- रवि सिंह–
बैकु΄ठपुर 24 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। राजनीति में मानवतावादी विचारधाराओं की नितांत आवश्यकता है और यही एक राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े किसी राजनेता या जनप्रतिधि का मुख्य मानवीय गुण होना चाहिए। ऐसा कुछ विचार प्रकट करते हुए मनेंद्रगढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक दीपक कुमार पटेल ने आज की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था और राजनेताओं, जनप्रतिनिधियों व उनके समर्थकों के व्यवहार को लेकर चिंता जाहिर की है। पूर्व विधायक ने एक विडियों जारी करते हुये अपनी बात साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि राजनीति में सफलता और सम्मान का कतई आभाव नहीं होता और यह सफलता और सम्मान जनता के द्वारा प्रदत्त उनके समर्थन रूपी मतों से ही मिलता है। जिसका सभी राजनीतिक जीवन मे सफलता व सम्मान तलाशने वाले या सफलता व सम्मान प्राप्त कर चुके राजनेताओं व जनप्रतिनिधियों को ध्यान रखना चाहिए और जनता को जनार्दन मानकर मानवतावादी बनकर जनता का सम्मान व आदरभाव के साथ उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए काम करना चाहिए।
ज्ञात हो कि दीपक कुमार पटेल मनेंद्रगढ़ विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक रह चुके हैं वहीं उनकी छवि एक प्रखर प्रवक्ता की है। भारतीय जनता पार्टी जिला कोरिया में कुछ ही गिने चुने वक्ताओं की श्रेणी में उनको शुमार करती है, जो बड़े लंबे समय से मंच पर सुने जाने वाले सबसे लोकप्रिय वक्ता भी हैं। वर्तमान राजनीति व्यवस्था पर जनप्रतिनिधियों के युवा समर्थकों को लेकर यह कहते हुए मानवतावादी शब्द का समावेश अपने वक्तव्य में किया कि आज जब युवाओं को अपने जनप्रतिधि के समर्थन में बयान जारी करते हुए विभिन्न माध्यमों जिनमे सोषल मिडीया एक को एक माध्यम पाता हूँ, युवाओं की हड़बड़ी और उनकी उग्रता से यह समझ मे आता है कि युवाओं को जल्दबाजी है और सफलता सहित सम्मान के लिए वह मर्यादाओं को तार-तार करने से भी बाज नहीं आते। उन्होंने यह भी कहा कि कहीं न कहीं जनप्रतिनिधियों का अपने समर्थकों पर नियंत्रण की स्थिति में खोट है, जिसकी वजह से जनप्रतिनिधियों के समर्थक किसी भी अप्रिय बयानबाजी से भी गुरेज नहीं करना चाहते भले ही किसी की भावनाओं को किसी भी स्तर की ठेंस पहुंचती हो। आगे कहते हुये कि जनप्रतिनिधियों उनके समर्थकों का सम्मान व सफलता तभी तक है जब तक वह मानवतावादी हैं और जन कल्याण की भावना के साथ वह अग्रसर हैं। राजनीतिक क्षेत्र में, कभी भी जनता को उनकी समस्याओं के ही बीच छोड़कर मिलने वाली सफलता और सम्मान क्षणिक है और वह एक ऐसा झूठ है जिसका पतन तय है। श्री पटेल ने यह भी कहा कि जनता बड़े सोच और अपने विचारों की अंनत गहराइयों में जाकर अपना जनप्रतिधि ढूंढती है, वह आश्वस्त होकर की यह जनकल्याणकारी विचारधाराओं का प्रणेता जनप्रतिधि है किसी एक को अनेकों में से चुनती है। अब जनप्रतिधि भी अपना फर्ज निभाने लगें तो जनता को अनेकों की नहीं एक से ज्यादा की जरूरत ही नहीं पड़ने वाली वहीं वह बेवजह मंथन भी करने की क्यों सोचेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले और अब की राजनीति में यही फर्क है और इसीलिए अब जनता का जनप्रतिनिधियों पर से विश्वास उठता जा रहा है क्योंकि आज जनप्रतिधि उनके समर्थक बड़ी जल्दबाजी में हैं, बड़ी होड़ है जिसकी वजह से जनता अपने हाल पर ही बेहाल है वहीं जनप्रतिनिधियों व उनके समर्थकों की स्थिति अनजान बनकर स्वार्थ सिद्धि तक सीमित है।