उसी अभियंता के भरोसे काम जिसके कार्यकाल में ही बहा था बांध
- रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 07 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। खांडा जलाशय का निर्माण बांध बहने के बाद फिर से प्रारंभ किया जा चुका है वहीं यह निर्माण जल संसाधन विभाग के द्वारा विभागीय तौर पर कराया जा रहा है। खांडा जलाशय भारी बारिश की वजह से वहीं जल संसाधन विभाग के ही अभियंताओं की लापरवाही से बह गया था जिसका की यदि सही तरीके से मरम्मत व देखरेख किया गया होता तो यह जलाशय नहीं बहा होता। जलाशय बहने व बहने के पश्चात पुनः निर्माण की स्वीकृति तो मिल गई लेकिन जिस तरह से निर्माण कार्य किया जा रहा है उससे साफ जाहिर है कि यह जलाशय पुनः कमजोर न बन जाये जिसका फिर भारी बारिश में बहने का डर बना रहे।
जलाशय निर्माण के संबंध में कुछ जानकार लोगों का कहना है कि जलाशय का निर्माण या बांध बांधकर पानी को रोकने का तटबंध जब बनाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जितनी भी परत मिट्टी तटबंध के दौरान डाली जा रही है वह बार बार वाइब्रेटर सहित रोलर से दबाया जाना चाहिए जिससे मिट्टी बçढ़या से बैठ जाये व वह जमने लगे। खांडा जलाशय निर्माण में वाइब्रेटर सहित रोलर का अभाव है वहीं जिस मशीन से मिट्टी पाटी जा रही है उसी से दबा दी जा रही है जो बçढ़या से पकड़ बनाकर आपस मे पूरी तरह मिलेगी नहीं चिपकेगी नहीं बीच मे गैप बनेगा इस बात की संभावना बनी रहेगी।
जिसके कार्यकाल में बहा बांध वही निर्माण करा रहा बांध
खांडा जलाशय पूरी तरह लापरवाही की वजह से बहा यह सभी का कहना है वहीं यदि जल संसाधन विभाग व उस समय के तात्कालीन अभियंता ने बांध का मुआयना किया होता बांध नहीं बहा होता यह तय था, लेकिन उस समय लापरवाह रहे जिस अभियंता के कार्यकाल में बांध बह गया अब वही बांध के पुनः निर्माण की जिम्मेदारी निभा रहा है जिसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि कहीं फिर से कमजोर बांध का निर्माण न हो जाये और बांध धरासाई हो जाये।