वीआईपी रोड के आसपास का इलाका बन गया हुक्का हब,सख्त कानून की जरूरत
रायपुर,23 अक्टूबर 2021(ए)। सीएम भूपेश बघेल ने आईजी-एसपी कांफ्रेंस में हुक्के को लेकर कड़े तेवर दिखाने कहा। उन्होंने राजधानी समेत पूरे प्रदेश में इसे बंद करने का निर्देश दिया है। कांफ्रेंस खत्म होते ही देर रात पुलिस हरकत में आ गई। हुक्का कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए बंद कराने का फरमान सुनाया।
शुक्रवार देर रात को राजधानी रायपुर के तेलीबांधा वीआईपीरोड और खम्हारडीह क्षेत्र में तकरीबन आधा दर्जन कैफे और रेस्टोरेंट में पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है। जिसमें से 4 स्थानों में बड़ी संख्या में युवक-युवती हुक्का पीते मिले। इन स्थानों से पुलिस ने तकरीबन तीन दर्जन से ज़्यादा हुक्का पॉट भी जब्त किए है।
मिली जानकारी के मुताबिक हाफ एंड हाफ कैफे, वाइट अर्थ कैफे, मिनिस्ट्री कैफे, स्काई लॉन्च और एसडी कैफे में पुलिस ने दबिश देकर बड़ी संख्या में हुक्का जप्त किया है। यहां खुलेआम हुक्का पार्टी के लिए नौजवान लड़के लड़कियां पहुंची थी और देर रात तक रहती थी। हुक्का पीने वाले इन लड़के और लड़कियों को भी पुलिस ने सख्ती के साथ फटकार लगाई है। साथ ही उनसे उनके परिजनों के मोबाइल नंबर, पता भी पुलिस ने कलेक्ट किया है।
रायपुर पुलिस को सीएम से मिली तारीफ
इधर रायपुर पुलिस की इस ताबड़तोड़ छापेमारी से प्रदेश का मुखिया खुश होकर पुलिस टीम की पीठ भी थपथपाई है। रायपुर पुलिस ने इस कार्यवाही की जानकारी ट्वीटर पर तस्वीरों के साथ साझा की। इस पर ष्टरू भूपेश बघेल ने इसे री-ट्वीट करते हुए ‘वेल डन’ लिखा है।
वीआईपी रोड बना हुक्का हब
राजधानी में वीआईपी रोड और उसके आसपास का क्षेत्र हुक्के का हब बन गया है। वीआईपी के राम मंदिर से लेकर माना एयरपोर्ट तक करीब 50 से ज्यादा हुक्का बार हैं। देर रात से युवक-युवतियों का आना-जाना लगा रहता है। हालांकि राजधानी में पिछले 2 वर्षों में पुलिस एक दर्जन से अधिक हुक्का बार पर छापे मार चुकी है लेकिन एक-दो दिन सील रहने के बाद कारोबारी मामूली जुर्माने देकर वापस फिर से खोल लेते थे। पुलिस भी कई बार छापे मार चुकी, बावजूद एक भी हुक्का बार बंद नहीं हुआ है। पुलिस की माने तो, हुक्का बार रोकने में नियम-कायदे लचीला होने के कारण कारोबारी चंद ही दिनों में ही दुबारा खोल लेता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हुक्का बार बंद करने के लिए सख्त कानून की जरूरत है।
क्या होता कोटपा-2003 एक्ट और क्या जुर्माना
हुक्का बार में छापे के बाद पुलिस कोटपा-2003 एक्ट के तहत जुर्माना करती है या मामला कोर्ट में पेश कर देती है। आरोपी थोड़े जुर्माने के बाद छूट जाते हैं। कई बार तो हुक्का बार वालों को थाने से ही छोडऩा पड़ रहा है। इसलिए सख्ती नहीं हो पा रही है। शहर में अधिकांश हुक्का बार गुमाश्ता लाइसेंस से चल रहे है।
फ्लेवर वाले हुक्का नारकोटिक्स एक्ट में नहीं आते, क्योंकि उसमें तंबाखू नहीं होती, इसलिए कार्रवाई तगड़ी नहीं हो पा रही है। सार्वजनिक स्थल जैसे होटल, रेस्तरा, कैफे, शैक्षणिक संस्थान समेत निजी व सरकारी कार्यालयों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। जो धूम्रपान करते पाए जाते हैं, उनपर कोटपा एक्ट-2003 की धारा 4 व 6 के उल्लंघन के तहत मौके पर जुर्माना किया जाता है। हुक्के में यही कार्रवाई होती है। जुर्माना अधिकतम 200 रुपए है।
सीएम का हुक्का बार बंद करने का निर्णय साहसिक : कांग्रेस
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस आदेश से राज्य की तरूणाई जो नशे के गर्त में जा रही थी उस पर विराम लगेगा। हुक्का बार बंद करने के साथ गांजा और मादक पदार्थो की एक पत्ती भी राज्य में नहीं आने देने की मुख्यमंत्री की दृढ़ता उनकी युवाओं के स्वास्थ्य और उनके भविष्य की चिंता को बताता है। पूर्ववर्ती रमन सरकार ने बड़े पैमाने पर हुक्का बार का लाइसेंस देकर राज्य के युवाओं के स्वास्थ्य और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया था। एक साथ बड़े पैमाने पर लाईसेंस लेकर खोले गये हुक्का बारों को बंद करने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निर्णय एक साहसिक निर्णय है। हुक्का बार के शिकार बच्चें और किशोर थे। रमन सरकार ने भाजपा नेतओं को उपकृत करने के उद्देश्य से आने वाली पीढ़ी के भविष्य की चिंता किये बिना हुक्का बार का लाईसेंस दिया था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि डॉ. रमन सिंह हुक्का बार को बंद किये जाने के मुख्यमंत्री के निर्णय में भी भीन भेख निकाल कर बयान बाजी कर रहे। इससे साफ हो रहा कि हुक्का बार और नशे के कारोबार बंद किये जाने के राज्य सरकार के निर्णय से वे असहमत है। रमन सिंह का असहमत होना स्वाभाविक भी है। 15 साल तक उनके राज में पनपा नशा माफिया जो हुक्का बार चलाता था, गांजे और अन्य मादक पदार्थो का कारोबार करता था। वह इस एक निर्णय से सड़क पर आ गया। प्रदेश के लाखों अभिवावक मुख्यमंत्री के इस साहसिक निर्णय के लिये उनका अभिनंदन करते है।
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