रायपुर, 12 नवम्बर 2021 (ए)। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बदलने के मामले में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि डीजीपी को बदला जाना, इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बेकाबू है। उन्होने कहा कि तमाम विफलताओं की जिम्मेदारी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की है, घोड़ा बदल देने से कुछ नहीं होगा, या तो बघेल घोड़े की सवारी सीख लें या घुड़सवार को बदल देना ही विकल्प है। बिगड़ते कानून व्यवस्था और दंगों जैसे हालात उत्पन्न कर देने के लिए मुख्यमंत्री आत्मचिंतन करें और देश भर में राजनीतिक शिगूफेबाजी करना छोड़कर प्रदेश के काम-काज पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम ब्यूरो के 2020 के आंकड़े की बात करें तो छत्तीसगढ़ आज किशोरों द्वारा किये अपराध और पुलिस कर्मियों की ह्त्या में पहले स्थान पर, तो आदिवासियों के नाबालिग बच्चों के बलात्कार के मामले और बुजुर्गों के खिलाफ अपराध आदि में दूसरे स्थान पर आ गया है। ह्त्या में तीसरे स्थान पर, प्रदेश में दो वर्ष में 26 सौ अपहरण और 06 हजार से अधिक नाबालिगों के लापता होने के प्रकरण दर्ज है। सदन के पिछले सत्र में मिली जानकारी के अनुसार ही मात्र डेढ़ वर्ष में महिलाओं के खिलाफ दुराचार और गैंगरेप 06 हजार 05 सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। यानी केवल दर्ज मामले के अनुसार ही रोज बलात्कार के 12 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। यह केवल दर्ज आंकड़ें हैं, जिन्हें दर्ज नहीं किये गए वे कितने होंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है।
केदार कश्यप ने कहा कि दुःख की बात है कि विपक्ष की आलोचना और सुझावों पर ध्यान देने के बजाय सीएम भूपेश बघेल पद के अहंकार और विफलता की बौखलाहट में विपक्ष पर ही हमला करते रहे हैं। जबकि किसी भी प्रदेश सरकार का मूल काम ही कानून व्यवस्था को बनाए रखना होता है। उन्होंने कहाकि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही स्वाभाविक रूप से प्रदेश में भू-माफिया, रेत माफिया, शराब माफिया, गांजा माफिया से लेकर तमाम माफिया-तस्करों का राज है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में तस्करों और मजहबी आतंकियों का आतंक प्रदेश में बढ़ा है।
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