नई दिल्ली @ वायु प्रदूषण के हालातों को संभाले केंद्र सरकार

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दिल्ली में वायु प्रदूषण पर केजरीवाल की आपात बैठक शुरु


नई दिल्ली ,13 नवंबर 2021 (ए )। दिल्ली और देश के प्रमुख शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण के हालातों से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेताया है और कहा कि वह इन हालातों को सुधारने पर काम करें। यह बात सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका को लेकर कही है।
सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आपको इस मुद्दे को राजनीति और सरकार से परे देखना होगा। कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे दो-तीन दिन में हम बेहतर महसूस करें। कोर्ट ने याचिका पर आगे की सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तारीख तय करते हुए केंद्र से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में कोर्ट को सूचित करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है और अगले 2 से 3 दिनों में यह और नीचे चली जाएगी, इसलिए जल्द आपातकालीन निर्णय लें, हम दीर्घकालिक समाधान बाद में देखेंगे। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पराली समस्या का हिस्सा हो सकती है, लेकिन एकमात्र कारण नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी पूछा कि स्मॉग टावर और उत्सर्जन नियंत्रण प्रोजेक्ट्स को स्थापित करने के उसके फैसले का क्या हुआ? कोर्ट ने कहा कि अब किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है चाहे वह दिल्ली सरकार हो या कोई और। पटाखों पर बैन था, उसका क्या हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा स्कूलों को खोलने पर भी चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि आपने राजधानी में सभी स्कूल खोल दिए हैं और अब बच्चे प्रदूषण के संपर्क में हैं। यह केंद्र का नहीं बल्कि आपका अधिकार क्षेत्र है, उस मोर्चे पर क्या हो रहा है?
दिल्ली सरकार की आपात बैठक
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता शनिवार को भी गंभीर श्रेणी में है और वायु गुणवत्ता सूचकांक 499 पर पहुंच गया है। हालात को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि पराली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आपातकाल निर्णय लिए जाने की जरूरत है। मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन कर रहा हूं। मुझे लगता है दिल्ली के नागरिक सोशल मीडिया के जरिए केंद्रीय मंत्री से आपातकाल बैठक बुलाकर कोई निर्णय लेने को आग्रह करें। केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचे नहीं और चुप्पी न साधे। दिल्ली में हवा बिगड़ने से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है, इसके चलते बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों की अधिक परेशानियां हो रही हैं और अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ने लगी है। प्रदूषण पर चिंता जताते हुए दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार ने आज कहा कि प्रदूषण का स्तर बड़ी चिंता का विषय है। इससे बुजुर्गों, स्कूल जाने वाले बच्चे, वे मरीज जिन्हें सांस की तकलीफ है या वे मरीज जिन्हें पहले कोविड हो चुका है, उनकी समस्या बढ़ गई है। हमारे वार्ड में ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। डॉ. सुरेश ने कहा कि हमारे यहां 10-15 प्रतिशत मरीजों में बढ़ोतरी हुई हैं। इनमें सांस की तकलीफ के मरीजों की संख्या ज्यादा है। दीपावली के बाद ऐसे बच्चे आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।


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