिस को इंतजार है।
क्या डाक से भेजे जवाब पर पुलिस लेगी सज्ञान
पुलिस विभाग द्वार किसी भी शिकायत मामले में किसी भी शिकायतकर्ता के बयान लेने नियम है, बिल्डर मामले में भूमाफिया बिल्डर वर्तमान में फरार चल रहें हैं वहीं वह लगातार पुलिस विभाग के ही उच्च अधिकारियों सहित अन्य कई पुलिसकर्मियों सहित अन्य विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और आरोप लगा रहें हैं ऐसे में पुलिस को जांच के लिए उनका बयान लेना आवश्यक है अब क्या बिना बयान दर्ज किए पुलिस अग्रिम कार्यवाही करेगी यह फिर डाक से प्राप्त जवाब पर ही संतुष्ट होकर कार्यवाही करेगी यह देखने वाली बात होगी।
शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल ने डाक से भेजा कथन
शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल के द्वारा पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों पर आरोप लगाया गया था जिस पर उन्होंने दो अलग-अलग शिकायतें उच्च अधिकारियों से की है जिस पर कोरिया पुलिस ने संज्ञान लेते हुए जांच भी शुरू किया, शिकायतकर्ता को आने के लिए दो नोटिस भी भेजा पर शिकायतकर्ता ने स्वयं ना आकर जांचकर्ता अधिकारी को दोनों नोटिस का जवाब रजिस्टर्ड शपथ पत्र में कथन देकर डाक के माध्यम से भेजा है और उसमें उन्होंने कहा कि सारे साक्ष्य मेरे पास मौजूद हैं पर मैं इसलिए नहीं देना चाहता क्योंकि पुलिस पुलिस की मदद करेगी नोटिस का जवाब उन्होंने अपने कथन के तौर पर रजिस्टर्ड डाक से भेजा पर उसमें साक्ष्य नहीं थे सिर्फ कथन ही मौजूद है। न्यायालय के जानकारों की माने तो कथन डाक के माध्यम से भेजा जा सकता है पर जब कथन डाक से भेजा जा सकता है तो साक्ष्य भी डाक के माध्यम से भेजा जा सकता है पर ऐसे में पुलिस के लिए जांच करना और शिकायतकर्ता को न्याय मिलना दोनों ही कठिन है।