राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग पर वह खुद लेंगी फैसला
नई दिल्ली ,16 अक्टूबर 2021 (ए)। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अध्यक्ष पद त्यागने वाले राहुल गांधी क्या दोबारा कांग्रेस की कमान संभालेंगे कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने यह फैसला खुद राहुल गांधी पर छोड़ दिया है। इसलिए सोनिया गांधी अब एक साल और पार्टी की कमान संभालेंगी।शनिवार को यहां हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक की जानकारी देते हुए पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा कि सभी की यही राय है, लेकिन फैसला वह खुद लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया अगले साल सितंबर में शुरू होगी। वहीं सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं की मांग पर कहा कि इस पर विचार करेंगे। अंबिका सोनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हर कोई इस बात पर सहमत है कि वह (राहुल गांधी) बनेंगे (पार्टी अध्यक्ष) या नहीं, यह उन पर है। सभी ने यह इच्छा जाहिर की कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए। सूत्रों के हवाले से बताया कि सीडब्ल्यूसी बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मांग पर राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रस्ताव पर विचार करेंगे। राहुल ने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी नेताओं से विचार धारा के स्तर पर स्पष्टता चाहिए। कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि चुनाव तक उन्हें अंतरिम अध्यक्ष बना दिया जाए। बता दें, कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं और कपिल सिब्बल सहित कई नेता अस्थायी अध्यक्ष नहीं चुने जाने को लेकर असंतोष जाहिर कर चुके हैं। संगठन चुनाव को लेकर सोनिया गांधी को खत लिख चुके 23 नेताओं को जी-23 कहा जाता है।
सोनिया गांधी ने आज इन नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि वह भले ही अंतरिम अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्टी के लिए फुल टाइम काम कर रही हैं। अंबिका सोनी ने कहा कि बैठक में जी-23 का जिक्र नहीं किया गया। वे बैठक में मौजूद थे। कांग्रेस समूहों में नहीं बंटी है, हम सब एकजुट हैं। कांग्रेस पार्टी के सभी नेता एकमत हैं और चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष बनें। प्रक्रिया (चुनाव की) सितंबर 2022 में शुरू होगी। कांग्रेस के जी 23 समूह के नेताओं की ओर से पार्टी के भीतर संवाद की मांग किए जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में सीडब्ल्यूसी की बैठक हो रही है। पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी। आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए। सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए।
सोनिया गांधी ने जी-23 को दी नसीहत
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को पार्टी के जी 23 समूह के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं और उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी बताया कि अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जानी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ही इसे टालना पड़ा तथा अब इसकी रूपरेखा पेश की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने आगामी विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन अगर हम एकजुट रहते एवं अनुशासित रहते हैं और सिर्फ पार्टी के हित पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम अच्छा करेंगे। सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं।
पार्टी संगठना को मजबूत करने पर बल
सोनिया ने संगठानात्मक चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि पूरा संगठन चाहता है कि कांग्रेस फिर से मजबूत हो। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एकजुटता हो और पार्टी के हित को सर्वोच्च रखा जाए। इन सबसे ऊपर आत्मनियंत्रण और अनुशासन की जरूरत है। सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण अध्यक्ष के चुनाव को लेकर समयसीमा बढ़ानी पड़ी थी।