अम्बिकापुर 07 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)।अंबिकापुर की मणिपुर चौकी पुलिस ने चंगाई सभा के नाम पर लोगों की गंभीर से गंभीर बीमारी ठीक कर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करने वाले पादरी सहित दो लोगों पर अपराध दर्ज किया है। गौरतलब है कि बिलासपुर से आए एक व्यक्ति द्वारा प्रशासन से बिना अनुमति लिए चंगाई सभा का आयोजन किया जा रहा था। जिसके विरूद्ध पुलिस ने छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।अंबिकापुर शहर से लगे गांव उदयपुर ढाब में चंगाई सभा के नाम पर ग्रामीणों को धर्म परिवर्तन का लालच देने वाले बिलासपुर से आए एक पादरी व एक अन्य के विरूद्ध ग्रामीण की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार अम्बिकापुर के पास स्थित ग्राम उदयपुर ढाब में पिछले दो दिनों से अनिल किस्पोट्टा नामक ग्रामीण के घर पर आस-पास के गांव से ग्रामीण महिला पुरूषों को बुलाकर उन्हें स्वस्थ्य रखने के लिए चंगाई सभा के नाम पर इसाई धर्म का प्रचार किया जा रहा था। इस काम के लिए बिलासपुर से एक पादरी सालवेशन मिंज को बुलाया गया था। आस पास के कुछ अन्य ग्रामीण जब इस सभा में पहुंचे तो सभा में स्वास्थ्य लाभ के नाम पर इसाई धर्म का प्रचार करते हुए लोगों को इसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दिया जाने लगा। उन्हें यह झूठी दिलासा दी जा रही थी की प्राथर्ना करने से उनके सारे रोग व कष्ट दूर हो जाएंगे। इस दौरान लोगों को गंभीर बीमारियों के भी ठीक हो जाने का दावा किया जा रहा था। इसकी जानकारी लोगों ने विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों व भाजयुमों के नेताओं को दी जिसके बाद विहिप व भाजयुमों के पदाधिकारी उदयपुर ढाब पहुंचे और धर्म प्रचार करने वालों से पूछताछ की। बिना शासकीय अनुमति के कोरोना काल में इस प्रकार से भीड़ जुटाने पर जब आयोजकों से सवाल किया गया तो वे बगले झांकते नजर आए। ग्रामीणों द्वारा चंगाई सभा के नाम पर धर्म प्रचार कर धर्म परिवर्तन के लिए लालच देकर उकसाने का आरोप लगाए जाने के बाद आरोपी फादर व सभा के आयोजक ग्रामीण को पकड़कर मणिपुर चैाकी ले जाया गया जहां पर ग्राम केराकछार निवासी एक ग्रामीण की शिकायत पर आरोपियों के विरूद्ध मामले में अपराध दर्ज किया गया है।
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