क्या नियमों को दरकिनार कर राजस्व विभाग भू-माफियाओं के इशारे पर जमीन करेगा हस्तांतरित ?
छोटे-बड़े झाड़ मद की भूमि को बेचने की अनुमति लेने कलेक्टर को आवेदन,वन विभाग के एक रेंजर के रिस्तेदार के नाम पर डेढ़ करोढ़ में भूमि खरीदने की चर्चा
रवि सिंह-
बैकुंठपुर/पटना 25 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के तहसील पटना के गायत्री मंदिर चौक में स्थित मकान निर्मित भूमि पर भूमाफिओं की नजर है और लगभग ढेड़ करोड़ रूपये में बैंकुण्ठपुर के एक रेंजर द्वारा अपने रिस्तेदार के नाम लेने की बात क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस भूमि में भूमाफियाओं का दखल देखने को मिल रहा है मजे की बात तो यह है कि इन भू-माफिओं द्वारा इस भूमि को जो राजस्व रिकार्ड के अनुसार छोटे-बड़े झाड़ मद की भूमि होना बताया जा रहा है। इसके बावजुद नियमों को दरकिनार करके भूमाफिओं द्वारा इसके हस्तांतरण करने के फिराक में राजस्व के जिम्मेदार अधिकारीयों को प्रलोभन भी दिये जाने की जानकारी मिल रही है।
मिली जानकारी के अनुसार चुपके-चुपके इस भूमि की रजिस्ट्री होना बताया जा रहा है पर किसने बिक्री की अनुमति दी, इस्तेहार कब जारी हुआ इन सब जानकारियों का किसी को पता नहीं। अब इन दिनों क्षेत्र में एक बात सामने आ रही है कि जमीन बेच दी गई, वहीं अब नामान्तरण होना है जिसका प्रकरण उपतहसील में विचाराधीन होने की चर्चा जोरो पर है वहीं पूरे मामले में ग्रामवासियों को भी कुछ भी पता नहीं है, पर अधिकार स्वरूप भूमि स्वामी द्वारा किराये में रह रहे किरायेदारों को मकान दिया था जिसे आनन-फानन में खाली कराया गया और रेंजर के रिस्तेदार द्वारा इस मकान पर रंग-रोगन कराते देखा जा रहा है,जो चर्चा का विषय बना हुआ है, ग्राम पटना हल्का नं. 39 के खसरा क्रं. 732/1/ग/5 क्षेत्रफल 0.1010 जो कब्जेदार श्रीमती अनीता शर्मा पति अरूण कुमार शर्मा के निजी स्वामित्व की भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज है और इस भूमि के पिछले कई सालों से मकान सहित भूमि विक्रय की बात सामने आ रही थी सूत्रों की माने तो जमीन लगभग डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा दाम पर विक्रय होने की जानकारी मिल रही है, बताया यह भी जा रहा है कि यह जमीन एक बहोत बड़े भू-माफिया के कब्जे में है जो पेशे से शासकीय कर्मी है पर गुपचुप तरीके से जमीन खरीदी-बिक्री के साथ राजस्व विभाग के तमाम अधिकारीयों से कमीशन लेकर सांठगांठ कराने का काम भी करते है।
छोटे-बड़े झाड़ मद की भूमि का हस्तांतरण है निशेध
राजस्व के विभाग के अंतर्गत रजिस्ट्री में 1947-1948 का मिसल रिकार्ड देखा जाता है जिसके अनुसार छोटे झाड़ मद की भूमि का हस्तांतरण नहीं होता। किसी मामले में यदि हस्तांतरण किया भी जाता है तो पट्टेधारी के पास इस बात का पक्का आधार हो कि उसके पास इस भूमि के बिक्री के अलावा अपनी बेटी के विवाह या अन्य किसी पारिवारिक सदस्य के बीमारी के इलाज के लिए अर्थ की जरूरत का भूमि की बिक्री के अलावा कोई विकल्प नही है। वहीं इस मामले में विक्रेता एक सम्पन्न व्यक्ति है और उसके बच्चे भी सम्पन्न है, उसके पास इस भूमि के बिक्री का कोई ऐसा आधार नही है जिससे यह साबित हो सके कि उसको पैसों की जरूरत हो। इस मामले में अनुमति मिलने को लेकर भी अब यह बात सामने आ रही है कि पूरे जिले में कई इसी तरह के मामले जिला कार्यालय में लंबित हैं वहीं इस मामले में अनुमति के लिये कलेक्टर कोरिया के पास आवेदन भी लगे है। जिसके जांच के लिये नायब तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
नकल देने में राजस्व विभाग कर रहा आनाकानी
वहीं पूरे मामले में अब राजस्व विभाग उक्त भूमि संबंधी किसी भी तरह के नकल संबधी आवेदनों को स्वीकार तो कर रहा है पर नकल प्रदान नहीं किया जा रहा है यह भी जानकारी संबंधित भूमि संबंधी मामले को लेकर शिकायत करने तैयार व्यक्ति का कहना है। इस मामले की तह तक जाकर जमीन खरीदी बिक्री को अवैध साबित करने के प्रयास में लगे एक व्यक्ति ने बताया कि जमीन की नकल प्रदान नहीं कि जा रही है, वहीं किस मामले का प्रकरण जमीन में चल रहा है यह भी स्पष्ट नही किया जा रहा है।
जमीन मकान पर भूमाफिया का कब्जा हुआ दर्ज
वहीं उक्त भूमि व उसपर निर्मित मकान पर भूमाफिया जिसने जमीन व मकान क्रय किया है का कब्जा दर्ज हो गया है।सूत्रों की माने तो घर का रंग रोगन व अन्य मरम्मत खुद नए भूमि स्वामी रूप में क्रेता भूमाफिया द्वारा ही कराया जा रहा है, अब राजस्व विभाग की बिना जानकारी ऐसा हुआ है यह मानना गलत होगा,क्योंकि इस भवन में खुद एक नायब तहसीलदार किराये पर निवासरत थीं,जिन्हें भी नए भूमि स्वामी क्रेता ने मकान खाली करने निर्देशित कर मकान खाली कराया यह भी चर्चा जारी है।
इस बात की जानकारी उप पंजीयक रजिस्ट्रार से चाही गयी तो उन्होंने टाल मटोल करते हुये कहा कि रोज कई रजिस्ट्री होती है मुझे पता नहीं पर उन्होंने यह भी कहा कि छोटे-बड़े झाड़ मद की भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकती।
पी द्विवेदी (उप पंजीयक बैकुण्ठपुर)
इन्होंने बताया कि सम्बंधित लोगों द्वारा अनुमति के लिये कलेक्टर के पास आवेदन लगाया गया था, जांच के लिये मेरे पास प्रकरण आया था, उसके बाद का मुझे नहीं पता कि रजिस्ट्री हो गयी है या नहीं और यदि रजिस्ट्री हुयी भी है तो कैसे मुझे नहीं पता। हांलाकि रजिस्ट्रार से मेरे आईडी में नहीं आया है।
भीष्म पटेल (नायब तहसीलदार पटना)